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2019 में दिखाए वर्ल्ड क्लास बस अड्डा बनाने के सब्जबाग, अब मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे यात्री

अजमेर के केंद्रीय बस अड्डे को साल 2019 में वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना पर काम शुरू हुआ (Ajmer bus stand included in Smart City) था. लेकिन यह योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई. अब इस बस अड्डे के हालात बेहद खस्ता हैं. यहां तक कि आम यात्री सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं. जो कुछ हैं, वे उपयोग लायक नहीं हैं.

No Passenger facilities at Ajmer central bus stand, once it was included in smart city project
2019 में दिखाए वर्ल्ड क्लास बस अड्डा बनाने के सब्जबाग, अब मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे यात्री
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Published : Dec 13, 2022, 5:38 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 9:58 PM IST

वर्ल्ड क्लास तो नहीं, अव्यवस्थाओं का अड्डा बना अजमेर बस स्टेंड...

अजमेर. स्मार्ट सिटी बन रहे अजमेर का केंद्रीय बस अड्डा विकास से अछूता है और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल कर 2019 में वर्ल्ड क्लास बस स्टैंड बनाने के सब्जबाग जनता को दिखाए गए. अब इस बस स्टैंड की हालत बदतर नजर आ रही है. यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं भी रोडवेज प्रशासन नहीं दे पा रहा (No Passenger facilities at Ajmer central bus stand) है. हालात इतने विकट हैं कि बस स्टैंड की जर्जर इमारत में कर्मचारी रिस्क लेकर काम करने को मजबूर हैं.

अजमेर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 900 करोड़ रुपए के विकास कार्य हो रहे हैं. शुरुआत में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से बनाए गए प्रोजेक्ट में अजमेर के केंद्रीय बस अड्डे को भी शामिल किया गया था. केंद्रीय बस अड्डे को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए डीपीआर भी बन चुकी थी. केंद्रीय बस अड्डे पर 7 मंजिला मल्टीकॉम्प्लेक्स बनना था. इसमें होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें और फिल्म थिएटर भी शामिल किए गए थे. अंडरग्राउंड पार्किंग, अत्याधुनिक प्लेटफार्म और एग्जिट के नक्शे तक बन चुके थे.

पढ़ें: अजमेरः अब केंद्रीय रोडवेज बनेगा व्यावसायिक उपयोग का जरिया, खाली पड़ी जगहों से होगी आमदनी

अजमेर रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की घोषणा रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव करके गए थे. गहलोत सरकार अपने कार्यकाल का अंतिम बजट अगले वर्ष पेश करेगी. अब केंद्रीय बस अड्डे को वर्ल्ड क्लास बनाए जाने की फाइल मुख्यालय तक पहुंची लेकिन उसे वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई. लिहाजा अजमेर केंद्रीय बस अड्डे का वर्ल्ड क्लास बनने का सपना टूट गया है. अब हालात ये हैं कि केंद्रीय बस अड्डे की इमारत जर्जर हो चुकी है. हर तरफ गंदगी और बदबू का आलम है.

मूलभूत सुविधा के लिए भी तरसते हैं यात्री: केंद्रीय बस स्टैंड पर दो सुलभ कॉम्प्लेक्स हैं. इनमें से एक की हालत तो इतनी बदतर है कि इसके अंदर जाना तो दूर आसपास जाना भी मुमकिन नहीं है. सुलभ कॉम्प्लेक्स की इमारत गिरने की स्थिति में है. शौचालय गंदगी से अटे पड़े हैं. ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है. दूसरे सुलभ कॉम्प्लेक्स की भी कमोबेश यही स्थिति है. बस स्टैंड पर शुद्ध और शीतल पानी के लिए बने वाटर कूलर प्लांट बंद पड़े हैं. प्लेटफार्म पर जगह-जगह गंदगी पड़ी हुई है.

पढ़ें: 3 साल से तैयार है सिंधी कैंप बस स्टैंड, इन कारणों के चलते नहीं हुआ अबतक शुरू

मरम्मत के लिए नहीं मिलता अतिरिक्त फंड: रोडवेज कर्मचारी नेता भोलेनाथ आचार्य बताते हैं कि रोडवेज के पास कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन देने का पैसा ही पर्याप्त नहीं है. केंद्रीय बस अड्डे की समस्याओं के बारे में मुख्यालय को कई बार लिखा जा चुका है. फंड के अभाव में बस स्टैंड का कायाकल्प नहीं हो पा रहा है. आचार्य ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बस स्टैंड को वर्ल्ड क्लास बनाने की कवायद भी शुरू हुई थी लेकिन सब धरा रह गया.

रोडवेज कर्मचारी नेता बजरंग लाल शर्मा ने बताया कि राजस्थान रोडवेज सार्वजनिक परिवहन का उद्योग है. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी की ओर से केंद्र और राजस्थान सरकार की ओर से किसी भी तरह का फंड स्थान रोडवेज को नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार बस स्टैंडों को बस अड्डा एक्ट के तहत लेना चाहती है. इसके तहत बस माफियाओं को भी बस स्टैंड पर आवागमन करवाने की सरकार की मंशा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान रोडवेज के विकास के लिए गहलोत सरकार की ओर से कोई प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं.

पढ़ें: Special: रोडवेज बसों में महफूज नहीं सफर, अवैध धंधे से जेब गर्म कर रहे कर्मचारी, तो राजस्व को लगा रहे चूना

वर्ल्ड क्लास का सपना दिखाया अब मूलभूत सुविधा भी नहीं: यात्री राजीव शर्मा ने कहा कि केंद्रीय बस अड्डा वर्ल्ड क्लास बनना तो दूर अजमेर रोडवेज प्रशासन मूलभूत सुविधाएं भी यात्रियों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. टॉयलेट्स की हालत खराब है. यात्रियों के लिए पीने का शुद्ध पानी नहीं है. हर तरफ गंदगी नजर आती है. बस स्टैंड की इमारत जर्जर हो चुकी है. बारिश में ही नहीं आम दिनों में भी बस अड्डे के कई कमरो में पानी चूता रहता है. बसों की सफाई नहीं हो पाती है.

वर्ल्ड क्लास तो नहीं, अव्यवस्थाओं का अड्डा बना अजमेर बस स्टेंड...

अजमेर. स्मार्ट सिटी बन रहे अजमेर का केंद्रीय बस अड्डा विकास से अछूता है और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल कर 2019 में वर्ल्ड क्लास बस स्टैंड बनाने के सब्जबाग जनता को दिखाए गए. अब इस बस स्टैंड की हालत बदतर नजर आ रही है. यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं भी रोडवेज प्रशासन नहीं दे पा रहा (No Passenger facilities at Ajmer central bus stand) है. हालात इतने विकट हैं कि बस स्टैंड की जर्जर इमारत में कर्मचारी रिस्क लेकर काम करने को मजबूर हैं.

अजमेर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से 900 करोड़ रुपए के विकास कार्य हो रहे हैं. शुरुआत में स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से बनाए गए प्रोजेक्ट में अजमेर के केंद्रीय बस अड्डे को भी शामिल किया गया था. केंद्रीय बस अड्डे को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए डीपीआर भी बन चुकी थी. केंद्रीय बस अड्डे पर 7 मंजिला मल्टीकॉम्प्लेक्स बनना था. इसमें होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें और फिल्म थिएटर भी शामिल किए गए थे. अंडरग्राउंड पार्किंग, अत्याधुनिक प्लेटफार्म और एग्जिट के नक्शे तक बन चुके थे.

पढ़ें: अजमेरः अब केंद्रीय रोडवेज बनेगा व्यावसायिक उपयोग का जरिया, खाली पड़ी जगहों से होगी आमदनी

अजमेर रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की घोषणा रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव करके गए थे. गहलोत सरकार अपने कार्यकाल का अंतिम बजट अगले वर्ष पेश करेगी. अब केंद्रीय बस अड्डे को वर्ल्ड क्लास बनाए जाने की फाइल मुख्यालय तक पहुंची लेकिन उसे वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई. लिहाजा अजमेर केंद्रीय बस अड्डे का वर्ल्ड क्लास बनने का सपना टूट गया है. अब हालात ये हैं कि केंद्रीय बस अड्डे की इमारत जर्जर हो चुकी है. हर तरफ गंदगी और बदबू का आलम है.

मूलभूत सुविधा के लिए भी तरसते हैं यात्री: केंद्रीय बस स्टैंड पर दो सुलभ कॉम्प्लेक्स हैं. इनमें से एक की हालत तो इतनी बदतर है कि इसके अंदर जाना तो दूर आसपास जाना भी मुमकिन नहीं है. सुलभ कॉम्प्लेक्स की इमारत गिरने की स्थिति में है. शौचालय गंदगी से अटे पड़े हैं. ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है. दूसरे सुलभ कॉम्प्लेक्स की भी कमोबेश यही स्थिति है. बस स्टैंड पर शुद्ध और शीतल पानी के लिए बने वाटर कूलर प्लांट बंद पड़े हैं. प्लेटफार्म पर जगह-जगह गंदगी पड़ी हुई है.

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मरम्मत के लिए नहीं मिलता अतिरिक्त फंड: रोडवेज कर्मचारी नेता भोलेनाथ आचार्य बताते हैं कि रोडवेज के पास कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन देने का पैसा ही पर्याप्त नहीं है. केंद्रीय बस अड्डे की समस्याओं के बारे में मुख्यालय को कई बार लिखा जा चुका है. फंड के अभाव में बस स्टैंड का कायाकल्प नहीं हो पा रहा है. आचार्य ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बस स्टैंड को वर्ल्ड क्लास बनाने की कवायद भी शुरू हुई थी लेकिन सब धरा रह गया.

रोडवेज कर्मचारी नेता बजरंग लाल शर्मा ने बताया कि राजस्थान रोडवेज सार्वजनिक परिवहन का उद्योग है. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी की ओर से केंद्र और राजस्थान सरकार की ओर से किसी भी तरह का फंड स्थान रोडवेज को नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार बस स्टैंडों को बस अड्डा एक्ट के तहत लेना चाहती है. इसके तहत बस माफियाओं को भी बस स्टैंड पर आवागमन करवाने की सरकार की मंशा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान रोडवेज के विकास के लिए गहलोत सरकार की ओर से कोई प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं.

पढ़ें: Special: रोडवेज बसों में महफूज नहीं सफर, अवैध धंधे से जेब गर्म कर रहे कर्मचारी, तो राजस्व को लगा रहे चूना

वर्ल्ड क्लास का सपना दिखाया अब मूलभूत सुविधा भी नहीं: यात्री राजीव शर्मा ने कहा कि केंद्रीय बस अड्डा वर्ल्ड क्लास बनना तो दूर अजमेर रोडवेज प्रशासन मूलभूत सुविधाएं भी यात्रियों को उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. टॉयलेट्स की हालत खराब है. यात्रियों के लिए पीने का शुद्ध पानी नहीं है. हर तरफ गंदगी नजर आती है. बस स्टैंड की इमारत जर्जर हो चुकी है. बारिश में ही नहीं आम दिनों में भी बस अड्डे के कई कमरो में पानी चूता रहता है. बसों की सफाई नहीं हो पाती है.

Last Updated : Dec 13, 2022, 9:58 PM IST
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