अजमेर. स्मरण शक्ति कम होने का रोग कभी बुजुर्गों में देखा जाता था, लेकिन आज की भागदौड़ और तनावभरी जिंदगी में यह रोग अब कम उम्र के लोगों में भी नजर आने लगा है. इसका नुकसान भी कई तरह से लोगों को भुगतना पड़ता है. जानते हैं आयुर्वेद पद्धति में स्मरण शक्ति कम के कम होने के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में हेल्थ टिप्स...
अजमेर जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि स्मरण शक्ति कम होने की ज्यादातर शिकायतें पहले बुजुर्ग व्यक्तियों में मिला करती थीं. लेकिन अब कम उम्र के व्यक्तियों में भी यह बीमारी आम हो गई है. डॉ मिश्रा बताते हैं कि उनके पास आने वाले मरीजों में से 25 फीसदी मरीज कम स्मरण शक्ति वाले होते है. यानी स्मरण शक्ति का रोग आम बात हो गई है.
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स्मरण शक्ति कम होने के कारणः डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि अनियमित जीवनशैली के कारण नींद पूरी नहीं होना, मानसिक तनाव, आर्थिक कमजोरी, मोबाइल कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल, शिक्षा, नौकरी, सफलता और रुपया कमाने की होड़, कम उम्र में सामाजिक और परिवारिक दायित्व का बोझ, समय पर भोजन नहीं करना, योग, व्यायाम नहीं करना. यह वे कारण हैं जिससे स्मरण शक्ति कम होने लगती है.
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स्मरण शक्ति कम होने के लक्षणः डॉ मिश्रा बताते हैं कि चिड़चिड़ापन, सिर दर्द होना, बात या काम को भूल जाना, चलती बात में अन्य बात करना, खुली आंखों से सपने देखना, बार-बार करवट बदलना, जरा सी आवाज में नींद से उठ जाना. इस तरह के लक्षण स्मरण शक्ति कम होने के हैं. उन्होंने बताया कि मोबाइल, कंप्यूटर, वीडियो गेम और पढ़ाई के तनाव के कारण पर 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों में भी स्मरण शक्ति कमजोर होने की समस्या देखी जाती है. ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों पर ध्यान दे. उन्हें फिजिकल एक्टिविटी से जोड़ें. मोबाइल, वीडियो गेम और कंप्यूटर पर इस्तेमाल कम करने के लिए दें. साथ ही उनके आहार का भी विशेष ध्यान रखें.
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आयुर्वेद उपचार और दवाओं से मिलती है राहतः डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि शंखपुष्पी, ब्रह्मी, आंवला, अश्वगंधा, जटामांसी, तगर, भूमिआंवला स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए अचूक औषधियां हैं. आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह से इन औषधियों के उपयोग से स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायता मिलती है. इसके अलावा दिनचर्या में सुधार लाने की भी आवश्यकता है, समय पर सोना, समय पर उठना, व्यायाम ध्यान और योग करना, पौष्टिक भोजन समय पर करना आदि.