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अजमेर बस स्टैंड का सुलभ शौचालय बदहाल, पैसे देने के बाद भी नहीं मिल रही सुविधा

हादसे को न्यौता दे रहे इस सुलभ शौचालय का उपयोग करना यहां प्रतिदिन आने वाले यात्रियों की मजबूरी बन गया है.

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Published : May 17, 2019, 10:43 PM IST

अजमेर बस स्टैंड पर स्थित सुलभ शौचालय

अजमेर. केंद्रीय बस स्टैंड परिसर में स्थित एक सुलभ शौचालय की हालत इतनी बदहाल हो चुकी है कि अब उसमें जाने वाले को भी डर लगने लगा है. सुलभ शौचालय जिसे रोडवेज प्रशासन संचालित करता है उसकी पूरी इमारत जर्जर हो चुकी है. लेकिन हादसे को न्यौता दे रहे इस सुलभ शौचालय का उपयोग करना यहां प्रतिदिन आने वाले यात्रियों की मजबूरी बन गया है. इसके बावजूद रोडवेज प्रशासन सुलभ शौचालय को बंद करवा कर उसकी मरम्मत नहीं करवा रहा है.

दहहाल सुलभ शौचालय

स्वच्छता अभियान को लेकर अजमेर में जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम प्रशासन की ओर से चलाए गए थे लेकिन लगता है रोडवेज प्रशासन इससे अछूता रह गया है. रोडवेज अधिकारियों का परिसर में स्थित सुलभ शौचालय की भयावह स्थिति को नजरअंदाज करना यात्रियों के लिए मुसीबत और रोडवेज के लिए महंगा पड़ सकता है.

अजमेर. केंद्रीय बस स्टैंड परिसर में स्थित एक सुलभ शौचालय की हालत इतनी बदहाल हो चुकी है कि अब उसमें जाने वाले को भी डर लगने लगा है. सुलभ शौचालय जिसे रोडवेज प्रशासन संचालित करता है उसकी पूरी इमारत जर्जर हो चुकी है. लेकिन हादसे को न्यौता दे रहे इस सुलभ शौचालय का उपयोग करना यहां प्रतिदिन आने वाले यात्रियों की मजबूरी बन गया है. इसके बावजूद रोडवेज प्रशासन सुलभ शौचालय को बंद करवा कर उसकी मरम्मत नहीं करवा रहा है.

दहहाल सुलभ शौचालय

स्वच्छता अभियान को लेकर अजमेर में जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम प्रशासन की ओर से चलाए गए थे लेकिन लगता है रोडवेज प्रशासन इससे अछूता रह गया है. रोडवेज अधिकारियों का परिसर में स्थित सुलभ शौचालय की भयावह स्थिति को नजरअंदाज करना यात्रियों के लिए मुसीबत और रोडवेज के लिए महंगा पड़ सकता है.

Intro:अजमेर में केंद्रीय बस स्टैंड परिसर में स्थित सुलभ शौचालय की हालत इतनी बदहाल हो चुकी है कि अब उसमें जाने वाले को भी डर लगने लगा है। सुलभ होने की मजबूरी में यात्री यह रिस्क उठाते भी हैं और बाहर आकर चैन की सांस लेते। उन्हें डर रहता है कि ऊपर से कभी भी आफत आ सकती है। बावजूद इसके खतरा बने सुलभ शौचालय को रोडवेज प्रशासन संचालित करते हुए किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।




Body:अजमेर का केंद्रीय बस अड्डा काफी व्यस्त है। 12 हजार से अधिक यात्री बस स्टैंड पर हर रोज आते हैं। बस स्टैंड पर यात्रियों की सुविधा के लिए सुलभ शौचालय के हालात बहुत ही खराब है। पूरी इमारत जर्जर हो चुकी है। भीतर प्रवेश करने से पहले ही बाहर गंदा कचरे से भरा नाला सड़ांध मारते हुए दिखाई पड़ता है। गंदगी का आलम ऐसा सुलभ शौचालय के गटर तक खुले हुए हैं। इमारत के हाल इतने बुरे हैं कि इसमें सुलभ होने के लिए आने वाले को अपनी रिस्क पर ही आना पड़ता है। हर तरफ दीवारों और छतों में दरारें हैं। छतों से प्लास्टर गिरता रहता है बल्कि छत की स्थिति ऐसी है कि कभी भी गिर सकती है। शौचालय के दरवाजे टूटे पड़े हैं। टॉयलेट के हाल उससे भी खराब है। हालात यह है कि कभी भी छत गिर सकती है। इसके बावजूद रोडवेज प्रशासन सुलभ शौचालय को बंद करवा कर उसकी मरम्मत नहीं करवा रहा है। बल्कि अभी भी यात्री सुलभ होने के लिए शौचालय में जाते हैं और उनसे सुलभ होने की कीमत भी वसूली जाती है। अजमेर बस स्टैंड पर दो अन्य भी सुलभ शौचालय है। मगर सुलभ होने की हड़बड़ाहट में लोग मजबूरन रिस्क उठा ही लेते हैं। लोगों का कहना है कि रोडवेज प्रशासन को इस सुलभ शौचालय को बंद कर देना चाहिए वरना कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है ....
बाइट- 1,2,3, बाइट्स

इधर रोडवेज के अधिकारी इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि सुलभ शौचालय में गंदगी है और वह जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। अधिकारी के पीछे ऊपर की ओर की स्थिति देखकर आप खुद ही समझ जाएंगे की रोडवेज के क्या हाल है। अधिकारी बिगड़ी हुई सफाई व्यवस्था को नजरअंदाज कर रहे हैं। टॉयलेट की बदहाल स्थिति से पल्ला झाड़ते हुए रोडवेज प्रबंधक सतपाल ने बताया कि रोडवेज की इमारत 1975 में बनी थी। इसका मरम्मत का काम जारी है। साथ ही दावा कर रहे हैं कि कोई भी बड़ी घटना घट ही नहीं सकती ....
बाइट- सतपाल - मुख्य प्रबंधक






Conclusion:स्वच्छता अभियान को लेकर अजमेर में जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम प्रशासन की ओर से चलाए गए थे लेकिन लगता है रोडवेज प्रशासन इससे अछूता रह गया है। रोडवेज अधिकारियों का परिसर में स्थित सुलभ शौचालय की भयावह स्थिति को नजरअंदाज करना यात्रियों के लिए मुसीबत और रोडवेज के लिए महंगा पड़ सकता है।
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