अजमेर. चर्म रोग कई प्रकार के होते हैं जिनमें से एक मस्सा भी है. चेहरे गले समेत शरीर के कई हिस्सों में उभरने वाली चमड़ी मस्सा भी हो सकती है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित से जानते हैं शरीर में होने वाले मस्से के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में.
शरीर में चर्म रोग की बात करें, तो इससे संबंधित 4 हजार से भी अधिक रोग हैं. लेकिन आम धारणा है कि चर्म रोग से संबंधित केवल तीन ही तरह के लक्षण शरीर में नजर आते हैं. मसलन शरीर पर चपटे चिन्ह हों, तो वह दाग, उभरी हुई चमड़ी हो, तो उसे मस्सा और चमड़ी के रंग में परिवर्तन हो, तो उसे भभूति समझा जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है. त्वचा संबंधी सभी रोगों के कारण और लक्षण भिन्न होते हैं. ऐसे में चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर सलाह अनुसार उपचार लेना चाहिए.
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित ने बताया कि शरीर पर मस्से 2 तरह से होते हैं. पहला वायरस जनित और दूसरा स्वतः होने वाले मस्से. उन्होंने बताया कि मस्से पुरुष और महिलाएं दोनों को हो सकते हैं. डॉ पुरोहित ने बताया कि मस्सों का कारगर इलाज थेरेपी है. थेरेपी के माध्यम से मस्सों को हटाया जाता है.
वायरस जनित मस्से तीन प्रकार केः डॉ पुरोहित ने बताया कि शरीर में वायरस जनित मस्से तीन प्रकार के होते हैं. इसमें वेरूका वल्गैरिस मस्सा छोटे बेर के आकार का होता है, जो गोभी की तरह नजर आता है. दूसरा वेरुका पलेना तिल के आकार के मस्से होते हैं और मोल्सकम कॉन्टेजियोसम मस्से मूंग के आकार तक होते हैं. मस्से के कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन यह संक्रमित होते हैं और शरीर पर फैलते हैं. उन्होंने बताया कि रोगी के टॉवल, रेजर, शेविंग ब्रश से यह दूसरे में फैल सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वायरस जनित मस्से जननांगों पर भी हो सकते हैं. जननांगों पर मस्से होने पर यह शारीरिक संबंध बनाने पर पार्टनर को भी हो सकते हैं.
स्वतः होने वाले मस्सेः चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि एक्वायर्ड मिलेनोसिटिक निवे मस्सा शरीर पर मूंग के दाने के आकार से उभर कर छोटे बेर के आकार तक हो सकता है. यह काला और भूरे रंग का होता है. दूसरा स्किन टैग मस्से होते हैं जो शरीर पर चमड़ी के कलर के उभरे हुए मस्से आंख के आसपास गले, बगल में रागों में होते हैं. यह मस्से छोटे बेर के आकार से भी बड़े हो सकते हैं. डॉ पुरोहित बताते हैं कि क्च्छ (डरमोटिटिस पपुलोसा नाइग्रा) मस्से चेहरे से लेकर गले तक होते हैं. यह काले रंग के राई के दाने के आकार के होते हैं. इसमें अनुवांशिकता की संभावना रहती है.