अलवर. जिले में थानागाजी गैंगरेप पीड़ित परिवार इन दिनों सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद घुट-घुट कर जीवन जीने को मजबूर हो रहा है. पीड़ित परिवार लगातार हो रही बदनामी की वजह से इस गांव और क्षेत्र में नहीं रहना चाहता है.
पीड़िता के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके बेटे और बहू को ऐसी जगह विस्थापित किया जाए. जहां उन्हें कोई पहचान न सके, जिससे की उनका भविष्य सुधर सके. इसके अलावा पीड़ित दंपती को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की.
पीड़िता का परिवार अभी सदमे से उबर ही नहीं पा रहा है. लगातार राजनीतिक, सामाजिक संगठनों और एनजीओ के लोग परिवार से मिलने के लिए पहुंच रहे हैं. इससे पीड़ित परिवार के घर लगातार लोगों का तांता लगा रहता है. इस वजह से परिवार के लोग गैंगरेप की वारदात को नहीं भूल पा रहे हैं. इस वारदात के बाद अब पीड़ित परिवार गांव में नहीं रहना चाहता है. इसके लिए उन्होंने सरकार से मांग की है कि वे पीड़ित दंपती को सरकारी नौकरी दें. ऐसी जगह विस्थापन किया जाए. जहां उन्हें इस बदनामी के दाग से निजात मिल सके और वहां उन्हें कोई पहचान न सके.
गैंगरेप पीड़िता के ससुर ने बताया कि परिवार के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं. पूरा परिवार अभी भी दहशत में जीवन जी रहा है. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद उनके परिवार की बदनामी हो चुकी है. वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है, जिससे अभी भी प्रशासन रोकने में नाकामयाब रहा है. इसलिए यहां रहना उनका दूबर हो रहा है.
पीड़िता परिवार से मिलने के लिए लगातार राजनीति और सामाजिक संगठनों के लोग मिल रहे हैं और फोटो खींच रहे हैं. इससे भी पीड़ित परिवार लाचार और ठगा सा महसूस कर रहा है. कई राजनीति से जुड़े हुए लोगों ने पीड़ित परिवार के साथ खींची हुई फोटो सोशल मीडिया पर भी अपलोड की हैं. इस पर भी पुलिस प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया है. 15 मई को इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी थानागाजी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए आ रहे हैं.