अलवर. जिले में 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान में कई साल बाद इस बार बेहतर बारिश हुई है. जिससे सिरस्का के सभी बांध एनीकट तालाब भर चुके हैं. ऐसे में प्रशासन का कहना है कि आने वाले मार्च माह तक सरिस्का में पानी की कमी नहीं होगी और वन्यजीवों को भी इसका फायदा मिलेगा.
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बता दें कि क्षेत्र में कई तालाब और बांध है. आमतौर पर यह तालाब सूखे रहते हैं जिससे वन्यजीवों को पानी के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है. गर्मी के मौसम में सरिस्का प्रशासन को ट्यूबवेल और टैंकरों की मदद से सरिस्का क्षेत्र में बने एनीकट और कुंडों में पानी डलवाना पड़ता है.
बारिश का असर घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को भी मिलेगा. सरिस्का में अन्य सालों की तुलना में अच्छी हरियाली और सौंदर्य देखने को मिलेगा. विशेषज्ञों की मानें तो यह अन्य टाइगर रिजर्व से बड़ा और सुंदर है, यहां बाघ भी सुरक्षित हैं. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते आए दिन यह राष्ट्रीय उद्यान विवादों में रहता है.
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सरिस्का के डीएफओ सेडूराम यादव ने बताया कि इस बार कई सालों की तुलना में बेहतर बारिश हुई है. इस बार की बारिश से सरिस्का क्षेत्र में तालाब, बांध, एनीकट सहित सभी छोटे-बड़े गड्ढे भी भर चुके हैं. इससे वन्यजीवों को पानी के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा आने वाले मार्च 2020 तक इनमें पानी रहेगा. पानी के लिए सरिस्का प्रशासन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हर बार सरिस्का एरिया में बोरिंग खुदवाई जाती है. उन बोरिंग की मदद से वन्यजीवों को पानी उपलब्ध कराया जाता है.
उन्होंने बीते दिनों सरिस्का क्षेत्र में 3 नए बाघ के बच्चों पर बोलते हुए कहा कि अभी तक उनकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है. जब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं मिलती है, इस बारे में कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि लंबे समय से सिरिस्का में 3 नए शावकों के होने की अफवाह चल रही है. लेकिन अभी तक प्रशासन को यह बच्चे नजर नहीं आए हैं.