अलवर. पद्मश्री मिलने के बाद दिल्ली से अलवर आने पर उषा चौमर मंगलवार को विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया. ईटीवी भारत से बात करते हुए उषा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने उनसे बात कर हौसला अफजाई की. बातचीत से उनके जीवन में नया संचार हुआ है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उषा चौमर ने कहा कि वो पहले मैला ढोती थी. उनका जीवन नारकीय हो गया था. सम्मान मिलने से नया जीवन मिला है. जीने का अधिकार मिला है. उन्होंने कहा कि मैला ढोने वाली महिलाओं को सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता है.
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उन्होंने कहा कि नई दिशा संस्था से जुड़ी महिलाएं मोमबत्ती अचार, पापड़, पति व अन्य सामान बनाती हैं. महिलाओं का सभी सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि उन जैसी हजारों महिलाओं को देश में नया जीवन मिला है. जीवन जीने की नई उम्मीद मिली है.
उल्लेखनीय है कि उषा चौमर को 2020 में पद्मश्री देने की घोषणा हुई थी. लेकिन उसके बाद कोरोना का प्रभाव पूरे देश में बढ़ गया था. इसलिए पद्मश्री देने का कार्यक्रम नहीं हुआ था. सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह हुआ. उषा चौमर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले राखी भी बांध चुकी है. पद्मश्री मिलने के बाद पीएम मोदी ने उषा से बात भी की. वहीं राष्ट्रपति ने भी उनके जीवन के अनुभव जाने. राष्ट्रपति ने समाज की सभी महिलाओं को कभी नहीं हारने का संदेश दिया है.