अजमेर. ऋषि घाटी में आयोजित ऋषि मेले में वेदों के मंत्रों (Divya Veda Vani Book Displayed at Rishi Fair in Ajmer) और सार को तेलुगू भाषा में अनुवादित पुस्तक दिव्य वेद वाणी को प्रदर्शित किया गया. इस पुस्तक को हैदराबाद के डॉ मर्रि कृष्ण रेड्डी ने 25 वर्षों के अथक प्रयासों से पूरा किया है. देश में पहली बार ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मंत्रों का तेलुगू भाषा में अनुवाद दिव्य वेद वाणी में किया गया है.
अनुवाद करने वाले डॉ मर्रि कृष्ण रेड्डी ने बताया कि दिव्य वेद वाणी पुस्तक (Divya Veda Vani Book Displayed at Rishi Fair) का वजन 28 किलो है. इसमें 4 हजार 104 पृष्ठ हैं. 25 वर्ष पहले डॉ रेडडी ने दिव्य वेद वाणी पुस्तक को लिखना शुरू किया था. मेले में प्रदर्शित यह पुस्तक आर्य जनों में काफी चर्चा और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. डॉ रेडडी ने बताया कि उन्होंने अपने गुरु गोप देव शास्त्री से संस्कृत और वेदों की पढ़ाई की. बाद में स्वामी जगदीश्वरानंद की प्रेरणा से दिव्य वेद वाणी पुस्तक लिखने का कार्य वर्ष 1996 में शुरू किया था. 2019 को कोविड 19 के समय उन्होंने पुस्तक को पूरा किया. उन्होंने बताया कि पुस्तक में सबसे पहले 500 अंक प्रकाशित किए गए थे. अधिकतर प्रबुद्ध जनों और जाने-माने लोगों को उपहार स्वरूप में यह दिया गया है.
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पृष्ठों की संख्या और वजन के आधार पर दिव्य वेद वाणी पुस्तक को 30 दिसंबर 2019 में हाईरेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है. हैदराबाद के वेद धर्म प्रचार ट्रस्ट के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ मर्रि कृष्ण रेडडी ने बताया कि अजमेर में चल रहे कृषि मेले में पुस्तक सभी को रोमांचित कर रही है. मनुस्मृति, वेदोंपांग, सत्यार्थ प्रकाश समेत लगभग 10 पुस्तकों का तेलुगू भाषा में अनुवाद किया जा चुका है.