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दीपावली पर वैभव लक्ष्मी माता मंदिर में खीर का लगता है भोग, मिलता है खुशहाली का आशीर्वाद - Ajmer News

अजमेर में आगरा गेट स्थित माता वैभव लक्ष्मी के प्राचीन मंदिर से अजमेर के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. दीपावली के दिन माता वैभव लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित कर खीर का भोग लगाने से खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है.

Mata Vaibhav Lakshmi Temple News,  Rajasthan News
वैभव लक्ष्मी माता मंदिर
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Published : Nov 12, 2020, 9:45 PM IST

अजमेर. भगवान विष्णु की पत्नी महालक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. अजमेर में सदियों सुप्रसिद्ध माता वैभव लक्ष्मी का प्राचीन मंदिर लोगों के लिए बड़ी आस्था का केंद्र रहा है. दीपावली के दिन वैभव लक्ष्मी माता को खीर का भोग लगाने का विशेष महत्व है.

खीर का लगता है भोग

अजमेर में आगरा गेट स्थित माता वैभव लक्ष्मी के प्राचीन मंदिर से अजमेर के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. इनमें महिलाएं और कई व्यापारी माता वैभव लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं ताकि उनका जीवन समृद्ध और खुशहाल बना रहे. माता लक्ष्मी का यह प्राचीन मंदिर मराठा कालीन है. अजमेर में मराठों के शासन के वक्त माता वैभव लक्ष्मी के मंदिर का निर्माण करवाया गया था.

Mata Vaibhav Lakshmi Temple News,  Rajasthan News
वैभव लक्ष्मी माता मंदिर

सदियों से है खीर का भोग लगाने की परंपरा

मंदिर के पुजारी प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि सदियों से दीपावली के दिन माता वैभव लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने की परंपरा रही है. श्रद्धालु दीपावली के दिन सुबह 4 बजे से मंदिर पहुंचना शुरू कर देते हैं. मंदिर में दीया जलाने के साथ ही माता को कमल का पुष्प अर्पित किया जाता है. ऐसा करने से माता वैभव लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

5 दिन माता का नयनाभिराम श्रृंगार

प्रकाश चंद ने बताया कि माता वैभव लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कई लोग शुक्रवार को व्रत भी करते हैं. उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर धनतेरस से लेकर भाईदूज तक मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाता है. इन 5 दिनों में माता का हर दिन नयनाभिराम श्रृंगार किया जाता है.

पढ़ें- श्री द्वारिकाधीश मंदिर में दीपावली पर भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे श्रद्धालु, कोरोना के कारण बंद रहेगा प्रवेश

वैभव लक्ष्मी माता मंदिर में ज्यादातर श्रद्धालु महिलाएं होती हैं. विशेषकर शुक्रवार को दिन भर व्रत रखने के साथ माता वैभव लक्ष्मी के दर्शनों के लिए महिलाएं मंदिर जरूर आती हैं. यहां लोगों को विश्वास है कि सच्ची निष्ठा के साथ माता वैभव लक्ष्मी के व्रत करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

क्या कहना है श्रद्धालुओं का...

श्रद्धालु सुनीता ने बताया कि उन्होंने मंदिर के बारे में सुना था और माता वैभव लक्ष्मी के व्रत शुरू किए थे. माता वैभव लक्ष्मी के व्रत पूरे होने जा रहे हैं. इसलिए उद्यापन के लिए वह मंदिर में खीर का भोग दीपावली पर लगाएंगी. एक अन्य श्रद्धालु राखी शर्मा ने बताया कि वह वर्षों से माता वैभव लक्ष्मी के दर्शनों के लिए मंदिर आ रही है. उन्होंने बताया कि अजमेर में एकमात्र माता वैभव लक्ष्मी का मंदिर है, जहां माता की प्रतिमा के साथ धन के देवता कुबेर और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमा भी साथ में है. जिनकी एक साथ एक ही जगह पर दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है.

मेले जैसा माहौल...

शहर के बीच माता वैभव लक्ष्मी का मंदिर होने से यहां दीपावली के दिन मेले जैसा माहौल रहता है. लोग सुबह से ही माता लक्ष्मी के मंदिर में अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना लेकर आते हैं और उन्हें मंदिर में विराजमान माता सुख समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती है.

अजमेर. भगवान विष्णु की पत्नी महालक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. अजमेर में सदियों सुप्रसिद्ध माता वैभव लक्ष्मी का प्राचीन मंदिर लोगों के लिए बड़ी आस्था का केंद्र रहा है. दीपावली के दिन वैभव लक्ष्मी माता को खीर का भोग लगाने का विशेष महत्व है.

खीर का लगता है भोग

अजमेर में आगरा गेट स्थित माता वैभव लक्ष्मी के प्राचीन मंदिर से अजमेर के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. इनमें महिलाएं और कई व्यापारी माता वैभव लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्रवार का व्रत करते हैं ताकि उनका जीवन समृद्ध और खुशहाल बना रहे. माता लक्ष्मी का यह प्राचीन मंदिर मराठा कालीन है. अजमेर में मराठों के शासन के वक्त माता वैभव लक्ष्मी के मंदिर का निर्माण करवाया गया था.

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वैभव लक्ष्मी माता मंदिर

सदियों से है खीर का भोग लगाने की परंपरा

मंदिर के पुजारी प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि सदियों से दीपावली के दिन माता वैभव लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने की परंपरा रही है. श्रद्धालु दीपावली के दिन सुबह 4 बजे से मंदिर पहुंचना शुरू कर देते हैं. मंदिर में दीया जलाने के साथ ही माता को कमल का पुष्प अर्पित किया जाता है. ऐसा करने से माता वैभव लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है.

5 दिन माता का नयनाभिराम श्रृंगार

प्रकाश चंद ने बताया कि माता वैभव लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कई लोग शुक्रवार को व्रत भी करते हैं. उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर धनतेरस से लेकर भाईदूज तक मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाता है. इन 5 दिनों में माता का हर दिन नयनाभिराम श्रृंगार किया जाता है.

पढ़ें- श्री द्वारिकाधीश मंदिर में दीपावली पर भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे श्रद्धालु, कोरोना के कारण बंद रहेगा प्रवेश

वैभव लक्ष्मी माता मंदिर में ज्यादातर श्रद्धालु महिलाएं होती हैं. विशेषकर शुक्रवार को दिन भर व्रत रखने के साथ माता वैभव लक्ष्मी के दर्शनों के लिए महिलाएं मंदिर जरूर आती हैं. यहां लोगों को विश्वास है कि सच्ची निष्ठा के साथ माता वैभव लक्ष्मी के व्रत करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

क्या कहना है श्रद्धालुओं का...

श्रद्धालु सुनीता ने बताया कि उन्होंने मंदिर के बारे में सुना था और माता वैभव लक्ष्मी के व्रत शुरू किए थे. माता वैभव लक्ष्मी के व्रत पूरे होने जा रहे हैं. इसलिए उद्यापन के लिए वह मंदिर में खीर का भोग दीपावली पर लगाएंगी. एक अन्य श्रद्धालु राखी शर्मा ने बताया कि वह वर्षों से माता वैभव लक्ष्मी के दर्शनों के लिए मंदिर आ रही है. उन्होंने बताया कि अजमेर में एकमात्र माता वैभव लक्ष्मी का मंदिर है, जहां माता की प्रतिमा के साथ धन के देवता कुबेर और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमा भी साथ में है. जिनकी एक साथ एक ही जगह पर दर्शन करने का अवसर प्राप्त होता है.

मेले जैसा माहौल...

शहर के बीच माता वैभव लक्ष्मी का मंदिर होने से यहां दीपावली के दिन मेले जैसा माहौल रहता है. लोग सुबह से ही माता लक्ष्मी के मंदिर में अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना लेकर आते हैं और उन्हें मंदिर में विराजमान माता सुख समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती है.

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