नसीराबाद (अजमेर). प्रदेश के स्कुलों और अस्पतालों में कार्मिकों की कमी एक आम बात हो गई, मगर नसीराबाद के ब्यावर मार्ग पर हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में स्थित प्रदेश की सबसे छोटी नसीराबाद की नवगठित नगरपालिका कार्यालय भी कार्मिकों की कमी से जुंझ रहा है. जिसका असर नगरपालिका क्षेत्र के वाशिंदों को अवरुद्ध कार्यों के रूप में झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है.
बता दें कि गत 4 वर्ष पूर्व वसुंधरा सरकार ने अपनी घोषणा को अमली जामा पहनाते हुए नगरपालिका का गठन कर किराये के भवन से कार्यालय संचालित कर दिया था. जिसमें सम्पन्न निकाय चुनाव में कालोनी में स्थित करीब 900 आवासों को शामिल कर 20 वार्डो का गठन कर दिया गया था, जिसमें करीब 3 हजार की आबादी है.
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गौरतलब है की नगरपालिका कार्यालय में 36 कार्मिकों के पद स्वीकृत होने के बावजूद भी 31 पद अभी तक रिक्त है. साथ ही मात्र 5 कार्मिकों के भरोसे नगरपालिका कार्यालय संचालित हो रही है. जिससे आम जन के कार्य बाधित हो रहे है और वाशिंदों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
नगरपालिका कार्यालय में कनिष्ठ अभियंता सिविल, सहायक राजस्व निरीक्षक, सफाई निरीक्षक, लिपिक ग्रेड प्रथम के 2 पद, लिपिक ग्रेड द्वितीय के 3 पद, कनिष्ठ लेखाकार, वाहन चालक, चोकीदार, सफाई जमादार, चपरासी के 4 पद, लाईन मेन, बागवान सहित 13 सफाई कर्मचारियों के पद रिक्त है. साथ ही अभी तक नियुक्ति नहीं होने से सफाई व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
हालांकि वैकल्पिक तौर पर सरकार ने अस्थायी रूप से गत बुधवार को जेईएन तैनात तो कर दिया और अस्थायी रूप से जेईएन अशोक कुमार ने कार्यभार भी संभाल लिया है. जिनका कार्यालय में ज्वाईन के दौरान पालिका ईओ महेन्द्र सिंह चारण ने बोर्ड अध्यक्ष शारदा मित्तर वाल और उपाध्यक्ष शंभू साहू की मौजुदगी में माला पहना स्वागत भी किया. मगर अशोक कुमार सप्ताह में मात्र 2 दिन ही कार्य देखेंगे.
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ईओ महेन्द्र सिंह चारण ने बताया की चतुर्थ श्रेणी नगरपालिका में स्टाफिंग पेटर्न के अनुसार 36 पद स्वीकृत है. जिसमें 31 पद रिक्त है, जिस सम्बन्ध में राज्य सरकार को लिखा जा चूका है. पालिका बोर्ड अध्यक्ष शारदा मित्तर वाल ने बताया की पद रिक्त होने के कारण कार्य में बाधा आती है.
बोर्ड उपाध्यक्ष शंभू साहू ने बताया की मात्र 5 कार्मिक होने के कारण सभी कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहे है. नगरपालिका वार्ड संख्या 10 की पार्षद सरोज बिस्सा ने बताया की सरकार ने नगरपालिका का गठन तो कर दिया है, मगर जेईएन जैसा महत्वपूर्ण पद भी रिक्त होने से तकनीकी कार्यो में परेशानी का सामना करना पड़ता है.