अजमेर/जोधपुर. चीन में फैल रहे बच्चों में निमोनिया और स्वास्थ्य संबंधी बीमारी को लेकर अजमेर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. इसी के मद्देनजर अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई. बुधवार को अजमेर के समस्त स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र के साथ ही संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में व्यवस्थाओं को परखने के लिए मॉक ड्रिल की गई है. इसके साथ ही जोधपुर के माथुरादास माथुर अस्पताल में भी इंतजामों की मॉक ड्रिल की गई.
जेएलएन अस्पताल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. इंदर सिंह और डॉ. अरविंद खरे ने चिकित्सा अधिकारियों की बैठक भी ली. जेएलएन अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने बताया कि चीन में बच्चों में निमोनिया और स्वास्थ्य संबंधी बीमारी को लेकर भारत सरकार भी चिंतित है. राजस्थान के समस्त अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर बुधवार को व्यवस्थाओं को परखने के लिए मॉक ड्रिल की गई. साथ ही तैयारी का जायजा भी लिया गया.
इनको माना गया हाई रिस्क : उन्होंने बताया कि तैयारी के तहत बेड चिह्नित कर लिए गए हैं. बेड के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था रखी गई है. इसके अलावा आईसीयू और वेंटीलेटर, कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन जनरेटर, जांच और एंबुलेंस को चिह्नित किया गया है. इन सभी व्यवस्थाओं के प्रभारी को बुलाकर उन्हें अलर्ट कर दिया गया है. पीडियाट्रिक वार्ड में 14 से 15 वर्ष के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सर्दी, जुकाम, निमोनिया या सांस लेने में तकलीफ होने की स्थिति में उन्हें हाई रिस्क माना है.
ये हैं व्यवस्थाएं : उन्होंने बताया कि हाई रिस्क मरीजों की भर्ती के लिए ट्रॉमा वार्ड को रखा गया है. इसमें सभी बेड के साथ ऑक्सीजन और वेंटीलेटर हैं. साथ ही अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन और ऑक्सीजन जनरेट करने का भी प्लांट है. कंसंट्रेटर और आरटीपीसीआर किट भी पर्याप्त संख्या में हैं. डॉ. खरे ने बताया कि सरकार ने व्यवस्थाओं का प्रारूप मांगा है. अस्पताल में सभी तरह की व्यवस्थाएं माकूल हैं. कोरोना के समय अस्पताल में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन की कमी थी, लेकिन अब पर्याप्त मात्रा में केंद्र सरकार ने 250 वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था अस्पताल में की है. यहां आइसोलेशन वार्ड और हर बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था है.
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सीएचसी और पीएचसी पर भी मॉक ड्रिल : डॉ. अनुज पिंगोलिया ने बताया कि जिले में 29 स्वास्थ्य केंद्र और 75 उप स्वास्थ्य केंद्र पर भी व्यवस्थाओं को परखने के लिए मॉक ड्रिल जारी है. कोरोना के शुरुआती दौर की तरह अव्यवस्था न हो और मरीजों के लिए आवश्यक जीवन रक्षक दवा इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि की सुविधा मिल सके. यही वजह है जिले में मॉक ड्रिल के माध्यम से व्यवस्थाओं को परखा जा रहा है.
जोधपुर के MDM अस्पताल में मॉक ड्रिल : बुधवार को केंद्र के निर्देश पर अस्पतालों में इंतजामों की मॉक ड्रिल की गई. संभाग के सबसे बड़े माथुरादास माथुर अस्पताल और संक्रामक रोग संस्थान में व्यस्थाओं का जायजा लिया गया. खास तौर पर ऑक्सीजन आपूर्ति पर फोकस किया गया. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छावाह ने बताया कि चीन में फैले इस बीमारी के मद्देनजर सरकार के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज से जुड़े 100 बेड से अधिक की क्षमता वाले सभी अस्पतालों में इंतजाम देखे गए हैं. कोरोना के समय जो सुविधा बनाई थी, उनको जांचा गया है. इसमें आईसीयू, एनआईसीयू और पीआईसीयू बेड और लेबोरेटरी रिपोर्ट देखा गया. एसएन मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत कमला नेहरू टीबी हॉस्पिटल में किसी भी तरह के संक्रमण से जुड़े रोगों के उपचार के लिए सुविधाएं जुटाई गई हैं.