अलवर. पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसरू खां ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों व नेताओं पर गलत तरह से 500 बीघा से ज्यादा चारागाह, सरकारी भूमि व पहाड़ों के गलत तरह से लोगों के नाम आवंटन करने का आरोप (Illegal land allotment in Alwar) लगाया. इस जमीन व पहाड़ों की बाजार कीमत करोड़ों रुपए में है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने आईएएस अधिकारी टी रविकांत को जांच सौंपी है. वे जांच करने के लिए बुधवार को अलवर पहुंचे. इस मामले को लेकर बनी जांच कमेटी की रिपोर्ट पर दो पटवारियों और एक भू-अभिलेख निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया (Three suspended in Alwar land scam) है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसरू खां ने आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों कई बड़े खुलासे करते हुए रामगढ़ व मालाखेड़ा क्षेत्र में करोड़ों रुपए की बंजर, चारागाह व सरकारी जमीन अवैध तरह से लोगों के नाम रातों-रात आवंटित करने का खुलासा किया. इसमें कांग्रेस के बड़े नेताओं, मंत्री, विधायकों और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए की जमीन गलत तरीके से लोगों के नाम आवंटित कर दी गई. यह अधिकार एसडीएम व तहसीलदार को नहीं है. लेकिन उसके बाद भी यह पूरा खेल हुआ.
आरटीआई में मिले दस्तावेज पेश करते हुए उन्होंने कहा कि रातों-रात यह पूरा खेल चला है. अलवर जिले में जमीनों के अलावा सरकारी पहाड़ भी लोगों के नाम गलत तरह से आवंटित कर दिए गए. पहले राजगढ़ एसडीएम पर गलत तरह से सरिस्का क्षेत्र में मार्बल जोन में जमीन आवंटित करने का आरोप लगा. आवंटन को कलेक्टर ने निरस्त किया. टी रविकांत को इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई है. अलवर के सर्किट हाउस में उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की व मौका मुआयना किया. इस मामले से जुड़े हुए दस्तावेज चेक किए व रामगढ़ एसडीएम कार्यालय की जांच पड़ताल की.
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अलवर जिला कलक्टर जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि उपखण्ड कार्यालय रामगढ़ से प्राप्त रिकॉर्ड के आधार पर कमेटी ने 12 गांवों के कुल 63.08 हेक्टेयर भूमि के 33 प्रकरणों में सिवायचक भूमि के ग्राम रघुनाथगढ़, नगला चिरावडा, पाटा, बेरे, मुबारिकपुर व बेराबास के कुल रकबा 27.36 हेक्टेयर के 16 प्रकरणों, नगर विकास न्यास अलवर की भूमि के ग्राम अग्यारा, सांखला, रूंध, धूणीनाथ, कमालपुर व ढाढोली के कुल रकबा 18.51 हेक्टेयर के 13 प्रकरणों तथा चारागाह भूमि के ग्राम ढाढोली, कमालपुर व हाजीपुर के कुल रकबा 17.21 हेक्टेयर के कुल 4 प्रकरणों के संबंध में प्राथमिक जांच की. इसमें इन प्रकरणों में न्यायालय उपखण्ड अधिकारी रामगढ़ ने डिक्री व निर्णय पारित किए हैं. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने तुरंत प्रभाव से यह बड़ा एक्शन लिया है.
उन्होंने कहा कि जिला कार्यालय से मार्गदर्शन प्राप्त किए बिना ही नामान्तरण स्वीकृत कर दिए गए. प्रकरण में गठित जिला स्तरीय कमेटी ने प्रथम दृष्टया तत्कालीन भू अभिलेख निरीक्षक बगडमेव हाल भू अभिलेख निरीक्षक धनेटा (नौगावां) मनीष मीना तथा तत्कालीन पटवारी बगडमेव व बहाला हाल पटवारी केसरोली मनीष कुमार एवं तत्कालीन पटवारी बगडमेव हाल पटवारी नयाबास ज्योति शर्मा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की. इस पर एडीएम प्रथम अखिलेश कुमार पिपल की अध्यक्षता में बनी जिला स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार मानते हुए भू अभिलेख निरीक्षक एवं पटवारियों को तत्काल प्रभाव निलंबित कर दिया गया है. साथ ही इन कार्मिकों को 16 सीसीए की चार्जशीट जारी की गई है.