अलवर. जिले में अब दो मेडिकल कॉलेज होंगे. यहां ईएसआईसी का मेडिकल कॉलेज पहले से चल रहा है और इस साल से प्रदेश सरकार का मेडिकल कॉलेज भी शुरू हो रहा है. शहर के बीचोबीच मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. नेशनल मेडिकल कमीशन ने 100 सीटों पर प्रवेश की अनुमति दे दी है. ऐसे में नीट परीक्षा और काउंसलिंग के बाद मेडिकल कॉलेज में इस साल एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
जिले में जेल की जमीन पर बन रहे प्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेज का काम तेजी से चल रहा है. नेशनल मेडिकल कमीशन ने 2023-24 बैच के लिए 100 सीटों की मान्यता दे दी है. ऐसे में इस साल से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. पहला बेच आने से पहले उपकरण संसाधनों की पूरी व्यवस्था और सुविधा मुहैया कराई जाएगी. मेडिकल कॉलेज परिसर में 18 भवनों का निर्माण किया जा रहा है. इस संबंध में प्रिंसिपल लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों के लिए अनुमति मिल चुकी है. इस सत्र से प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी. भवन का काम भी तेजी से चल रहा है. जिस भवन में कक्षाएं लगेंगी वह भी जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा.
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30 अप्रैल तक बन जाएगा एडमिनिस्ट्रेशन भवन: एडमिनिस्ट्रेशन भवन 30 अप्रैल से पहले तैयार हो जाएगा. कॉलेज में एकेडमिक ब्लॉक, बॉयज हॉस्टल, गर्ल्स हॉस्टल, गेम ब्लॉक, नॉन टीचिंग स्टाफ क्वार्टर, चतुर्थ श्रेणी क्वार्टर, इनडोर स्पोर्ट्स, ब्लॉक ओपन एयरटेल सहित अन्य सुविधाएं होंगी. मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद मरीजों को सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं मिलेंगी. अभी तक मरीजों को किडनी और लीवर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए जयपुर दिल्ली जाना पड़ता था, लेकिन अब अलवर शहर में ही मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा.
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9 साल पहले की थी घोषणा
अलवर में 9 साल पहले सरकार ने मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी. उसके बाद अलवर का मेडिकल कॉलेज फाइलों में अटका रहा. अलवर के साथ के सभी मेडिकल कॉलेज शुरू हो गए. प्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेज की लंबे समय से इंतजार था. मेडिकल कॉलेज में जल्द ही स्टाफ की नियुक्ति होगी. शहर के बीचोबीच मेडिकल कॉलेज शुरू होने से लोगों को इसका फायदा मिलेगा. मेडिकल कॉलेज से राजीव गांधी सामान्य अस्पताल महिला अस्पताल व शिशु अस्पताल को जोड़कर चलाया जाएगा. तीनों अस्पतालों में 720 से ज्यादा बेड पर मरीजों का इलाज चल रहा है.