अजमेर. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए हैं. ऐसे में एक तरफ सत्ता पक्ष इन दो साल की उपलब्धियां पेश कर रहा है तो वहीं विपक्ष भी चुन-चुन कर सरकार की खामियां गिनाने में लगा है.
उठापटक में दो साल निकलना ही उपलब्धि : देवनानी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के 2 साल उतनी उपलब्धियों भरे नहीं रहे जितने वादे चुनाव से पहले कांग्रेस ने किए थे. इसमें भी कोरोना काल के कारण विकास कार्यों में काफी पिछड़ापन देखने को मिला. उनका मानना है कि कांग्रेस की भारी उठापटक के दरमियान गहलोत सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होना ही अपने आप में महान उपलब्धि है.
आंगनबाड़ी में बच्चों को मिलने वाला दूध तक बंद किया सरकार ने : भदेल
अजमेर दक्षिण से भाजपा की विधायक अनिता भदेल ने गहलोत सरकार पर झूठे वादों के सहारे जनता को गुमराह कर सत्ता में आने का आरोप लगाया. उनका कहना है की कॉन्ग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में जनता से जो भी वादे किए थे उनको पूर्ण करने में गहलोत सरकार सर्वदा विफल रही है. कोरोना से तो पूरा देश ही प्रभावित है परंतु अशोक गहलोत ने पहले बाड़ेबंदी करके सभी विधायकों को जनता के बीच में जाकर सेवा करने से रोक दिया वही खुद भी जनता के बीच में जाने से बचते रहे. प्रदेश में चाहे कानून व्यवस्था का मामला हो या बेरोजगारों की समस्याओं का गहलोत सरकार हर क्षेत्र में विफल ही रही है. यहां तक कि मिड डे मील और आंगनबाड़ी में बंटने वाला बच्चों का दूध भी गहलोत सरकार ने बंद कर दिया है. जनता कांग्रेस के नाम से वोट नहीं देना चाहती, इसलिए निर्दलीय को मिलाकर निकाय चुनाव में बोर्ड बनाया है. कांग्रेस आपस में ही लड़ती रही और जनता को कोरोना से त्रस्त होती रही.
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दो साल का कार्यकाल जानदार और शानदार : गोपाल बाहेती
वहीं अजमेर से पूर्व विधायक डॉक्टर गोपाल बाहेती ने प्रदेश सरकार के 2 साल के कार्यकाल को शानदार बताया. उन्होंने कहा अशोक गहलोत जैसा दूरदर्शी और अनुभवी नेता के कारण से प्रदेश कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जितने भी वादे किए थे वह आधे से ज्यादा पूरे हो चुके हैं. प्रदेश की जनता कोरोना काल में भी समस्त प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं व राशन प्राप्त कर रही है. निशुल्क दवाओं के वितरण की संख्या भी बढ़ाकर 800 कर दी गई है. यह अशोक गहलोत की सूझबूझ का ही परिणाम है कि कोरोना काल में राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल को देशभर में सराहा और अपनाया गया.
सरकार कर्मचारियों का सहयोग करे : संयुक्त कर्मचारी महासंघ
संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कांति शर्मा ने बताया की सरकारी कर्मचारियों ने वसुंधरा सरकार को हटाकर गहलोत सरकार को काबिज किया था. परंतु गहलोत सरकार ने भी बहुत ज्यादा सहयोग प्रदेश के कर्मचारियों को नहीं दिया. उन्होंने कहा कि कोविड के कारण सरकार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है परंतु फिर भी प्रदेश के कर्मचारियों ने जी जान लगाकर सरकार द्वारा दिए गए किसी भी टास्क को पूर्ण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. आज भी कर्मचारी सरकार के साथ खड़ा है. ऐसे में गहलोत सरकार को कर्मचारियों की मांग पर भी ध्यान देना चाहिए.
इसी क्रम में प्रदेश के कलाकारों के विचार जानने के लिए कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल बंजारा ने बताया कि कांग्रेस के 2 साल जैसे तैसे ही निकले हैं. कलाकारों के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ भी विशेष नहीं किया. उल्टे केंद्र से जो सहायता या योजना आमजन के लिए घोषित की गई उनका फायदा भी अशोक गहलोत प्रदेश की जनता को नहीं दिला सके. गहलोत प्रशासन पिछले 2 साल सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने की जुगाड़ में ही लगा रहा.