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अजमेर : सुभाष उद्यान मनमोहक छवि से कर रहा पर्यटकों को आकर्षित...42 कैमरों से लैस यह पार्क पेश कर रहा स्वच्छता की मिसाल

अजमेर नगर प्रशासन ने पिछले कई सालों से बदहाल पार्कों, सड़कों पर ध्यान देना प्रारंभ किया, जिसके फलस्वरूप उभर कर आया शहर का सुभाष उद्यान जो स्वच्छता की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है.

अजमेर का सुभाष पार्क
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Published : Apr 26, 2019, 8:35 AM IST

अजमेर. शहर का सुभाष उद्यान को अगर अजमेर की जान कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. क्योंकि पिछले कई महीनों से इस उद्यान ने कंकर से शंकर बनने का सफर तय किया है. एक वक्त था जब ये अपनी बदहाल व्यवस्था से जूझ रहा था. लेकिन कब इसके दिन बदल गए, मालुम हीं नहीं चला.

हृदय योजना से बदली तस्वीर

शहर के बीचों बीच बसे इस उद्यान को प्रशासन की ओर से हृदय योजना के अंतर्गत लिया गया. इसके बाद इस उद्यान की तस्वीर बदल सी गई. इससे पहले कचरे का ढेर के साथ-साथ फुटपाथ पर रहने वाले फकीरों का डेरा भी यही लगा रहता था, जिसके कारण पर्यटक भी इस उद्यान में आने से कतराते हुए नजर आते थे.

अजमेर का सुभाष पार्क
लेकिन जब से इस उद्यान का हृदय योजना के अंतर्गत विस्तार किया गया तो अब यह उद्यान देखते ही बनता है. सुंदर पेड़ों के साथ लाइटिंग का संगम पर्यटकों को मोहता हुआ नजर आता है.

अजमेर सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और ब्रह्मा नगरी पुष्कर के कारण पर्यटन की दृष्टि से अजमेर काफी अहम स्थान रखता है. ऐसे में शहर में ऐसे एक उद्यान की सख्त जरूरत थी जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचे.

निगम को हुई 4 लाख की आय

नगर निगम के अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर 2018 से इस उद्यान में टिकट व्यवस्था को चालू किया गया और तब से 2019 अप्रैल तक इस उद्यान से नगर निगम को 4 लाख रुपये की आय हो गई है. जबकि नगर निगम कि ओर से 13.8 करोड़ रुपए इस उद्यान पर खर्च किए जा चुके हैं.

महिला कर्मचारी भी मौजूद

वहीं अगर हम स्वच्छता अभियान की दृष्टि से इस उद्यान की बात करें तो अजमेर जिले में यह उद्यान अव्वल है ही लेकिन आर्थिक दृष्टि से भी सुदृढ़ है. इस उद्यान में पुरुष कर्मचारियों के साथ-साथ महिला कर्मचारी भी मौजूद है जो यहां की व्यवस्थाओं के साथ-साथ सफाई व्यवस्था पर भी खासा ध्यान रखते है. ॉ

42 कैमरों से लैस है पार्क

सुरक्षा की दृष्टि से उद्यान परिसर में 42 कैमरे हैं. साथ ही ओपन वे जिम भी यहां उपलब्ध है. कैफेटेरिया और बच्चों की ट्रेन की व्यवस्था यहां होना बाकी है, जिसके बाद यह उद्यान पर्यटकों द्वारा और ज्यादा पसंद किया जाएगा.

बड़ी संख्या में आते है पर्यटक

पर्यटकों का कहना है कि वह लगभग 35 सालों से इस उद्यान में आ रहे हैं लेकिन जो पहले इस उद्यान की दशा थी अब उसकी सूरत ही बदल चुकी है. पर्यटक गोपाल बंजारा ने बताया कि यह उद्यान फव्वारा चौराहे के नजदीक ही बना हुआ है जिसके कारण अजमेर आने वाले पर्यटकों में से बड़ी संख्या इस उद्यान का दीदार करती है.

पानी की कमी दूर हो
साथ ही एक पर्यटक ने बताया कि सभी व्यवस्था माकूल है लेकिन पानी की कमी के चलते कई बार पर्यटक परेशान नजर आते है.

अजमेर. शहर का सुभाष उद्यान को अगर अजमेर की जान कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. क्योंकि पिछले कई महीनों से इस उद्यान ने कंकर से शंकर बनने का सफर तय किया है. एक वक्त था जब ये अपनी बदहाल व्यवस्था से जूझ रहा था. लेकिन कब इसके दिन बदल गए, मालुम हीं नहीं चला.

हृदय योजना से बदली तस्वीर

शहर के बीचों बीच बसे इस उद्यान को प्रशासन की ओर से हृदय योजना के अंतर्गत लिया गया. इसके बाद इस उद्यान की तस्वीर बदल सी गई. इससे पहले कचरे का ढेर के साथ-साथ फुटपाथ पर रहने वाले फकीरों का डेरा भी यही लगा रहता था, जिसके कारण पर्यटक भी इस उद्यान में आने से कतराते हुए नजर आते थे.

अजमेर का सुभाष पार्क
लेकिन जब से इस उद्यान का हृदय योजना के अंतर्गत विस्तार किया गया तो अब यह उद्यान देखते ही बनता है. सुंदर पेड़ों के साथ लाइटिंग का संगम पर्यटकों को मोहता हुआ नजर आता है.

अजमेर सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और ब्रह्मा नगरी पुष्कर के कारण पर्यटन की दृष्टि से अजमेर काफी अहम स्थान रखता है. ऐसे में शहर में ऐसे एक उद्यान की सख्त जरूरत थी जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचे.

निगम को हुई 4 लाख की आय

नगर निगम के अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर 2018 से इस उद्यान में टिकट व्यवस्था को चालू किया गया और तब से 2019 अप्रैल तक इस उद्यान से नगर निगम को 4 लाख रुपये की आय हो गई है. जबकि नगर निगम कि ओर से 13.8 करोड़ रुपए इस उद्यान पर खर्च किए जा चुके हैं.

महिला कर्मचारी भी मौजूद

वहीं अगर हम स्वच्छता अभियान की दृष्टि से इस उद्यान की बात करें तो अजमेर जिले में यह उद्यान अव्वल है ही लेकिन आर्थिक दृष्टि से भी सुदृढ़ है. इस उद्यान में पुरुष कर्मचारियों के साथ-साथ महिला कर्मचारी भी मौजूद है जो यहां की व्यवस्थाओं के साथ-साथ सफाई व्यवस्था पर भी खासा ध्यान रखते है. ॉ

42 कैमरों से लैस है पार्क

सुरक्षा की दृष्टि से उद्यान परिसर में 42 कैमरे हैं. साथ ही ओपन वे जिम भी यहां उपलब्ध है. कैफेटेरिया और बच्चों की ट्रेन की व्यवस्था यहां होना बाकी है, जिसके बाद यह उद्यान पर्यटकों द्वारा और ज्यादा पसंद किया जाएगा.

बड़ी संख्या में आते है पर्यटक

पर्यटकों का कहना है कि वह लगभग 35 सालों से इस उद्यान में आ रहे हैं लेकिन जो पहले इस उद्यान की दशा थी अब उसकी सूरत ही बदल चुकी है. पर्यटक गोपाल बंजारा ने बताया कि यह उद्यान फव्वारा चौराहे के नजदीक ही बना हुआ है जिसके कारण अजमेर आने वाले पर्यटकों में से बड़ी संख्या इस उद्यान का दीदार करती है.

पानी की कमी दूर हो
साथ ही एक पर्यटक ने बताया कि सभी व्यवस्था माकूल है लेकिन पानी की कमी के चलते कई बार पर्यटक परेशान नजर आते है.

Intro:जी हाँ हम आज आगे कैसे उद्यान की बात कर रहे हैं जो शहर के बीचो बीच बना है या फिर यह कहे कि यह उद्यान अजमेर की जान है जब इस उद्यान को हृदय योजना के अंतर्गत नहीं लिया गया था तो इस ध्यान की बेकद्री साफ झलकती थी वह ध्यान में चारों और कचरे का ढेर के साथ-साथ फुटपाथ पर रहने वाले फकीरों का डेरा भी यही लगा रहता था जिसके कारण पर्यटक भी इस उद्यान में आने से कतराते हुए नजर आते थे


Body:लेकिन जब से इस उद्यान को हृदय योजना के अंतर्गत इसका विस्तार किया गया तो अब यह उद्यान देखते ही बनता है सुंदर पेड़ों के साथ लाइटिंग समारोह का संगम पर्यटकों को मोहता हुआ नजर आता है

अजमेर सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और ब्रह्मा नगरी पुष्कर की वजह से पर्यटक की दृष्टि से अजमेर काफी अहमियत रखता है आना सागर झील के समीप बना हुआ यह उद्यान वाकई अपनी अलग अहमियत रखे हुए हैं

जो भी पर्यटक इन दोनों ही स्थानों पर दर्शन के लिए आते है वो आनासागर बारादरी व सुभाष उद्यान को देखकर ही यहां से रुखसत लेते है


नगर निगम के अधिकारी श्रवण कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर 2018 से इस उद्यान में टिकट व्यवस्था को चालू किया गया और जब से अब तक यानी 2019 अप्रैल तक लगभग इस उद्यान से नगर निगम को 4 लाख रुपये की आय हो हो चुकी है जबकि नगर निगम द्वारा 13.8 करोड़ रुपए इस उद्यान पर खर्च किए जा चुके हैं

वहीं अगर हम स्वच्छता अभियान की दृष्टि से इस उद्यान की बात करें तो अजमेर जिले में या उद्यान अव्वल है ही लेकिन आर्थिक दृष्टि से भी सुदृढ़ है इस उद्यान में पुरुष कर्मचारियों के साथ - साथ महिला कर्मचारी भी मौजूद है जो यहाँ की व्यवस्थाओं के साथ- साथ कोई गंदगी ना करें इसका खास ध्यान रखते हैं



सुरक्षा की दृष्टि से उद्यान परिसर में 42 कैमरे उद्यान में लगाए गए हैं इसके साथ ही ओपन वे जिम भी यहाँ उपलब्ध है और कैफेटेरिया की जगह के साथ ही बच्चों की ट्रेन की व्यवस्था और होना बाकी है जिसके बाद यह उद्यान पर्यटकों द्वारा और ज्यादा पसंद किया जाएगा


Conclusion:पर्यटकों की बात की जाए तो यहां आने वाले पर्यटक बाहर से आने के साथ - साथ अजमेर के पर्यटकों का कहना है कि वह लगभग 35 सालों से इस उद्यान में आ रहे हैं लेकिन जो पहले इस उद्यान की दशा थी अब उसकी सूरत ही बदल चुकी है

पर्यटक गोपाल बंजारा ने बताया कि यह उद्यान फव्वारा चौराहे के नजदीक ही बना हुआ है जिसके कारण अजमेर आने वाले पर्यटक अधिक मात्रा में यहां आते हैं क्योंकि इस उद्यान से लगभग 4 से 5 किलोमीटर दूर दरगाह शरीफ भी स्थित है

पर्यटक रणवीर सिंह ने बताया कि यह उद्यान पहले काफी गंदा रहता था जिसके कारण पर्यटक यहां आते थे तो थे लेकिन उनकी संख्या कम थी अब जब से इस उद्यान की सूरत बदली है अजमेर के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटक भी इस उद्यान में घूमने से दूर नहीं रह पाते


वही पर्यटक ने बताया इस उद्यान में सारी चीजें उपलब्ध है लेकिन पानी की व्यवस्था ना होने के कारण एक कमी खल रही है जिसे भी जल्द से जल्द पूरा किया जाए
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