नसीराबाद (अजमेर). केंद्र सरकार ने पीएम केयर फंड से 8 वेंटिलेटर दस महीने पहले नसीराबाद चिकित्सालय को उपलब्ध कराए थे. लेकिन अब तक वेंटिलेटर्स को शुरू नहीं करवाया जा सका है. राजकीय सामान्य चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए गए हैं. साथ ही इस मामले के लेकर कस्बे के एक अधिवक्ता ने याचिका दायर कर दी है.
याचिका में अधिवक्ता संदीप अग्रवाल ने कहा कि नसीराबाद और आसपास के ग्रामीण इलाकों में रोजाना 30 से 40 कोरोना संक्रमित निकल रहे हैं. कई रोगियों को तुरंत ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ती है.
याचिका में कहा गया है कि नसीराबाद की जनसंख्या 50 हजार और आसपास के गांवों की जनसंख्या मिलाकर 3 लाख के करीब है. ऐसे में नसीराबाद अस्पताल पर मरीजों का भार ज्यादा है. नसीराबाद अस्पताल में कोविड वार्ड बना हुआ है जिसमें करीब 70 बेड हैं. सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित है लेकिन उसे भी चालू नहीं किया गया है. केवल 10 बेड पर ही ऑक्सीजन उपलब्ध है. बाकी 60 बेड सामान्य हैं. ऐसे में कोरोना रोगियों को अजमेर रेफर कर दिया जाता है.
याचिका में कहा गया है कि नसीराबाद अस्पताल में वेंटिलेटर को चालू करने की दिशा में राज्य सरकार, जिला कलेक्टर अजमेर, सीएमएचओ अजमेर तथा नसीराबाद चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी किसी प्रकार की कोई प्रयास करते हुए नजर नहीं दिख रहे. याचिका में वेंटिलेटर को तुरंत चालू कराने और ऑक्सीजन बेड का कोटा 30 बेड तक करने की मांग की गई है.