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अजमेर से एक हजार पंचायत सहायकों ने किया जयपुर कूच, सीएम से करेंगे नियमित करने की मांग

ग्राम पंचायतों में लगे पंचायत सहायक 19 मई के बाद बेरोजगार हो गए हैं. सरकार उनका कार्यकाल नहीं बढ़ा रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री के समक्ष नियमित करने की मांग रखने के लिए अजमेर से एक हजार पंचायत सहायकों ने जयपुर कूच किया है.

एक हजार पंचायत सहायक सीएम से मिलने जयपुर किए कूच
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Published : Jun 10, 2019, 5:24 PM IST

अजमेर. प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर लगे ग्राम पंचायत सहायकों की स्थिति बदतर हो गई है. बीजेपी सरकार में आंदोलन के बाद उन्हें छह हजार रुपए मासिक वेतन पर लगाया गया था. लेकिन 19 मई को उनका कार्यकाल पूरा हो गया. ऐसे में प्रदेश के हजारों ग्राम पंचायत सहायक बेरोजगार हो गए.

अजमेर से एक हजार पंचायत सहायक सीएम से मिलने जयपुर किए कूच

आर्थिक तंगी से जूझ रहे ग्राम पंचायत सहायकों ने अब आंदोलन की राह पकड़ ली है. राजस्थान ग्राम पंचायत सहायक महासंघ के बैनर तले अजमेर से करीब एक हजार ग्राम पंचायत सहायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के लिए पैदल जयपुर रवाना हुए हैं. इससे पहले ग्राम पंचायत सहायक जिला मुख्यालय पर लामबंद हुए. यहां उन्होंने अपनी मांग को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया.

जयपुर कूच करने से पहले महासंघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. ग्राम पंचायत सहायकों का कहना है कि कई आंदोलन के बाद बीजेपी सरकार ने उन्हें ग्राम पंचायतों पर सहायक के रूप में छह हजार मासिक वेतन पर लगाया था. बावजूद इसके उन्हें 19 मई को काम से हटा दिया गया.

सरकार न तो उनका कार्यकाल बढ़ा रही है और न ही उन्हें नियमित करने का कोई प्रावधान लागू कर रही है. यही वजह है कि जिले भर से ग्राम पंचायत सहायक अब जयपुर में मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के लिए पहुंचे हैं.

अजमेर. प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर लगे ग्राम पंचायत सहायकों की स्थिति बदतर हो गई है. बीजेपी सरकार में आंदोलन के बाद उन्हें छह हजार रुपए मासिक वेतन पर लगाया गया था. लेकिन 19 मई को उनका कार्यकाल पूरा हो गया. ऐसे में प्रदेश के हजारों ग्राम पंचायत सहायक बेरोजगार हो गए.

अजमेर से एक हजार पंचायत सहायक सीएम से मिलने जयपुर किए कूच

आर्थिक तंगी से जूझ रहे ग्राम पंचायत सहायकों ने अब आंदोलन की राह पकड़ ली है. राजस्थान ग्राम पंचायत सहायक महासंघ के बैनर तले अजमेर से करीब एक हजार ग्राम पंचायत सहायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के लिए पैदल जयपुर रवाना हुए हैं. इससे पहले ग्राम पंचायत सहायक जिला मुख्यालय पर लामबंद हुए. यहां उन्होंने अपनी मांग को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया.

जयपुर कूच करने से पहले महासंघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. ग्राम पंचायत सहायकों का कहना है कि कई आंदोलन के बाद बीजेपी सरकार ने उन्हें ग्राम पंचायतों पर सहायक के रूप में छह हजार मासिक वेतन पर लगाया था. बावजूद इसके उन्हें 19 मई को काम से हटा दिया गया.

सरकार न तो उनका कार्यकाल बढ़ा रही है और न ही उन्हें नियमित करने का कोई प्रावधान लागू कर रही है. यही वजह है कि जिले भर से ग्राम पंचायत सहायक अब जयपुर में मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के लिए पहुंचे हैं.

Intro:अजमेर। ग्राम पंचायतों में लगे पंचायत सहायक 19 मई के बाद बेरोजगार हो गए हैं सरकार उनका कार्यकाल नहीं बढ़ा रही है ऐसे में उनके सामने आर्थिक तंगी की समस्या खड़ी हो गई है पंचायत सहायक सरकार से उनके कार्यकाल की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं साथ ही सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने घोषणा पत्र में उन्हें नियमित करने की घोषणा की थी तो सरकार को वादा याद दिलाने के लिए अजमेर से 1000 पंचायत सहायको ने जयपुर कूच किया है।


Body:प्रदेश में ग्राम पंचायतों पर लगे ग्राम पंचायत सहायकों की स्थिति ना घर के ना घाट की तरह हो गई है बीजेपी सरकार में आंदोलन के बाद उन्हें 6 हजार रुपये मासिक वेतन पर लगाया गया था। लेकिन 19 मई को उनका कार्यकाल पूरा हो गया। ऐसे में प्रदेश के हजारों ग्राम पंचायत सहायक बेरोजगार हो गए। आर्थिक तंगी से जूझ रहे ग्राम पंचायत सहायकों ने अब आंदोलन की राह पकड़ ली है। राजस्थान ग्राम पंचायत सहायक महासंघ के बैनर तले अजमेर जिले से करीब एक हजार ग्राम पंचायत सहायक मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पैदल जयपुर रवाना हुए हैं। इससे पहले ग्राम पंचायत सहायक जिला मुख्यालय पर लामबंद हुए। यहां उन्होंने अपनी मांग को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। जयपुर कुछ करने से पहले महासंघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्राम पंचायत सहायकों का कहना है कि कई आंदोलन के बाद बीजेपी सरकार ने उन्हें ग्राम पंचायतों पर सहायक के रूप में 6 हजार मासिक वेतन पर लगाया था। बावजूद इसके उन्हें 19 मई को काम से हटा दिया गया। सरकार ना तो उनका कार्यकाल बढ़ा रही है और ना ही उन्हें नियमित करने का कोई प्रावधान लागू कर रही है। यही वजह है कि जिले भर से ग्राम पंचायत सहायक अब जयपुर में मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के लिए कुछ कर रहे हैं....
बाइट- सोहन सिंह- ग्राम पंचायत सहायक
बाइक - पियूष शर्मा- ग्राम पंचायत सहायक


Conclusion:
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