अलवर. शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग को लेकर शुक्रवार को पार्षद नगर परिषद पहुंचे और नगर परिषद सभापति के कमरे के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान पार्षदों ने सभापति और आयुक्त के नाम ज्ञापन भी सौंपा. इन पार्षदों में कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के पार्षद शामिल रहें.
सभी पार्षदों का कहना है कि सफाई अधिकारी को लगे 6 दिन हुए हैं और उनकी सफाई व्यवस्था से सभी पार्षद खुश हैं तो उनको ठेकेदारों के कहने पर क्यों हटाया गया. सफाई अधिकारी को हटाए जाने का हम सभी पार्षद विरोध करते हैं और अगर उनको सफाई अधिकारी के पद पर दोबारा नहीं लगाया गया तो हम कलेक्ट्रेट पर जाकर धरना देंगे.
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कांग्रेस के पार्षद रमन सैनी ने कहा कि नगर परिषद और उसके पार्षदों का पहला दायित्व यही है कि वो सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखे. लेकिन, पिछले एक साल से सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है. करीब 6 दिन पहले मुख्य सफाई निरीक्षक के पद पर बाबूलाल गुप्ता को लगाया गया, तब से व्यवस्थाओं में कुछ सुधार हुआ और उन्होंने सफाई ठेकेदारों की 2 लाख से अधिक की पेनल्टी काट दी. ऐसे में ठेकेदारों ने लामबंद होकर इस बारे में कमिश्नर संभव कुमार अवस्थी पर दबाव बनाया और बाबूलाल गुप्ता को सफाई निरीक्षक के पद से हटा दिया. इन पार्षदों की मांग है कि बाबूलाल गुप्ता को पद पर लगाया जाए और शहर की व्यवस्था सफाई व्यवस्था को ठीक किया जाए.
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वहीं, इस बारे में नगर परिषद अध्यक्ष बीना गुप्ता ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था बेहद बिगड़ी हुई है और कमिश्नर सुन नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब पार्षद शिकायत करेंगे तो सफाई ठेकेदार की पेनल्टी भी कटेगी और वसूली भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि पार्षदों को जनता ने इसलिए चुना है कि वो अपने वार्ड में सफाई कराएं. लेकिन, कमिश्नर अपनी मनमानी कर रहे हैं. सरकार ने नया कमिश्नर भी लगा दिया है. लेकिन, उनके ज्वाइन नहीं करने से पहले मौजूदा कमिश्नर भ्रष्टाचार कर रहे हैं.