अजमेर. राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव की बयार चल रही है. राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवार घोषित करने की मशक्कत में लगे हुए हैं. दावेदार पार्टी नेताओं के चक्कर लगा जीत के समीकरण अपने पक्ष में बता रहे हैं. वहीं, राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज नेता अपने या अपने पुत्र, पुत्री, पत्नि या अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. कुल मिलाकर चुनाव से पहले टिकट को लेकर रस्साकशी जारी है.
अजमेर जिला मुख्यालय से केकड़ी की दूरी 80 किलोमीटर है. हाल ही में क्षेत्र के लोगों की मांग पर गहलोत सरकार ने केकड़ी को जिला बनाया है. वर्तमान में केकड़ी से कांग्रेस के विधायक डॉ. रघु शर्मा हैं और वे वर्तमान गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री रह चुके हैं. केकड़ी जिला व्यवसायिक, खनन, मिनरल्स और कृषि आधारित जिला है. ग्रेनाइट, फेल्सपार औरक्वार्ट्ज और मार्बल खनन के अलावा राज्य की बड़ी कृषि उपज मंडियों में से एक केकड़ी है. पर्यटन और धार्मिक स्थानों के रूप में केकड़ी क्षेत्र में बघेरा का वराह मंदिर, ढोला मारू तोरण द्वार, सरवाड़ में सैयद फकरुद्दीन चिश्ती की दरगाह, भीनाय की कोड़ा मार होली, केकड़ी की पठाका मार होली, काला बड़ में पशुपति महादेव मंदिर प्रसिद्ध हैं.
केकड़ी का राजनीतिक इतिहास देखें तो सन 1957 में केकड़ी में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे. तत्कालीन चुनाव कांग्रेस से हरी भाऊ उपाध्याय जीते थे, लेकिन उसके बाद ही उपचुनाव हुए थे, उसमें भी कांग्रेस को ही जीत मिली थी. 1957 से 2018 तक 15 विधानसभा चुनाव और एक बार हुए उपचुनाव में कांग्रेस 9 बार, बीजेपी चार बार, स्वतंत्र पार्टी एक बार, ज.पा एक बार और ज.द पार्टी ने एक बार जीत हासिल की थी. वर्तमान में केकड़ी में मतदाताओं की संख्या 2 लाख 54 हजार 585 के लगभग है. इनमें 1 लाख 29 हजार 599 पुरुष और 1 लाख 24 हजार 986 महिला मतदाता हैं. केकड़ी में इस बार का चुनाव काफी रोचक रहेगा. कांग्रेस के कद्दावर नेता और मौजूदा विधायक रघु शर्मा को केकड़ी की जनता दोबारा मौका देगी या केकड़ी में कमल खिलाएगी, यह देखना रोचक होगा.
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केकड़ी का सियासी हाल : 2003 में केकड़ी में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 47 हजार 343 थी. इनमें से 1 लाख 505 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. यानी कुल कूल पोलिंग 68.26 प्रतिशत रहा था. चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार गोपाल धोबी ने कांग्रेस के उम्मीदवार बाबूलाल सिंगारिया को शिकस्त दी थी. बीजेपी को 53.05 और कांग्रेस 39.24 प्रतिशत वोट मिले.
2008 में 1 लाख 90 हजार 928 कुल मतदाता थे. इनमें से 1 लाख 30 हजार 873 मतदाताओं ने वोट डाले. यानी कुल 68.55 प्रतिशत पोलिंग हुई थी. इस चुनाव में बीजेपी ने रिंकू कंवर को मैदान में उतारा था. वही, कांग्रेस से रघु शर्मा, निर्दलीय बाबूलाल सिंगारिया और भूपेंद्र सिंह के बीच मुकाबला था. चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी थी. कांग्रेस से रघु शर्मा को 36.04, बीजेपी से रिंकू कंवर को 26.47, निर्दलीय पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया 16.90 और निर्दलीय उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह को 13.60 प्रतिशत वोट मिले थे.
2013 के विधानसभा चुनाव में केकड़ी से 12 उम्मीदवार मैदान में थे. यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 9 हजार 810 थी. इनमें से 1 लाख 59 हजार 706 मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया. यानी कुल 76.12 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे. इस चुनाव में बीजेपी से शत्रुघ्न गौतम ने विजय हासिल की थी. बीजेपी को 44.64 और रघु शर्मा को 39.09 प्रतिशत वोट मिले थे.
2018 के विधानसभा चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में थे. कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 43 हजार 987 मतदाता थे. चुनाव में 1 लाख 79 हजार 933 मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया था, यानी कुल पोलिंग 73.75 प्रतिशत रही थी. चुनाव में डॉ. रघु शर्मा ने जीत हासिल की थी.
यह है केकड़ी विधानसभा सीट का जातीय समीकरण : गुर्जर-25 हजार, ब्राह्मण-22 हजार, राजपूत-12 हजार, माली-10 हजार, वैश्य-20 हजार, एसटी-10 हजार, एससी-60 हजार, मुस्लिम-20 हजार और बाकी अन्य जातियां हैं.
केकड़ी के जन मुद्दे : केकड़ी में अवैध बजरी खनन और परिवहन, भ्रष्टाचार, प्रभावशाली लोगों को फायदा देने के लिए रिंग रोड का सर्पाकार होना, मौजूदा विधायक का रूखा व्यवहार, ग्रामीण क्षेत्र की खस्ता सड़कें, केंद्रीय विद्यालय, रेल और राष्ट्रीय राजमार्ग, अजमेर-कोटा, रीको का विस्तारीकरण जैसे मुख्य मुद्दे हैं.
केकड़ी से यह हैं दावेदार : केकड़ी विधानसभा से दावेदारों की बात की जाए तो कांग्रेस में कम और भाजपा में दावेदार अधिक हैं. कांग्रेस से मौजूदा विधायक डॉ. रघु शर्मा ने दावेदारी की है. शर्मा के अलावा सुमेर सिंह चारण ने भी दावेदारी की है. इधर बीजेपी से दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है. मुख्य नामों पर गौर करें तो विगत चुनाव हारे राजेंद्र विनायक, पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनिल मित्तल, पूर्व प्रधान भूपेंद्र सिंह, पूर्व देहात अध्यक्ष बीपी सारस्वत, भाजपा की वरिष्ठ नेता अलका गुर्जर और सांसद दीया कुमारी का नाम भी चर्चा में है.