अजमेर. जिले के नसीराबाद कस्बे में अब वाहन से जाने के लिए कर के रूप में शुल्क देना होगा. हालांकि कर कितना वसूला जाएगा यह फिलहाल तय नही हुआ है. लेकिन 30 सितंबर को होने वाली स्थानीय छावनी बोर्ड की बैठक में नसीराबाद में प्रवेश शुल्क का निर्धारण होने की संभावना है. गुरुवार को हुई बैठक में प्रवेश-कर लेने पर सहमति बन गई है.
अजमेर के नसीराबाद कस्बे में केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन स्थानीय निकाय छावनी परिषद की सेना के स्टेशन कमांडर व छावनी बोर्ड अध्यक्ष राजीव चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को परिषद सभागार में बैठक हुई. बैठक की कार्यसूची में शामिल कस्बे में वाहन प्रवेश-कर के मुद्दे पर चर्चा की गई. साथ प्रवेश-कर निर्धारण के लिए आगामी 30 सितम्बर को पार्षदों की बैठक में तय किये गए प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जाएगा. 30 सितम्बर को परिषद ईओ अरविन्द नेमा के साथ पार्षदों की बैठक में निर्धारित किया जायेगा कि किस वाहन को प्रवेश-कर के बतौर कितना शुल्क लिया जाए और किससे नहीं लिया जाए.
पढ़ें: स्पेशल स्टोरी: कोटा में 'बाढ़' बहा ले गई सैकड़ों आशियाने
बता दें कि नसीराबाद वाहन प्रवेश-शुल्क की मार सबसे ज्यादा ट्रक व ट्रोला व्यवसायियों को झेलनी पड़ेगी. दरअसल नसीराबाद की पहचान सैन्य-छावनी के अलावा ट्रोला नगरी के रूप में भी है. ज्यादात्तर यहां लोग ट्रोला व ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुडे हुए है. गुरुवार को बैठक में पार्षदों की ओर से कस्बे में भवन-कर निर्धारण का मुद्दा उठाया गया. लेकिन इस मुद्दे को लेकर छावनी परिषद ने उनको तवज्जो नहीं दी. बता दें कि 9 सितम्बर को भवन-कर समिति अध्यक्ष पार्षद अनिरुद्ध खंडेलवाल सहित अन्य पार्षदों ने छावनी परिषद को लिखित में पत्र सौंप कर मुद्दे को बोर्ड बैठक में रखने की मांग की थी.
बैठक में छावनी परिषद सिविल एरिया कमेटी चेयरमेन योगेश सोनी की मांग पर कस्बे के पटेल उद्यान का गेट नागरिकों के लिये सुबह 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक खुला रखने का निर्णय बैठक में लिया गया है. बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमती बनी व कुछ ख़ारिज कर दिए गए.
पढ़ें: आधी रात को बोला तलाक, तलाक, तलाक और महिला को निकाल दिया घर से
फिलहाल प्रवेश कर निर्धारण का मुद्दा आगामी 30 सितम्बर तक टल गया. 30 सितम्बर की बैठक ईओ व पार्षदों की चर्चा में तय होगा कि किस वाहन पर कितना प्रवेश-कर नसीराबाद में प्रवेश के लिये लागू होगा.