अलवर. शहर में गुरुवार को जगन्नाथ मंदिर में महाआरती के साथ मत्स्य उत्सव की शुरुआत (Matsya festival begins in Alwar) हुई. आरती के बाद मैराथन दौड़ का आयोजन हुआ. चार दिनों तक चलने वाले अलग-अलग कार्यक्रमों में जिले भर के लोग शामिल होंगे. इसकी शुरुआत खुद जिला कलेक्टर कर रहे हैं. मत्स्य उत्सव के दौरान पहली बार प्रशासन की तरफ से कई नवाचार किए जा रहे हैं.
इस अवसर पर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि मत्स्य उत्सव प्रत्येक नागरिक का उत्सव है. इसमें बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाएं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस आयोजन को सिटीजन सेंटरिक बनाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए सभी नागरिकों की सहभागिता की आवश्यकता है. अलवर जिले की व्यापक भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विशेषताओं को विश्व पटल तक ले जाने का प्रयास है. इससे अलवर जिले के पर्यटन में इजाफा होगा.
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तीन लाख स्कूली बच्चों को जोड़ने की कवायद : अलवर जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र सोनी ने बताया कि इस आयोजन से (Programs in Matsya festival in Alwar) पहली बार पूरे अलवर जिले को जोड़ा जा रहा है. यहां सबसे बड़ी बात यह है कि अलवर के स्कूल और कॉलेजों के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ा जाएगा. करीब 3 लाख बच्चों को मत्स्य उत्सव के माध्यम से अलवर की विरासत को जानने का मौका मिलेगा. साथ ही ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, समरसता की विरासत को पहचानने के लिए अलवर को जानो प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है.
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मत्स्य उत्सव में जोड़े गए नए प्रोग्राम : आमजन व स्कूली बच्चों के इंटरेस्ट को देखते हुए पेट डॉग शो, फ्लोरल शो, फिलेटली शो या कवि सम्मेलन को शामिल किया गया है. साथ ही साइकिलिंग, सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद कार्यक्रम भी होंगे. उन्होंने बताया कि अलवर में काफी पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल हैं. उनमें स्थापत्य कला का सौंदर्य है. ऐसे अलवर की विरासत को राष्ट्रीय और विश्व पटल पर लाना जरूरी है. पहली बार नए कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. धार्मिक स्थलों पर कार्यक्रम तक हर व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ नया और रुचिकर कार्यक्रम रखें गए हैं.
नेहरू गार्डन से दौड़ को दिखाई हरी झंडी : गुरुवार सुबह 6 बजे हुई महाआरती में जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी, अतरिक्त जिला कलेक्टर शहर नवीन यादव, पर्यटन विभाग अधिकारी टीना यादव प्रशासनिक अधिकारी मंदिर महंत स्काउट से जुड़े छात्र-छात्राएं सहित अनेक भक्त मौजूद रहे. ढोल-नगाड़े बजाए गए. घंटों गढ़ियालों की आवाज से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. अलवर में मत्स्य उत्सव के आगाज के बाद जिला कलेक्टर ने नेहरू गार्डन से दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. दौड़ का समापन मोती डूंगरी पर हुआ.