अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं. मामला पेपर लीक से जुड़ा हुआ है. यह पहला मामला नहीं जब आरपीएससी पर उंगलियां उठी हैं. इससे पहले आरपीएससी के चेयरमैन रहे हबीब गौरान, उसके बाद सदस्य रहीं डॉ. राजकुमारी गुर्जर और अब वर्तमान आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा पर शक की सुई आकर अटक गई है. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 के ग्रुप सी के सामान्य ज्ञान के पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी शेर सिंह मीणा से हुई पूछताछ में आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा की नजदीकियां होने की बात सामने आई है.
आयोग पर सवाल उठने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी आयोग के अध्यक्ष हबीब गौरान पर न्यायिक परीक्षा में बेटी को लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया था. इस मामले में भी एसओजी ने गहनता से जांच-पड़ताल की थी. आखिरकार हबीब गौरान को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद आयोग के कनिष्ठ लिपिक सज्जन कुमार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने 25 लाख रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था. आरोपी ने आरएएस प्रतियोगी परीक्षा 2018 में अच्छे अंक दिलाने और सिलेक्शन करवाने की एवज में यह रिश्वत राशि ली थी.
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इस दौरान राजकुमारी गुर्जर के कथित पीए नरेंद्र पोसवाल को भी गिरफ्तार किया गया था. प्रकरण में आयोग सदस्य डॉ. राजकुमारी गुर्जर और उनके पति सेवानिवृत्त आईपीएस भैरव सिंह गुर्जर का नाम भी सामने आया था. दोनों से जयपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने पूछताछ भी की थी. इसके बाद कई साक्षात्कार में आयोग की ओर से पैनल में डॉ. राजकुमारी गुर्जर को शामिल नहीं किया गया. हालांकि बीते 6 दिसंबर को डॉक्टर राजकुमारी गुर्जर का कार्यकाल पूरा हो चुका है.
आरोपी शेर सिंह और बाबूलाल कटारा के बीच नजदीकियां
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी भूपेंद्र सारण को 1 करोड़ रुपए में पेपर बेचने के आरोपी अनिल मीणा और शेर सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब आरपीएससी पर भी संदेह का घेरा मंडराने लगा है. जांच में आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा और आरोपी शेर सिंह के बीच नजदीकियां होने की बात सामने आई है. मामले में आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा से भी पूछताछ हो सकती है.
यह था मामला
आरपीएससी ने 9 हजार 760 पदों के लिए वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022 परीक्षा का आयोजन करवाया था. 24 दिसंबर 2022 को परीक्षा के ग्रुप सी का सामान्य ज्ञान की परीक्षा शुरू होने से पहले ही वह लीक हो गया था. इससे परीक्षा को रद्द कर दिया गया. 29 जनवरी 2023 को पुनः ग्रुप सी के सामान्य ज्ञान विषय की परीक्षा की. ग्रुप सी के सामान्य ज्ञान पेपर लीक के मामले में ही शेर सिंह मीणा को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी शेर सिंह मीणा तक पेपर कहां से आया इस बारे में जांच चल रही है.
आयोग में बाबू लाल कटारा से हो सकती है पूछताछ
आयोग में अध्यक्ष प्रश्न पत्र संबंधी गोपनीय कार्य सदस्यों से भी साझा करने लगे हैं. जबकि पहले ऐसा नहीं था केवल अध्यक्ष को ही गोपनीय कार्यो की जानकारी हुआ करती थी. ऐसे में एसओजी जांच कर सकती है कि आयोग अध्यक्ष ने प्रश्न पत्र संबंधी गोपनीय कार्य क्या बाबूलाल कटारा को सौंपे थे. यदि ऐसा हुआ है तो कटारा की मुश्किलें बढ़ सकती ही.
बता दें कि बाबू लाल कटारा 15 अक्टूबर 2020 से आयोग में सदस्य हैं. 14 अक्टूबर 2026 तक कुल 3 वर्ष बाबूलाल कटारा आयोग में सदस्य रहेंगे. दूसरा कारण आयोग सदस्यों को परीक्षाओं से संबंधित अलग-अलग प्रभार मौखिक रूप से सौंपना है. कटारा भी आयोग के सदस्य हैं और उन्हें भी कोई ना कोई प्रभार अवश्य दिया गया होगा.