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अजमेर में कांग्रेस-भाजपा समेत निर्दलीय उम्मीदवारों का हुआ नामांकन, कुछ ऐसा है सियासी समीकरण - RAJASTHAN HINDI NEWS

राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की ओर से नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन सोमवार है. रविवार को छुट्टी होने के चलते शनिवार को अजमेर जिले के निर्वाचन क्षेत्र कार्यालयों में कई प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और नामांकन दाखिल किया. इस बीच सभी प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर भी आशान्वित नजर आए.

candidates filed nominations in Ajmer
उम्मीदवारों ने दाखिल किया नामांकन
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 5, 2023, 9:04 AM IST

अजमेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के तहत नामांकन प्रक्रिया जारी है. अजमेर में भी आठों विधानसभा सीटों से शनिवार को कई उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए. इनमें कुछ राजनीतिक पार्टियों से तो कुछ निर्दलीय मैदान में ताल ठोंकने के लिए नामांकन फार्म जमा करवाने आए. आइए जानते है शनिवार को अजमेर की आठ सीटों पर किस-किस प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया और क्या है राजनीतिक समीकरण ?

अजमेर शहर में उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए. अजमेर दक्षिण की बात करे तो कांग्रेस उम्मीदवार द्रौपदी कोली ने अपना नामांकन दाखिल किया है. द्रौपदी नगर निगम की प्रतिपक्ष नेता है. अजमेर दक्षिण में कांग्रेस ने साधारण कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, उनकी डगर आसान नहीं है. द्रौपदी क्षेत्र में कांग्रेस का नया चेहरा है. बीजेपी ने उनके सामने क्षेत्र में 4 बार की विधायक को प्रतिद्वन्दी के रूप में खड़ा किया है.

candidates filed nominations in Ajmer
उम्मीदवारों ने दाखिल किया नामांकन

वहीं, टिकट नहीं मिलने से नाराज हेमंत भाटी ने भी निर्दलीय ताल ठोक दी है. हेमंत भाटी दो बार कांग्रेस के टिकट से क्षेत्र में चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों ही बार उनके नसीब में हार ही लिखी हुई थी. भाटी इस बार भी टिकट को लेकर काफी आशान्वित थे, लेकिन कांग्रेस ने यहां नया प्रयोग करके सबको चौंका दिया. ऐसे में द्रौपदी को बीजेपी से ही नहीं अपनी ही पार्टी के बागी से भी टक्कर लेनी है. द्रौपदी ने अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट में अजमेर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र कार्यालय पहुंच कर नामांकन दाखिल किया है.

इस दौरान बातचीत में द्रौपदी कोली ने कहा कि पार्टी ने मुझे टिकट देकर कांग्रेस के आम कार्यकर्ता को सम्मान दिया है. हेमंत भाटी की बगावत पर कोली ने कहा कि जल्द भाटी भी हमारे साथ नजर आएंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 20 वर्षों से विकास नहीं हो रहा है. पेयजल समस्या से लोग त्रस्त है. इसी तरह हेमंत भाटी ने भी मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि मेरा टिकट काटने का कारण यह है कि मैं सचिन पायलट का समर्थक हूं. उन्होंने कहा कि जनता की भावना के अनुरूप कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है. इसलिए समर्थकों और जनता के आदेश से मैदान में हूं.

ज्ञान सारस्वत भी उतरे मैदान में : अजमेर दक्षिण में चार बार विधायक रह चुके वासुदेव देवनानी को चुनौती देने के लिए भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ज्ञान सारस्वत ने ताल ठोक दी है. भारी समर्थकों के साथ ज्ञान सारस्वत जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे जहां अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन कार्यालय में उन्होंने अपने 10 प्रस्तावकों के साथ नामांकन फार्म दाखिल किया. इनके अलावा भाजपा से बागी कुंदन वैष्णव ने भी नामांकन दाखिल किया है. ज्ञान सारस्वत चार बार भाजपा से पार्षद रहे हैं.

निकाय चुनाव में सारस्वत के नाम सबसे ज्यादा वोट हासिल करने का रिकॉर्ड है. सारस्वत ने बातचीत में कहा कि विकास की दृष्टि से अजमेर काफी पीछड़ गया है. मेरा उद्देश्य है कि अजमेर का विकास करवाना है. उन्होंने कहा कि नेता के साथ खड़े होकर इधर-उधर कर गद्दारी करने से अच्छा है कि बगावत करके चुनौती दी जाए. क्षेत्र की जनता भी इस बगावत में मेरे साथ है. उन्होंने कहा कि देवनानी के खिलाफ क्या बोलूं, मैं तो अपनी लाइन बड़ी करूंगा.

पढ़ें : आरएलपी ने लूणी, लोहावट, भोपालगढ़, जोधपुर शहर और बिलाड़ा में उतारे प्रत्याशी, त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

शंकर सिंह रावत ने चौथी बार किया नामांकन : इधर, नसीराबाद में भाजपा से विधायक रामस्वरूप लांबा ने नामांकन दाखिल कर दिया. लांबा दूसरी बार भाजपा के टिकट से मैदान में है. शनिवार को नामांकन दाखिल करने भारी संख्या में समर्थकों के साथ लांबा निर्वाचन कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया. बातचीत में भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप लांबा ने कहा कि छावनी बोर्ड में आमजन के काम नहीं हो पाते हैं, इसलिए नगर पालिका के बोर्ड का गठन हो. इसके लिए सरकार से कई बार मांग भी की जा चुकी है. रेलवे ओवर ब्रिज, ट्रेनों के ठहराव, जल जीवन मिशन के माध्यम से गांव ढाणियों में काम नहीं हुए. किसानों को बिजली आपूर्ति में परेशानी हो रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने वादे तो बहुत किए हैं, लेकिन काम नहीं हुए हैं. इधर पुष्कर में भी भाजपा प्रत्याशी सुरेश सिंह रावत ने अपना नामांकन फार्म निर्वाचन कार्यालय में दाखिल कर दिया. रावत अपने समर्थकों के साथ पुष्कर उपखंड कार्यालय पहुंचे. बातचीत में रावत ने कहा कि दो बार पुष्कर की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है. तीसरी बार भाजपा ने मुझ पर विश्वास जताया है. रावत ने कहा कि निश्चित रूप से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी. पुष्कर की मूल समस्याओं के बारे में मुझे ज्ञात है. पुष्कर कॉरिडोर बने इसकी पीएमओ से सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिली थी. पुष्कर सरोवर में गंदा पानी जाने की समस्या भी है. पुष्कर मेरी आत्मा से जुड़ा हुआ है. जीना यहां है मरना यहां है, इसलिए इसके विकास के लिए मैं संकल्पित हूं. भाजपा का किसी से मुकाबला नहीं है एक तरफ जीत तय है. ठीक इसी तरह ब्यावर से शंकर सिंह रावत ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया. बता दें कि शंकर सिंह रावत भाजपा से तीन बार विधायक रह चुके हैं. चौथी बार उन्होंने नामांकन दाखिल किया है.

किशनगढ़ में प्रत्याशी की सभा में आए सीएम गहलोत : भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले विकास चौधरी को किशनगढ़ से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. शनिवार को विकास चौधरी ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन फार्म निर्वाचन कार्यालय में दाखिल किया. नामांकन फार्म जमा करने से पहले कांग्रेस ने जनसभा आयोजित की. जनसभा में सीएम अशोक गहलोत ने भी शिरकत की. गहलोत ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किशनगढ़ में हुए कार्यों को गिनाया. साथ ही एयरपोर्ट निर्माण में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका होना बताया. बातचीत में कांग्रेस उम्मीदवार विकास चौधरी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में किशनगढ़ में हुए विकास कार्यों के दम पर जनता के बीच में जा रहे हैं. किशनगढ़ मार्बल सिटी है. यहां मार्बल व्यवसायी मार्बल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने से परेशान हैं. जीएसटी के अधिकारी गोदाम पर कभी भी कार्रवाई कर देते हैं. चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की अनेकों योजनाएं हैं, जिसके माध्यम से महिलाओं और नौजवानों का भला हुआ है.

पढ़ें : विधानसभा चुनाव में पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन नामांकन रैलियों की रही चर्चा

मसूदा से 9 प्रत्याशियों ने किया नामांकन : मसूदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार राकेश पारीक ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. राकेश पारीक सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. पारीक के अलावा मसूदा से 8 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए हैं. बातचीत में पारीक ने कहा कि सन 2018 में भी क्षेत्र की जनता ने मुझे विधायक चुना था. सरकार की योजनाओं का लाभ क्षेत्र की जनता को दिलवाया गया है. उन्होंने कहा कि मुझसे पहले क्षेत्र में 14 विधायक बने हैं, मेरा प्रयास रहा है कि मैं उन सब से बेहतर कर सकूं. ब्यावर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार पारस जैन पंच ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. पारस पंच भी सचिन पायलट समर्थक है.

पढ़ें : राजस्थान : कांग्रेस की छठी सूची में 23 नामों की घोषणा, मंत्री महेश जोशी का टिकट कटा

केकड़ी में ट्विस्ट : केकड़ी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने अपना नामांकन दाखिल किया है. सिंगारिया केकड़ी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रह चुके हैं. अपने विधायक काल में अजमेर कलेक्ट्रेट सभागार में विधायक रहते हुए बाबूलाल सिंघानिया ने तत्कालीन अजमेर एसपी को चाटा मार दिया था. तब से बाबूलाल सिंगारिया हाशिए पर थे. विगत पांच वर्ष पहले सिंगारिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी. पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया और डॉ रघु शर्मा के बीच अदावत पुरानी है. ऐसे में बाबूलाल सिंगारिया पहले भी डॉ रघु शर्मा के समीकरण बिगाड़ने के लिए केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े होकर डॉ शर्मा को नुकसान पहुंचा चुके हैं. इस बार फिर पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है. सिंगारिया के अलावा बसपा से तुलसी देवी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जगदीश जाट ने भी यहां नामांकन दाखिल किए हैं.

अजमेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के तहत नामांकन प्रक्रिया जारी है. अजमेर में भी आठों विधानसभा सीटों से शनिवार को कई उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए. इनमें कुछ राजनीतिक पार्टियों से तो कुछ निर्दलीय मैदान में ताल ठोंकने के लिए नामांकन फार्म जमा करवाने आए. आइए जानते है शनिवार को अजमेर की आठ सीटों पर किस-किस प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल किया और क्या है राजनीतिक समीकरण ?

अजमेर शहर में उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए. अजमेर दक्षिण की बात करे तो कांग्रेस उम्मीदवार द्रौपदी कोली ने अपना नामांकन दाखिल किया है. द्रौपदी नगर निगम की प्रतिपक्ष नेता है. अजमेर दक्षिण में कांग्रेस ने साधारण कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, उनकी डगर आसान नहीं है. द्रौपदी क्षेत्र में कांग्रेस का नया चेहरा है. बीजेपी ने उनके सामने क्षेत्र में 4 बार की विधायक को प्रतिद्वन्दी के रूप में खड़ा किया है.

candidates filed nominations in Ajmer
उम्मीदवारों ने दाखिल किया नामांकन

वहीं, टिकट नहीं मिलने से नाराज हेमंत भाटी ने भी निर्दलीय ताल ठोक दी है. हेमंत भाटी दो बार कांग्रेस के टिकट से क्षेत्र में चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों ही बार उनके नसीब में हार ही लिखी हुई थी. भाटी इस बार भी टिकट को लेकर काफी आशान्वित थे, लेकिन कांग्रेस ने यहां नया प्रयोग करके सबको चौंका दिया. ऐसे में द्रौपदी को बीजेपी से ही नहीं अपनी ही पार्टी के बागी से भी टक्कर लेनी है. द्रौपदी ने अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट में अजमेर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र कार्यालय पहुंच कर नामांकन दाखिल किया है.

इस दौरान बातचीत में द्रौपदी कोली ने कहा कि पार्टी ने मुझे टिकट देकर कांग्रेस के आम कार्यकर्ता को सम्मान दिया है. हेमंत भाटी की बगावत पर कोली ने कहा कि जल्द भाटी भी हमारे साथ नजर आएंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 20 वर्षों से विकास नहीं हो रहा है. पेयजल समस्या से लोग त्रस्त है. इसी तरह हेमंत भाटी ने भी मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि मेरा टिकट काटने का कारण यह है कि मैं सचिन पायलट का समर्थक हूं. उन्होंने कहा कि जनता की भावना के अनुरूप कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है. इसलिए समर्थकों और जनता के आदेश से मैदान में हूं.

ज्ञान सारस्वत भी उतरे मैदान में : अजमेर दक्षिण में चार बार विधायक रह चुके वासुदेव देवनानी को चुनौती देने के लिए भाजपा से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ज्ञान सारस्वत ने ताल ठोक दी है. भारी समर्थकों के साथ ज्ञान सारस्वत जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे जहां अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन कार्यालय में उन्होंने अपने 10 प्रस्तावकों के साथ नामांकन फार्म दाखिल किया. इनके अलावा भाजपा से बागी कुंदन वैष्णव ने भी नामांकन दाखिल किया है. ज्ञान सारस्वत चार बार भाजपा से पार्षद रहे हैं.

निकाय चुनाव में सारस्वत के नाम सबसे ज्यादा वोट हासिल करने का रिकॉर्ड है. सारस्वत ने बातचीत में कहा कि विकास की दृष्टि से अजमेर काफी पीछड़ गया है. मेरा उद्देश्य है कि अजमेर का विकास करवाना है. उन्होंने कहा कि नेता के साथ खड़े होकर इधर-उधर कर गद्दारी करने से अच्छा है कि बगावत करके चुनौती दी जाए. क्षेत्र की जनता भी इस बगावत में मेरे साथ है. उन्होंने कहा कि देवनानी के खिलाफ क्या बोलूं, मैं तो अपनी लाइन बड़ी करूंगा.

पढ़ें : आरएलपी ने लूणी, लोहावट, भोपालगढ़, जोधपुर शहर और बिलाड़ा में उतारे प्रत्याशी, त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

शंकर सिंह रावत ने चौथी बार किया नामांकन : इधर, नसीराबाद में भाजपा से विधायक रामस्वरूप लांबा ने नामांकन दाखिल कर दिया. लांबा दूसरी बार भाजपा के टिकट से मैदान में है. शनिवार को नामांकन दाखिल करने भारी संख्या में समर्थकों के साथ लांबा निर्वाचन कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया. बातचीत में भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप लांबा ने कहा कि छावनी बोर्ड में आमजन के काम नहीं हो पाते हैं, इसलिए नगर पालिका के बोर्ड का गठन हो. इसके लिए सरकार से कई बार मांग भी की जा चुकी है. रेलवे ओवर ब्रिज, ट्रेनों के ठहराव, जल जीवन मिशन के माध्यम से गांव ढाणियों में काम नहीं हुए. किसानों को बिजली आपूर्ति में परेशानी हो रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने वादे तो बहुत किए हैं, लेकिन काम नहीं हुए हैं. इधर पुष्कर में भी भाजपा प्रत्याशी सुरेश सिंह रावत ने अपना नामांकन फार्म निर्वाचन कार्यालय में दाखिल कर दिया. रावत अपने समर्थकों के साथ पुष्कर उपखंड कार्यालय पहुंचे. बातचीत में रावत ने कहा कि दो बार पुष्कर की जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है. तीसरी बार भाजपा ने मुझ पर विश्वास जताया है. रावत ने कहा कि निश्चित रूप से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी. पुष्कर की मूल समस्याओं के बारे में मुझे ज्ञात है. पुष्कर कॉरिडोर बने इसकी पीएमओ से सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिली थी. पुष्कर सरोवर में गंदा पानी जाने की समस्या भी है. पुष्कर मेरी आत्मा से जुड़ा हुआ है. जीना यहां है मरना यहां है, इसलिए इसके विकास के लिए मैं संकल्पित हूं. भाजपा का किसी से मुकाबला नहीं है एक तरफ जीत तय है. ठीक इसी तरह ब्यावर से शंकर सिंह रावत ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया. बता दें कि शंकर सिंह रावत भाजपा से तीन बार विधायक रह चुके हैं. चौथी बार उन्होंने नामांकन दाखिल किया है.

किशनगढ़ में प्रत्याशी की सभा में आए सीएम गहलोत : भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले विकास चौधरी को किशनगढ़ से कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. शनिवार को विकास चौधरी ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन फार्म निर्वाचन कार्यालय में दाखिल किया. नामांकन फार्म जमा करने से पहले कांग्रेस ने जनसभा आयोजित की. जनसभा में सीएम अशोक गहलोत ने भी शिरकत की. गहलोत ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किशनगढ़ में हुए कार्यों को गिनाया. साथ ही एयरपोर्ट निर्माण में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका होना बताया. बातचीत में कांग्रेस उम्मीदवार विकास चौधरी ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में किशनगढ़ में हुए विकास कार्यों के दम पर जनता के बीच में जा रहे हैं. किशनगढ़ मार्बल सिटी है. यहां मार्बल व्यवसायी मार्बल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने से परेशान हैं. जीएसटी के अधिकारी गोदाम पर कभी भी कार्रवाई कर देते हैं. चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की अनेकों योजनाएं हैं, जिसके माध्यम से महिलाओं और नौजवानों का भला हुआ है.

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मसूदा से 9 प्रत्याशियों ने किया नामांकन : मसूदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार राकेश पारीक ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. राकेश पारीक सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. पारीक के अलावा मसूदा से 8 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए हैं. बातचीत में पारीक ने कहा कि सन 2018 में भी क्षेत्र की जनता ने मुझे विधायक चुना था. सरकार की योजनाओं का लाभ क्षेत्र की जनता को दिलवाया गया है. उन्होंने कहा कि मुझसे पहले क्षेत्र में 14 विधायक बने हैं, मेरा प्रयास रहा है कि मैं उन सब से बेहतर कर सकूं. ब्यावर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार पारस जैन पंच ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. पारस पंच भी सचिन पायलट समर्थक है.

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केकड़ी में ट्विस्ट : केकड़ी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने अपना नामांकन दाखिल किया है. सिंगारिया केकड़ी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रह चुके हैं. अपने विधायक काल में अजमेर कलेक्ट्रेट सभागार में विधायक रहते हुए बाबूलाल सिंघानिया ने तत्कालीन अजमेर एसपी को चाटा मार दिया था. तब से बाबूलाल सिंगारिया हाशिए पर थे. विगत पांच वर्ष पहले सिंगारिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी. पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया और डॉ रघु शर्मा के बीच अदावत पुरानी है. ऐसे में बाबूलाल सिंगारिया पहले भी डॉ रघु शर्मा के समीकरण बिगाड़ने के लिए केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े होकर डॉ शर्मा को नुकसान पहुंचा चुके हैं. इस बार फिर पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है. सिंगारिया के अलावा बसपा से तुलसी देवी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जगदीश जाट ने भी यहां नामांकन दाखिल किए हैं.

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