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भंवर सिनोदिया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा रद्द - जयपुर न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर के चर्चित भंवर सिनोदिया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मदनलाल और हीरालाल को रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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Published : Aug 6, 2019, 10:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर के चर्चित भंवर सिनोदिया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मदनलाल और हीरालाल को रिहा करने के आदेश दिए हैं. साथ ही अदालत ने चार अन्य अभियुक्तों बलवाराम, सिकन्दर, शहजाद और कैलाश को मिली आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपियों की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ें- स्वाइन फ्लू से लड़ने के लिए कारगर है आयुर्वेदिक काढ़ा, इसे बनाने और सेवन करने का यह है तरीका

बता दें कि जमीन के सौदे को लेकर हुए विवाद के बाद विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. और शव को नागौर के पास खेत में फैंक दिया गया था. जिसके बाद घटना को लेकर रुपनगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया गया था. वहीं अजमेर की एडीजे कोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को सभी अपीलार्थियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसके बाद आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर के चर्चित भंवर सिनोदिया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मदनलाल और हीरालाल को रिहा करने के आदेश दिए हैं. साथ ही अदालत ने चार अन्य अभियुक्तों बलवाराम, सिकन्दर, शहजाद और कैलाश को मिली आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपियों की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

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बता दें कि जमीन के सौदे को लेकर हुए विवाद के बाद विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. और शव को नागौर के पास खेत में फैंक दिया गया था. जिसके बाद घटना को लेकर रुपनगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया गया था. वहीं अजमेर की एडीजे कोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को सभी अपीलार्थियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसके बाद आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर के चर्चित भंवर सिनोदिया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मदनलाल और हीरालाल को रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालत ने चार अन्य अभियुक्तों बलवाराम, सिकन्दर, शहजाद और कैलाश को मिली आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपियों की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:मामले के अनुसार जमीन के सौदे को लेकर हुए विवाद के बाद विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया का अपहरण कर 9 मार्च 2011 को हत्या कर शव को नागौर के पास खेत में फैंक दिया था। घटना को लेकर रुपनगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया गया था। वहीं अजमेर की एडीजे कोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को सभी अपीलार्थियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। Conclusion:null
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