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रात के अंधेर में ईंट भट्टों पर पहुंचे जिला कलेक्टर, काम करने वाले 6 बच्चों को कराया मुक्त - बाल श्रम

अलवर में जिला कलेक्टर ने ईंट भट्टों पर औचक निरीक्षण किया, जहां से काम करते 6 बच्चों को मुक्त कराया गया है. जिला कलेक्टर का कहना है कि ईंट भट्टों के मालिकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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अलवर ईंट भट्टों पर काम करते 6 बच्चे मुक्त
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Published : Jun 13, 2021, 5:36 PM IST

अलवर. जिले में खुलेआम बाल श्रम का खेल चल रहा है. बाल श्रम रोकने के लिए अलवर जिला कलेक्टर ने शनिवार रात को औचक ईंट भट्टों का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां से छह बच्चों को मुक्त कराया गया. सभी बच्चों का बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है.

जिला कलेक्टर के ईट भट्टों के औचक निरीक्षण के दौरान वहां 14 साल से कम उम्र के 6 बच्चे काम करते मिले. यहां सभी बच्चों को अलवर के बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है. बच्चों से काउंसलिंग की जा रही है. साथ ही प्रशासन की तरफ से ईंट-भट्टों की जांच भी चल रही है. जिला कलेक्टर ने कहा कि ईंट भट्टों के मालिकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. बच्चों को नया जीवन देने के प्रयास किए जाएंगे. उन्हें स्कूल में दाखिला कराया जाएगा. साथ ही अन्य प्रयास भी लगातार प्रशासन की तरफ से नियम अनुसार किए जा रहे हैं.

अलवर ईंट भट्टों पर काम करते 6 बच्चे मुक्त

यह भी पढ़ें. डॉक्टर दंपती हत्याकांड का मुख्य आरोपी अनुज गिरफ्तार, गाड़ी में बैठकर गर्लफ्रेंड से मिलने आ रहा था भरतपुर

अलवर में औद्योगिक इकाई अन्य जिलों से ज्यादा है. औद्योगिक इकाइयों में बड़ी संख्या में बच्चों के काम करने की शिकायत मिलती है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से बच्चों को मुक्त कराने के लिए विशेष कमेटी बनाई गई है. जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले भर में प्रशासन की तरफ से बाल श्रम करने वाले बच्चों को नया जीवन देने के प्रयास किए जाएंगे. प्रशासन की टीम जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अचानक जांच-पड़ताल में दबिश देगी. बाल श्रम करने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे. उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. बाल श्रम कराना नियम अनुसार गलत है.

अलवर. जिले में खुलेआम बाल श्रम का खेल चल रहा है. बाल श्रम रोकने के लिए अलवर जिला कलेक्टर ने शनिवार रात को औचक ईंट भट्टों का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां से छह बच्चों को मुक्त कराया गया. सभी बच्चों का बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है.

जिला कलेक्टर के ईट भट्टों के औचक निरीक्षण के दौरान वहां 14 साल से कम उम्र के 6 बच्चे काम करते मिले. यहां सभी बच्चों को अलवर के बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है. बच्चों से काउंसलिंग की जा रही है. साथ ही प्रशासन की तरफ से ईंट-भट्टों की जांच भी चल रही है. जिला कलेक्टर ने कहा कि ईंट भट्टों के मालिकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. बच्चों को नया जीवन देने के प्रयास किए जाएंगे. उन्हें स्कूल में दाखिला कराया जाएगा. साथ ही अन्य प्रयास भी लगातार प्रशासन की तरफ से नियम अनुसार किए जा रहे हैं.

अलवर ईंट भट्टों पर काम करते 6 बच्चे मुक्त

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अलवर में औद्योगिक इकाई अन्य जिलों से ज्यादा है. औद्योगिक इकाइयों में बड़ी संख्या में बच्चों के काम करने की शिकायत मिलती है. ऐसे में प्रशासन की तरफ से बच्चों को मुक्त कराने के लिए विशेष कमेटी बनाई गई है. जिला कलेक्टर ने कहा कि जिले भर में प्रशासन की तरफ से बाल श्रम करने वाले बच्चों को नया जीवन देने के प्रयास किए जाएंगे. प्रशासन की टीम जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अचानक जांच-पड़ताल में दबिश देगी. बाल श्रम करने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे. उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. बाल श्रम कराना नियम अनुसार गलत है.

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