अजमेर. जिले के हरिभाऊ उपाध्याय नगर में तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक छात्रावास के निर्माण को लेकर विरोध थम नहीं रहा है. बुधवार को बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आवंटित भूमि को निरस्त करने की मांग की. साथ ही जिला मुख्यालय के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया. दरअसल, जिले के कोटडा क्षेत्र के हरिभाऊ उपाध्याय नगर में तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक छात्रावास के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण ने जमीन आवंटित कर दी है. साथ ही डिमांड राशि प्राप्त होने के बाद निर्माण की स्वीकृति भी दे दी गई.
अब कुछ ही दिनों में तेलंगाना हाउस का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा. तेलंगाना सरकार में गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली इस बारे में कलेक्टर से मिलकर पहले ही तेलंगाना हाउस बनाए जाने की स्वीकृति मिलने की पुष्टि कर चुके हैं. लेकिन दूसरी ओर तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक हॉस्टल के लिए आवंटित की गई भूमि को निरस्त करने की मांग को लेकर क्षेत्र के लोग लगातार विरोध कर रहे हैं.
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - हालांकि, तेलंगाना हाउस के लिए भूमि आवंटन से पहले ही क्षेत्र के लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. लेकिन क्षेत्रवासियों के विरोध को प्रशासन और अजमेर विकास प्राधिकरण ने दरकिनार कर तेलंगाना हाउस के निर्माण की स्वीकृति दे दी. इससे क्षेत्रवासियों में खासा आक्रोश है. यही वजह है कि बुधवार को क्षेत्रवासियों ने जिला मुख्यालय और अजमेर विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. क्षेत्रवासियों ने प्रशासनिक अधिकारियों और अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का भी पाठ किया. इसके बाद जिला कलेक्टर अंशदीप से मुलाकात उन्हें सीएम अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा.
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सहयोग का आश्वासन - क्षेत्रवासी संदीप धाभाई ने बताया कि अल्पसंख्यक छात्रावास के लिए अल्पसंख्यक विभाग ने दूसरी जगह जमीन आवंटित करने के लिए प्रशासन को आवेदन किया है. वहीं, तेलंगाना हाउस के लिए आवंटित जमीन का आवंटन निरस्त करवाने को लेकर कलेक्टर से बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि तेलंगाना हाउस का मसला राज्य सरकार के स्तर पर ही सुलझ सकता है. इतना ही नहीं कलेक्टर ने इस मसले में सहयोग करने का भी आश्वासन दिया है. क्षेत्रवासी जितेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि क्षेत्र की सभी समितियों के पदाधिकारी और क्षेत्रवासी तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक छात्रावास के लिए किसी अन्य जगह पर भूमि आवंटन करने की मांग की है.
तब नहीं थी कोई योजना - एक अन्य क्षेत्रवासी पवित्रा शर्मा ने कहा कि साल 2018 में तेलंगाना हाउस को लेकर हरिभाऊ उपाध्याय नगर में जमीन आवंटन की प्रक्रिया का क्षेत्रवासियों ने विरोध किया था. उन्होंने कहा कि तेलंगाना हाउस बनाए जाने का क्षेत्रवासी विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि वो चाहते हैं कि तेलंगाना हाउस को किसी अन्य स्थान पर बनाया जाए. उन्होंने कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण से जब क्षेत्र के लोगों ने रिहायशी भूमि खरीदी थी, तब तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक हॉस्टल बनाए जाने को लेकर कोई योजना नहीं थी. शर्मा ने कहा कि तेलंगाना हाउस और अल्पसंख्यक छात्रावास के लिए जमीन कायड क्षेत्र में दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यहां विवाद नहीं सुलझा तो फिर हिंदू-मुस्लिम विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. तेलंगाना हाउस रुबात के नाम से जमीन आवंटित की गई है.
रुबात यानी फ्री - रुबात का मतलब फ्री होता है. फ्री का मतलब यहां कोई भी और कितने भी लोग आकर ठहरेंगे. उन्होंने कहा कि पुरानी विश्राम स्थली को अल्पसंख्यक समुदाय के लिए दे रखा था. सब जानते हैं कि वहां सफाई को लेकर क्या स्थिति रहती थी. उन्होंने कहा कि वो वो अपनी प्रॉपर्टी की साफ-सफाई का ध्यान रख सकते हैं, लेकिन आने लाने जाने वाले लोग इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं. शर्मा ने कहा कि हरिभाऊ उपाध्याय नगर साफ और डेवलप एरिया है. ऐसे में हम नहीं चाहते हैं कि यहां गंदगी फैले और स्थानीय लोगों को किसी भी तरह की परेशानी हो.