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अस्पताल की लापरवाही से आफत में पड़ी 16 मासूमों के जान!

अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल में लापरवाही के कारण बड़ा हादसा होते होते टल (oxygen plant shut down in hospital in alwar) गया. शनिवार को अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बंद होने से कई मासूमों की जान पर संकट खड़ा हो गया था. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन सप्लाई शुरू करवा दी लेकिन इसमें समय लग गया. इस दौरान अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई थी.

alwar shishu hospital negligence case
गीतानंद शिशु अस्पताल में लापरवाही
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Published : Apr 3, 2022, 11:38 AM IST

अलवर. जिले के गीतानंद शिशु अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है. शनिवार देर रात अस्पताल (alwar shishu hospital negligence case) में अचानक खराबी आने से ऑक्सीजन प्लांट बंद हो गया. इस दौरान नर्सरी में 16 बच्चे ऑक्सीजन पर और 3 बच्चे सीपेप मशीन पर थे. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की सप्लाई वापस शुरू तो करवाई लेकिन इसमें खासा समय लग गया. अस्पताल की थोड़ी सी लापरवाही से उन मासूमों की जान पर बन आई. इस दौरान बच्चों के परिजन का बुरा हाल था.

घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल के स्टाफ ने सभी बच्चों को ऑक्सीजन (oxygen plant shut down in hospital in alwar) सिलेंडर से सप्लाई शुरू की. लेकिन इस प्रक्रिया में खासा समय लग गया. दूसरी तरफ प्लांट खराब होने की सूचना इंजीनियरों को दी गई. ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर (alwar Geetanand Shishu Hospital negligence) का कहना है कि खतरे की बात नहीं है. समय रहते बच्चों को सिलेंडरों से ऑक्सीजन सप्लाई दे दी गई थी.

गीतानंद शिशु अस्पताल में लापरवाही का मामला

क्या था पूरा मामला: जिन बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है, मां का दूध नहीं पीते, जन्म के बाद पीलिया की शिकायत होती है या अन्य कोई बीमारी से ग्रसित होते हैं. उन बच्चों को जन्म के बाद जरूरत के हिसाब से एनआईसीयू स्थित मशीनों में रखा जाता है. अलवर के शिशु अस्पताल स्थित एनआईसीयू नर्सरी में ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन पर रहते हैं. शनिवार को भी 16 बच्चे ऑक्सीजन पर थे. जबकि 3 बच्चे सीपेप मशीन पर थे. रात करीब 11 बजे बाद अचानक खराबी आने से ऑक्सीजन प्लांट बंद हो गया. ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई.

पढ़ें-यहां पानी टंकी में मिले बंदरों के शव, कई महीनों से हो रहा था Water Supply

मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ ने इसकी जानकारी शिशु अस्पताल और अन्य स्टाफ को दी. सभी कर्मचारियों ने मिलकर तुरंत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर से सभी बच्चों के ऑक्सीजन सप्लाई शुरू की. लेकिन थोड़ी भी चूक बच्चों की जान पर खतरा बन सकती थी. इस दौरान परिजनों का बुरा हाल था.
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया सभी बच्चे सुरक्षित हैं. जैसे ही ऑक्सीजन प्लांट के बंद होने की जानकारी मिली, सभी बच्चों को कंसंट्रेटर और सिलेंडर की मदद से ऑक्सीजन सप्लाई शुरू की गई. ऑक्सीजन के भरे हुए सिलेंडर नर्सरी में पहले से मौजूद थे. इसलिए ज्यादा समय खराब नहीं हुआ.

अलवर. जिले के गीतानंद शिशु अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है. शनिवार देर रात अस्पताल (alwar shishu hospital negligence case) में अचानक खराबी आने से ऑक्सीजन प्लांट बंद हो गया. इस दौरान नर्सरी में 16 बच्चे ऑक्सीजन पर और 3 बच्चे सीपेप मशीन पर थे. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन की सप्लाई वापस शुरू तो करवाई लेकिन इसमें खासा समय लग गया. अस्पताल की थोड़ी सी लापरवाही से उन मासूमों की जान पर बन आई. इस दौरान बच्चों के परिजन का बुरा हाल था.

घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल के स्टाफ ने सभी बच्चों को ऑक्सीजन (oxygen plant shut down in hospital in alwar) सिलेंडर से सप्लाई शुरू की. लेकिन इस प्रक्रिया में खासा समय लग गया. दूसरी तरफ प्लांट खराब होने की सूचना इंजीनियरों को दी गई. ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर (alwar Geetanand Shishu Hospital negligence) का कहना है कि खतरे की बात नहीं है. समय रहते बच्चों को सिलेंडरों से ऑक्सीजन सप्लाई दे दी गई थी.

गीतानंद शिशु अस्पताल में लापरवाही का मामला

क्या था पूरा मामला: जिन बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है, मां का दूध नहीं पीते, जन्म के बाद पीलिया की शिकायत होती है या अन्य कोई बीमारी से ग्रसित होते हैं. उन बच्चों को जन्म के बाद जरूरत के हिसाब से एनआईसीयू स्थित मशीनों में रखा जाता है. अलवर के शिशु अस्पताल स्थित एनआईसीयू नर्सरी में ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन पर रहते हैं. शनिवार को भी 16 बच्चे ऑक्सीजन पर थे. जबकि 3 बच्चे सीपेप मशीन पर थे. रात करीब 11 बजे बाद अचानक खराबी आने से ऑक्सीजन प्लांट बंद हो गया. ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई.

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मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ ने इसकी जानकारी शिशु अस्पताल और अन्य स्टाफ को दी. सभी कर्मचारियों ने मिलकर तुरंत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलेंडर से सभी बच्चों के ऑक्सीजन सप्लाई शुरू की. लेकिन थोड़ी भी चूक बच्चों की जान पर खतरा बन सकती थी. इस दौरान परिजनों का बुरा हाल था.
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया सभी बच्चे सुरक्षित हैं. जैसे ही ऑक्सीजन प्लांट के बंद होने की जानकारी मिली, सभी बच्चों को कंसंट्रेटर और सिलेंडर की मदद से ऑक्सीजन सप्लाई शुरू की गई. ऑक्सीजन के भरे हुए सिलेंडर नर्सरी में पहले से मौजूद थे. इसलिए ज्यादा समय खराब नहीं हुआ.

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