किशनगढ़ (अजमेर). विधानसभा में पुष्कर विधानसभा के भाजपा विधायक सुरेश रावत ने शनिवार को शून्यकाल में एक फाइनेंस कंपनी की संवेदनहीनता का मुद्दा उठाया. और फाइनेंस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
दरअसल, फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने मकान सीज करते समय यह भी नहीं देखा कि अंदर नौ माह की बच्ची सो रही है. और मकान को बंद कर दिया. परिवार वाले चिल्लाते रहे कि अंदर नौ माह की मासूम सो रही है, लेकिन उनकी एक ना सुनी गई. मासूम घंटों भूख और प्यास से घर के अंदर ही तड़पती रही, काफी प्रयासों के बाद देर शाम मासूम को बाहर निकाला जा सका.
विधायक सुरेश रावत इस बच्ची को विधानसभा में लेकर पहुंचे और रूपनगढ़ फाइनेंस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने शून्यकाल में यह मामला उठाया. मासूम की मां सुगना देवी ने बताया कि बैंक और साथ आये पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती कर हमें बाहर निकाल दिया. उनकी बेटी अंदर सो रही थी उसे भी नहीं निकलने दिया. धका मुक्की कर ताला लगाकर चले गए.
मासूम को निकालने की गुहार की मगर किसी ने नहीं सुना
मां ने बताया कि मेरे सुसर जी ने अजमेर जाकर कोर्ट से कागज लाये तब शाम को बच्ची को बाहर निकाला गया. विधायक रावत ने मीडिया को बताया कि बच्ची के दादा ने आठ लाख रुपये का फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था, कुछ रकम बकाया थी जिसको लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा था. कोर्ट से उन्हें स्टे मिला हुआ था, लेकिन फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी तीन दिन पहले अचानक अजमेर जिले के रूपनगढ़ पहुंचे और मकान को सीज कर दिया.
मामला मीडिया में आने के बाद शनिवार को रूपनगढ़ थाना पुलिस एडिशनल एसपी मौके पर पहुंचे और मामला दर्ज किया. साथ ही पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी.