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Divya Mittal Bribery Case : अजमेर एसीबी कोर्ट ने 3 फरवरी तक भेजा न्यायिक अभिरक्षा में

दो करोड़ रुपये की घूस मांगने के मामले में गिरफ्तार आरोपी दिव्या मित्तल को (Divya Mittal Bribery Case) अजमेर एसीबी कोर्ट ने 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है.

गिरफ्तार दिव्या मित्तल की रिमांड
गिरफ्तार दिव्या मित्तल की रिमांड
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Published : Jan 20, 2023, 7:22 PM IST

दिव्या मित्तल को 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा

अजमेर. दिव्या मित्तल की रिमांड अवधि शुक्रवार को खत्म हो गई है. जयपुर एसीबी ने दिव्या को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया, जहां एसीबी प्रकरण की विशेष कोर्ट ने दिव्या को 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. इस मामले में अनुसंधान अधिकारी मांगीलाल ने बताया कि दिव्या की रिमांड अवधि पूरी होने पर शुक्रवार को अजमेर की भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है.

मांगीलाल ने बताया कि आरोपी दिव्या का मोबाइल एसीबी को नहीं मिला है. रिमांड अवधि के दौरान इस प्रकरण से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर पूछताछ की गई है. उन्होंने बताया कि प्रकरण में दलाल बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार अभी फरार चल रहा है. जयपुर एसीबी की टीम उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है. जयपुर एसीबी ने दिव्या मित्तल से बैंक अकाउंट, नामी और बेनामी, चल-अचल संपत्ति के बारे में भी पूछताछ की है. पूछताछ में जो सामान आनासागर झील में फेंकना दिव्या मित्तल ने बताया था, उन सामानों में से कुछ भी एसीबी को नहीं मिला है.

पढ़ें : Corrupt ASP दिव्या मित्तल को सम्मानित करने वाली थी SOG, निलंबित हुईं, तो बदला फैसला...

जमानत की अर्जी 21 जनवरी को कोर्ट में पेश होगी : घूसकांड की आरोपी के वकील प्रीतम सोनी ने बताया कि दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी शनिवार को कोर्ट में पेश की जाएगी. एसीबी ने दिव्या मित्तल के दफ्तर, फ्लैट समेत पांच जगहों पर सर्च किया था. उस सर्च की रिपोर्ट भी एसीबी ने कोर्ट में पेश नहीं की है. उन्होंने कहा कि सुमित कुमार ने आरोपी परिवादी से पैसे भी मांगे हैं तो उसके लिए वह जिम्मेदार नहीं है. दिव्या के वकील ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में अनुसंधान से दिव्या को हटाने के लिए दवा माफियाओं ने षड्यंत्र किया है. उन्होंने कहा कि दिव्या मित्तल ने आरोपी परिवादी से कोई डिमांड नहीं की है और ना ही उनके पास से एसीबी को कुछ बरामद हुआ है.

पूरा मामला एक नजर में : एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में आरोपी परिवादी का नाम प्रकरण से हटाने की एवज में 2 करोड़ रुपये की रिश्वत की डिमांड करने के मामले में तत्कालीन अजमेर एसओजी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को जयपुर एसीबी ने गिरफ्तार किया था. इससे पहले जयपुर एसीबी की टीम ने 16 जनवरी को दिव्या मित्तल के पांच ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की थी.

दिव्या मित्तल पर एनडीपीएस प्रकरण में आरोपी निर्माता कंपनी के संचालक से दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. आरोपी दिव्या के खिलाफ आरोपी परिवादी ने जयपुर एसीबी में शिकायत दी थी. शिकायत का सत्यापन करने के बाद जयपुर एसीबी की टीम ने उदयपुर में हिल व्यू रिसोर्ट में दिव्या मित्तल के दलाल बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार को ट्रैप करने की कोशिश की थी, लेकिन दलाल सुमित कुमार को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया.

कड़ियों को जोड़ने में लगी है एसीबी : दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के प्रकरण में आरोपी दिव्या मित्तल और उसके दलाल सुमित कुमार मुकदमे में नामजद हैं. इन दोनों पर परिवादि ने दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने और रकम हासिल करने के लिए उस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था. परिवादी ने यह भी बताया था कि उदयपुर के रिसोर्ट में सुमित कुमार ने दिव्या मित्तल से फोन पर बात करवाई थी. इसलिए दोनों के बीच की संपर्क कड़ियों को एसीबी जोड़ने का प्रयास कर रही है. इस कड़ी में दिव्या का मोबाइल महत्वपूर्ण है. वहीं, दलाल सुमित कुमार की गिरफ्तारी भी जरूरी है. सुमित के गिरफ्तार होने के बाद प्रकरण में और भी नए खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है.

दिव्या मित्तल को 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा

अजमेर. दिव्या मित्तल की रिमांड अवधि शुक्रवार को खत्म हो गई है. जयपुर एसीबी ने दिव्या को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया, जहां एसीबी प्रकरण की विशेष कोर्ट ने दिव्या को 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. इस मामले में अनुसंधान अधिकारी मांगीलाल ने बताया कि दिव्या की रिमांड अवधि पूरी होने पर शुक्रवार को अजमेर की भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है.

मांगीलाल ने बताया कि आरोपी दिव्या का मोबाइल एसीबी को नहीं मिला है. रिमांड अवधि के दौरान इस प्रकरण से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर पूछताछ की गई है. उन्होंने बताया कि प्रकरण में दलाल बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार अभी फरार चल रहा है. जयपुर एसीबी की टीम उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है. जयपुर एसीबी ने दिव्या मित्तल से बैंक अकाउंट, नामी और बेनामी, चल-अचल संपत्ति के बारे में भी पूछताछ की है. पूछताछ में जो सामान आनासागर झील में फेंकना दिव्या मित्तल ने बताया था, उन सामानों में से कुछ भी एसीबी को नहीं मिला है.

पढ़ें : Corrupt ASP दिव्या मित्तल को सम्मानित करने वाली थी SOG, निलंबित हुईं, तो बदला फैसला...

जमानत की अर्जी 21 जनवरी को कोर्ट में पेश होगी : घूसकांड की आरोपी के वकील प्रीतम सोनी ने बताया कि दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी शनिवार को कोर्ट में पेश की जाएगी. एसीबी ने दिव्या मित्तल के दफ्तर, फ्लैट समेत पांच जगहों पर सर्च किया था. उस सर्च की रिपोर्ट भी एसीबी ने कोर्ट में पेश नहीं की है. उन्होंने कहा कि सुमित कुमार ने आरोपी परिवादी से पैसे भी मांगे हैं तो उसके लिए वह जिम्मेदार नहीं है. दिव्या के वकील ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में अनुसंधान से दिव्या को हटाने के लिए दवा माफियाओं ने षड्यंत्र किया है. उन्होंने कहा कि दिव्या मित्तल ने आरोपी परिवादी से कोई डिमांड नहीं की है और ना ही उनके पास से एसीबी को कुछ बरामद हुआ है.

पूरा मामला एक नजर में : एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में आरोपी परिवादी का नाम प्रकरण से हटाने की एवज में 2 करोड़ रुपये की रिश्वत की डिमांड करने के मामले में तत्कालीन अजमेर एसओजी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को जयपुर एसीबी ने गिरफ्तार किया था. इससे पहले जयपुर एसीबी की टीम ने 16 जनवरी को दिव्या मित्तल के पांच ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की थी.

दिव्या मित्तल पर एनडीपीएस प्रकरण में आरोपी निर्माता कंपनी के संचालक से दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. आरोपी दिव्या के खिलाफ आरोपी परिवादी ने जयपुर एसीबी में शिकायत दी थी. शिकायत का सत्यापन करने के बाद जयपुर एसीबी की टीम ने उदयपुर में हिल व्यू रिसोर्ट में दिव्या मित्तल के दलाल बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार को ट्रैप करने की कोशिश की थी, लेकिन दलाल सुमित कुमार को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया.

कड़ियों को जोड़ने में लगी है एसीबी : दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के प्रकरण में आरोपी दिव्या मित्तल और उसके दलाल सुमित कुमार मुकदमे में नामजद हैं. इन दोनों पर परिवादि ने दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने और रकम हासिल करने के लिए उस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था. परिवादी ने यह भी बताया था कि उदयपुर के रिसोर्ट में सुमित कुमार ने दिव्या मित्तल से फोन पर बात करवाई थी. इसलिए दोनों के बीच की संपर्क कड़ियों को एसीबी जोड़ने का प्रयास कर रही है. इस कड़ी में दिव्या का मोबाइल महत्वपूर्ण है. वहीं, दलाल सुमित कुमार की गिरफ्तारी भी जरूरी है. सुमित के गिरफ्तार होने के बाद प्रकरण में और भी नए खुलासे होने की उम्मीद की जा रही है.

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