अलवर. जिले में 9 सिर के रावण का दहन हुआ, यह बात सुनने में बड़ी ही अजीब लगी होगी. लेकिन यह हकीकत है. अलवर के दशहरा मैदान में यह बात चर्चा का विषय बनी रही. दरअसल, रावण का दसवां सिर उसके मुख्य सिर के ऊपर गधे के रूप में मौजूद था. लेकिन किसी को वह नजर नहीं आया.
अलवर में 62 फुट के रावण का दहन हुआ. रावण दहन के दौरान सभी की निगाहें रावण के 9 सिर पर लगी हुई थी. 4 सिर एक तरफ और चार दूसरी तरफ थे. तो वहीं मुख्य सिर बीच में था. ऐसे में गिनती में रावण के 9 से नजर आ रहे थे. यह मुद्दा अलवर के दशहरा मैदान में चर्चा का विषय बना रहा.
रावण दहन के बाद ईटीवी भारत ने रावण बनाने वाले कारीगरों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि रावण का दसवां सिर रावण के मुख्य सिर के ऊपर गधे के रूप में मौजूद था. उन्होंने कहा कि सभी जगह पर इसी तरह का रावण देखने को मिलता है. लेकिन क्योंकि रावण का पुतला बड़ा होता है और लोग दूर होते हैं. तो इसलिए उनको रावण का दसवां सिर नजर नहीं आता है.
पढ़ें: धौलपुर में हादसों का दिनः मूर्ति विसर्जन के दौरान अभी तक 10 की मौत...7 के शव बरामद, 3 अब भी लापता
आरएसएस ने निकाला पथ संचलन
इससे पहले विजयादशमी के पर्व पर अलवर शहर में बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से स्थापना दिवस मनाया गया. अलवर की कंपनी बाग से आरएसएस स्वयंसेवकों ने पथ संचलन शुरू किया. कंपनी बाग से चर्च रोड होते हुए होप सर्कस, घंटाघर, भगत सिंह सर्किल होते हुए और भी मुख्य मार्गों से पथ संचलन किया. कार्यक्रम में आर एस एस की ओर से सर्वप्रथम शस्त्र पूजन के साथ कार्यक्रम को शुरू किया गया. इसके बाद आरएसएस के स्वयंसेवकों ने शारीरिक प्रदर्शन और व्यायाम किया और शस्त्र विद्या का प्रदर्शन किया. पथ संचलन के दौरान शहर भर में मुख्य चौराहों पर पुष्प वर्षा कर पथ संचलन का स्वागत किया गया. इस कार्यक्रम में करीब 500 स्वयंसेवकों ने भाग लिया.
बानसूर में हुआ 'अंहकार का अंत'
भगत सिंह युवा संगठन के तत्वाधान मे विजयादशमी के मौके पर बाईपास रोड पर एक मैदान पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम से भगवा बाइक रैली कस्बे के मुख्य मार्ग होती हुई रावण दहन मैदान पहुंची. कार्यक्रम के समाजसेवी मुख्य अतिथि गजेंद्र सिंह ज्ञानपुरिया ने कहा कि दशहरा पर असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है, आज के दिन इंसान को अपने मन में छुपे रावण को दहन करने की शपथ लेनी होगी. मुख्य वक्ता युवा कवि अमित शर्मा ने ओजस्वी वाणी से देश भक्ति कविताएं सुनाकर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी.