अजमेर. अरावली की पहाड़ियों के बीच मारवाड़ से देवगढ़ मदारिया तक 53 किलोमीटर की मीटर गेज रेल लाइन प्राकृतिक सौंदर्य से भरे इस क्षेत्र में पर्यटन का आधार बन गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जोधपुर से मारवाड़ कामलीघाट के बीच हेरिटेज रेल सेवा का वर्चुअल शुभारंभ गुरुवार को जोधपुर से किया. 6 अक्टूबर से ट्रेन एक माह तक सप्ताह में चार दिन संचालित होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 5 अक्टूबर को राजस्थान में लगभग 1200 करोड़ रुपए की लागत से दो महत्वपूर्ण दोहरीकरण की रेल परियोजना का लोकार्पण जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम में किया. इसमें जैसलमेर से दिल्ली के मध्य नई रेल सेवा रुणिचा एक्सप्रेस और मीटर गेज रेल लाइन पर मारवाड़ी जंक्शन-कामलीघाट हेरिटेज पर्यटक ट्रेन को पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.
डीजल इंजन को दिया स्टीम इंजन का लुक: अजमेर उत्तर पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि हेरिटेज ट्रेन को राजस्थानी लुक देने के लिए कोच पर राजस्थानी चित्रकार के साथ हाथी-घोड़े पालकी बने हुए हैं. वातानुकूलित हेरिटेज ट्रेन को बुक करने वाला पर्यटक इच्छा अनुसार कहीं भी रुकवा सकेगा. ट्रेन गोरम घाट, फुलाद और कामलीघाट पर रुकेगी. ट्रेन के साथ सीट का विस्टाहोम कोच है. इसके अलावा एक स्टाफ का कोच और एक इंजन है. रेलवे ट्रैक पर घुमावदार टनल सफर का रोमांस बढ़ाती है. यह ट्रेन मुख्य रूप से खामली घाट से फुलाद तक के 25 किलोमीटर का सफर प्राकृतिक और मनोरम दृश्य के अलावा घाट खंड के कई दर्शनीय स्थलों तक जाएगी.
टॉटगढ़ वन्य जीव अभ्यारण के बीच होकर गुजरती है ट्रेन: उन्होंने बताया कि अरावली पहाड़ियों के बीच मारवाड़ से देवगढ़ मदारिया 53 किलोमीटर की मीटर गेज रेल लाइन प्राकृतिक सौंदर्य से भरे इस क्षेत्र के लिए पर्यटन का आधार बन गई है. मीटर गेज रेल लाइन को रेलवे ने हेरिटेज रेल लाइन के रूप में संरक्षित करने का यह अनूठा प्रयास किया है. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर रेल मार्ग से जब ट्रेन गाने पहाड़ों और जंगल के बीच सर्पिलाकार मार्ग से होते हुए पुराने समय में निर्मित ब्रिज के ऊपर से गुजरती है तो रोमांचक अनुभव होता है.
हरी भरी वादियों में जब ट्रेन ऊंचाई वाले पुलों और रास्ते में पड़ने वाली दो टनलों से होकर गुजरती है, तो रोमांच और भी बढ़ जाता है. मीटर रेल खण्ड का 15 किलोमीटर का भाग टॉटगढ़ अरावली वन्य जीव अभ्यारण के बीच होकर गुजरता है. उन्होंने बताया कि इस वन अभ्यारण क्षेत्र में बारहसिंघा, जंगली सूअर, नीलगाय समेत कई वन्य जीव हैं. गोरम घाट स्टेशन के पास पहाड़ी पर गोरखनाथ जी का मंदिर भी है, जो कामलीघाट से दिखाई देता है.
भील बेरी का झरना है विशेष आकर्षण: गोरम घाट की यात्रा के दौरान राजस्थान में सबसे अधिक ऊंचाई से गिरने वाले भील बेरी का झरना भी पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है. यात्रा के इस अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए मारवाड़ जंक्शन-कामलीघाट के बीच विशेष ट्रेन चलाई जा रही है. इसमें मीटर गेज के डीजल इंजन को स्टीम इंजन का लुक दिया गया है, जिसमें कांच की बड़ी खिड़कियों वाला एक एससी सुविधायुक्त आरामदायक पर्यटन कोच है. रेलवे के प्रयास से देश-विदेश के पर्यटकों को राजस्थान के प्राकृतिक हेरिटेज सौंदर्य को देखने का मौका मिलेगा.
यह रहेगी नियमित समय सारणी: जानकारी के मुताबिक मारवाड़ कामलीघाट मारवाड़ वैली क्वीन हेरिटेज रेल सेवा 5 अक्टूबर को गाड़ी संख्या 00961 से शुरू हो गई है. इस हेरिटेज रेल सेवा का संचालन फिलहाल एक माह के लिए शुरू किया गया है. इसके बाद आगे के संचालन के लिए इसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने बताया कि समय सारणी के अंतर्गत मारवाड़ जंक्शन-कामलीघाट-मारवाड़ जंक्शन नियमित रेल सेवा 6 अक्टूबर से सप्ताह में चार दिन संचालित होगी. प्रत्येक सोमवार, मंगलवार गुरुवार और शुक्रवार को मारवाड़ जंक्शन से सुबह 8:30 ट्रेन रवाना होकर खामली घाट स्टेशन पर 11 बजे आगमन और 2:40 बजे प्रस्थान कर 5:20 बजे मारवाड़ जंक्शन पहुंचेगी.