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उर्स 2024 : पाकिस्तानी जायरीन के जत्थे में आए मशहूर गायक जोएब अशरफी, ख्वाजा की शान में गाया ये गीत

Ursh 2024, ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स जारी है. इस उर्स में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी जत्थे के साथ पाकिस्तान के मशहूर गायक और फनकार जोएब अशरफी भी आए हैं. दरगाह से आते-जाते भी वो सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में रहते हैं.

Pakistani singer Zoeb Ashrafi
पाकिस्तानी गायक जोएब अशरफी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 19, 2024, 7:49 AM IST

पाकिस्तानी गायक जोएब अशरफी

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मौके पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से 230 जायरीन का जत्था आया हुआ है. इस जत्थे में एक फनकार भी है जो अपनी आवाज और खुदा की शान में गाए हुए कलाम से काफी मशहूर है. सोशल मीडिया पर उनकी गाई हुई कव्वालियां लोगों की ओर से पसंद की जाती रही है. ईटीवी भारत के पास उनका अजमेर में ख्वाजा की शान में गाया एक गीत का वीडियो है, जिसके बोल है 'तेरी जात पर तेरे नाम पर ख्वाजा हम गरीबों को नाज है तू बड़ा गरीब नवाज है'.

ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में कड़ी सुरक्षा में पाकिस्तानी जायरीन का जत्था हाजरी लगाने आया है. इन पाक जायरीन में शामिल फनकार जोएब अशरफी के कलाम और कव्वालियों को कई मुल्कों में पसंद किया जाता है. उनकी गाई हुई नात को सोशल मीडिया पर ज्यादा पसंद किया जाता है. जोएब अशरफी अच्छे गायक भी हैं. उनके गाए हुए मशहूर गीतों में 'नबी का लब पर जो जिक्र, अल्लाह हू बकी मीन कुल्ली फनी, मेरा हुसैन, मोइनुद्दीन ख्वाजा, या इलाही फिर दिखा दे' गीत शामिल हैं. जोएब अशरफी पाकिस्तान में हैदराबाद से हैं और वे अशरफी सिलसिले से तालुक रखते हैं. जोएब शादीशुदा हैं और वो दो बच्चों के पिता भी हैं. चार भाइयों में वो सबसे छोटे हैं.

इसे भी पढ़ें- ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स छोटे कुल की रस्म के साथ सम्पन्न, 21 जनवरी को होगी बड़े कुल की रस्म

गाइड लाइन को कर रहे फॉलो : पाकिस्तान से आए जायरीन को सुरक्षा के मद्देनजर गाइड लाइन की पालना करनी पड़ रही है. इसके तहत वह मीडिया से खुलकर बात नहीं कर सकते. बल्कि दरगाह से आते-जाते भी वो सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में रहते हैं. यही वजह है कि मशहूर पाकिस्तानी गायक जोएब अशरफी को कोई पहचान नहीं पा रहा. ईटीवी भारत के पास उनका ताजा वीडियो है, जिसमें वो ख्वाजा की नगरी अजमेर में ख्वाजा की शान में गीत गा रहे हैं. उनका मानना है कि दिल से गाया हुआ हर शब्द सुकून देता है. जोएब को सोशल मीडिया पर लाखों लोग फॉलो करते हैं.

पाकिस्तानी गायक जोएब अशरफी

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मौके पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से 230 जायरीन का जत्था आया हुआ है. इस जत्थे में एक फनकार भी है जो अपनी आवाज और खुदा की शान में गाए हुए कलाम से काफी मशहूर है. सोशल मीडिया पर उनकी गाई हुई कव्वालियां लोगों की ओर से पसंद की जाती रही है. ईटीवी भारत के पास उनका अजमेर में ख्वाजा की शान में गाया एक गीत का वीडियो है, जिसके बोल है 'तेरी जात पर तेरे नाम पर ख्वाजा हम गरीबों को नाज है तू बड़ा गरीब नवाज है'.

ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में कड़ी सुरक्षा में पाकिस्तानी जायरीन का जत्था हाजरी लगाने आया है. इन पाक जायरीन में शामिल फनकार जोएब अशरफी के कलाम और कव्वालियों को कई मुल्कों में पसंद किया जाता है. उनकी गाई हुई नात को सोशल मीडिया पर ज्यादा पसंद किया जाता है. जोएब अशरफी अच्छे गायक भी हैं. उनके गाए हुए मशहूर गीतों में 'नबी का लब पर जो जिक्र, अल्लाह हू बकी मीन कुल्ली फनी, मेरा हुसैन, मोइनुद्दीन ख्वाजा, या इलाही फिर दिखा दे' गीत शामिल हैं. जोएब अशरफी पाकिस्तान में हैदराबाद से हैं और वे अशरफी सिलसिले से तालुक रखते हैं. जोएब शादीशुदा हैं और वो दो बच्चों के पिता भी हैं. चार भाइयों में वो सबसे छोटे हैं.

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गाइड लाइन को कर रहे फॉलो : पाकिस्तान से आए जायरीन को सुरक्षा के मद्देनजर गाइड लाइन की पालना करनी पड़ रही है. इसके तहत वह मीडिया से खुलकर बात नहीं कर सकते. बल्कि दरगाह से आते-जाते भी वो सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में रहते हैं. यही वजह है कि मशहूर पाकिस्तानी गायक जोएब अशरफी को कोई पहचान नहीं पा रहा. ईटीवी भारत के पास उनका ताजा वीडियो है, जिसमें वो ख्वाजा की नगरी अजमेर में ख्वाजा की शान में गीत गा रहे हैं. उनका मानना है कि दिल से गाया हुआ हर शब्द सुकून देता है. जोएब को सोशल मीडिया पर लाखों लोग फॉलो करते हैं.

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