अजमेर. स्मार्ट सिटी कि ओर कदम बढ़ा रहे अजमेर शहर में यातायात व्यवस्था इतनी लचर है कि यह किसी से छुपी हुई नहीं है. खासकर टेंपो चालकों के मनमाने रवैए से न केवल हर रोज जाम की स्थिति बनती है, बल्कि टेंपो से दुर्घटना की हमेशा स्थिति बनी रहती है.
शहर में 600 से अधिक टेंपो का संचालन हर रोज हो रहा है. इसके अलावा कई टेंपो बिना परमिट के अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. शहर की सड़कों को अपनी जागीर समझने वाले टेंपो चालकों को कानून का कोई खौफ नहीं है. टेंपों चालक कहीं से भी, कभी भी बेखौफ सवारियों को बैठाते है. यातायात के नियमों की धज्जियां उडाने में माहिर टेंपों हर वक्त हादसे को निमंत्रण देते है.
शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग रेलवे स्टेशन रोड पर टेंपों चालकों की मनमानी इस कदर सामने आई कि निर्धारित जगहों पर टेंपों खड़े करने के बजाय सड़क के बीच में ही टेंपों को खड़ा कर देते है. साथ ही टेंपो के पीछे लगी मोटी लोहे की एंगल हादसे का कारण बनती है. टेंपो चालक लोहे की एंगल पर सवारियों को खड़ा करने के लिए उपयोग में लेते हैं, जबकि यह अवैध है. टेंपो का परमिट लेते वक्त यह एंगल नहीं होती, लेकिन परमिट मिलते ही टेंपो के पिछे यह एंगल लगा दी जाती है.
साथ ही ये देखा गया कि शहर में किसी भी टेंपो के पीछे इंडिकेटर नहीं है. टेंपो चालकों की ओर से कभी भी टेंपों को साइड में ले जाने के लिए किसी भी प्रकार का इंडिकेटर या संकेत नहीं दिया जाता है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है. ईटीवी भारत ने यातायात विभाग के उप अधीक्षक धर्मवीर रतनू से इस समस्या पर बात की तो उन्होंने माना कि टेंपो चालक मार्ग को अवरुद्ध करते हैं. वहीं टेंपो के पीछे लगी मोटी लोहे की एंगल हादसे का कारण है और यह अवैध है. रतनू ने तत्काल अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शहर में चल रहे टेंपो चालकों को 7 दिन के भीतर इस प्रकार की एंगल हटाने के आदेश दिए जाए. अगर टेंपों चालक 7 दिन के अंदर एंगल नहीं हटाते है तो कार्रवाई की जाएगी.
स्मार्ट सिटी के मद्देनजर अजमेर में एलिवेटेड ब्रिज का काम जारी है. ऐसे में निर्माण कार्य की वजह से यातायात का दबाव और दुगना हो गया है. वहीं टेंपो चालकों की मनमानी की वजह से यातायात व्यवस्था कोढ़ में खाज की तरह हो गई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि यातायात उप अधीक्षक धर्मवीर टेंपो चालकों की मनमानी को नियमों के अंतर्गत कैसे सुधार पाते हैं.