अजमेर. राजस्थान के अजमेर में मूसलाधार बारिश के अलर्ट के बीच कई सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है. अजमेर शहर, पुष्कर और अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति में आने वाले सभी गांवों में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की स्कूल में छुट्टी कर दी गई है. वहीं, सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
अजमेर में मूसलाधार बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है. काले बादल अजमेर के आकाश में मंडरा रहे हैं. हालांकि, अभी बादलों ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है, लेकिन रविवार रात को बादलों की ऐसी चुप्पी टूटी की अजमेर शहर की सड़कें दरिया बन गई. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में पानी घुस गया जो अगले दिन भी नहीं निकल पाया है. बरसात के पानी के साथ साथ भूमिगत पानी भी अस्पताल में आने लगा है. शहर के सभी अंडरपास तोपदड़ा, मदार, फ्रेजर रोड, दौहराई में पानी भरा है.
पढे़ं : सिरोही में मुसलाधार बारिश का दौर जारी, जिले के वेस्ट बनास बांध में पानी लबालब
बारिश के कारण अजमेर रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर भी पानी भर गया. मूसलाधार बारिश होने की आशंका के मद्देनजर आनासागर झील से चैनल गेट के माध्यम से एस्केप चैनल में पानी निकाला जा रहा है. इधर सन 1975, 1996 में झलका फॉयसागर इस बार झलक गया है. फॉयसागर झील की चादर चल रही है. कई लोग इस खूबसूरत नजारे को देखने पहुंचे. लोगों का कहना है कि प्रकृति अजमेर पर मेहरबान है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाई से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. बरसात से शहर की सड़कें कई जगह खराब हो चुकी हैं.
बांडी नदी के माध्यम से पानी आनासागर झील में आ रहा है. तीर्थ नगरी पुष्कर में भी झमाझम बारिश का असर देखने को मिला है. पुष्कर के पवित्र सरोवर में 5 फीट पानी आया है. सरोवर का जलस्तर अब 22 फुट हो गया है.
मौसम विभाग की चेतावनी : रविवार रात को अजमेर में 4 इंच बारिश हुई है. वहीं, सोमवार के लिए भी मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर रखा है. अजमेर कलेक्टर भारती दीक्षित ने मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह जलभराव वाले क्षेत्रों में पढ़ने वाले स्कूलों और जर्जर स्कूलों में आवश्यकतानुसार अवकाश करने के निर्देश जारी करें. इन निर्देश के बाद कई गैर सरकारी और सरकारी स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की छुट्टी कर दी गई है.
संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में भरा पानी : अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में बारिश के पानी के वार्डों, गलियारों और प्रयोगशाला में पानी भरने की समस्या का निराकरण अजमेर प्रशासन एक दशक बाद भी नहीं कर पाया है. बारिश में हमेशा अस्पताल में पानी भरने की समस्या रहती है, इस कारण मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, अस्पताल की इमारत को भी इससे नुकसान पहुंचता है और हादसे की संभावना बनी रहती है.
पढे़ं : प्रदेश में औसत बारिश का आधा कोटा पूरा, 20 जिलों में जमकर बरसे मेघ, 5 की मौत
अजमेर संभाग का सबसे बड़ा जेएलएन अस्पताल में बारिश का पानी भर गया है. हालांकि, यह समस्या नई नहीं है, लेकिन यहां भर्ती होने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए यह समस्या काफी बड़ी है. वार्डों में पानी भरने पर मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है, लेकिन अस्पताल में स्थित प्रयोगशाला में पानी भरा ही रहता है. जब तक कि उसे कर्मचारी खाली ना करें, लेकिन इस बार समस्या और बढ़ गई है. केवल बारिश का पानी ही नहीं, बल्कि अब जमीन से भी पानी निकलने लगा है यानी भमिगत पानी भी परेशानी का सबब बना हुआ है. अस्पताल में कर्मचारी वार्डों और प्रयोगशाला का पानी बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बाहर से आया पानी तो साफ हो गया मगर भूमिगत पानी आना नहीं थम रहा है.
जेएलएन अस्पताल के सफाई ठेकेदार बताते हैं कि अस्पताल के ऑर्थोपेडिक वार्ड की ओर बनाना लॉ अस्पताल से ऊंचा है. इस कारण नाले का पानी अस्पताल में घुस जाता है. प्रशासन को इस समस्या का समाधान करना चाहिए, लेकिन लंबा वक्त बीतने के बाद भी प्रशासन ने अस्पताल में बरसाती पानी के भराव को रोकने के लिए कोई स्थाई समाधान नहीं किया.
अजमेर में सीवरेज व्यवस्था हुई फेल : अजमेर में सीवरेज की समस्या एक अबूझ पहेली बन चुकी है, जो दो दशक में भी नहीं सुलझी है. 600 करोड़ से अधिक खर्च करने के बावजूद सीवरेज का कोई लाभ अजमेर की जनता को नहीं मिला, बल्कि बारिश में तो सड़कों पर सीवरेज के चैंबर पानी उगलने लगते हैं.