अजमेर. पुरुषों में सिर के बीच के हिस्से में गंजापन की समस्या आम हो चुकी है. एक समय था जब इसका इलाज संभव नहीं था लेकिन अब गंजेपन को दवाओं की मदद से रोका जा सकता है. बशर्ते की इसका समय पर रोगी इलाज कराए. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित से जानते हैं उनके हेल्थ टिप्स..
बालों का झड़ना आम रोग है ये कई कारणों एवं कई प्रकार का हो सकता है. लेकिन हम बात कर रहे हैं पुरुषों के सिर के बीच के हिस्से में होने वाले गंजापन की समस्या के बारे में. ये पुरुष प्रतिरूप गंजापन की एक श्रेणी है. इसमें हेयर लाइन से आठ स्टेज में गंजापन आने की समस्या होती है. एक समय था जब गंजेपन का कोई इलाज नहीं था लेकिन मेडिकल साइंस में अब गंजापन को रोकने के लिए कई तरह की दवाइयां और उपचार उपलब्ध है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि सिर में गंजापन कई कारणों से एवं कई प्रकार से हो सकता है.
मतलब मौसम परिवर्तन के साथ बालों का झड़ना, गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति में दुष्प्रभाव स्वरूप बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है. पुरुषों के सिर के बीच के हिस्से में धीरे-धीरे गंजापन आना अनुवांशिक कारण भी हो सकता है. डॉ पुरोहित बताते हैं कि शरीर में डाईहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (डीएचटी) नामक तत्व गंजेपन की समस्या के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है. उन्होंने बताया कि छोटे लड़के और लड़की सामान्यतया एक जैसे नजर आते हैं. हम सभी मेमल्स के पूरे शरीर पर रोम (बाल) होते हैं. ऐसे महीन बाल जो बिल्कुल नजर तक नहीं आते हैं. उन्हें विलस ( Villous ) हेयर कहते हैं.
किशोरावस्था में शरीर के विकास के लिए होने वाले शारीरिक परिवर्तन के फलस्वरुप लड़के में दाढ़ी मूछ आने लगती है यह प्रक्रिया एंड्रोजन (Androgen) हार्मोन की वजह से होती है. दाढ़ी मूछ का आना टर्मिनल हेयर कहलाते हैं. इस प्रक्रिया को टर्मीलाइजेशन कहते हैं. डॉ रोहित बताते हैं कि टर्मीलाइजेशन और मिनिएचराइजेशन एक दूसरे के विपरीत प्रक्रिया है.
गंजेपन के लक्षण : डीएचटी हार्मोन की वजह से बालों की मोटाई धीरे-धीरे कम होती जाती है. बाद में सुक्ष्म स्वरूप में बाल सिर की चमड़ी में दब जाते है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि शेर में गंजापन तीन तरह से हो सकता है. कई लोगों में हैयरलाइन पीछे सरकने लगती है. तो कई लोगों में सिर के बीच के भाग में खालीपन देखने लगता है. इसी तरह कई लोगों में सिर के पिछले हिस्से वर्टेक्स (vertex) क्षेत्र में बाल पतले होकर गंजापन की समस्या आने लगता है.
गंजेपन को रोकने ईलाज सम्भव : डॉ पुरोहित बताते हैं कि एक समय था जब गंजेपन का कोई इलाज नहीं था इस कारण कई लोग गंजेपन का शिकार होकर उसके साथ ही अपना जीवन बिताते थे. लेकिन अब इसका इलाज संभव है बशर्ते कि शुरुआत में ही उपचार लिया जाए. इसके उपचार के लिए कई तरह की दवाइयां है जो चिकित्सक की सलाह के अनुसार लेनी होती है. इसके लिए आवश्यक है कि शुरुआती लक्षणों मेल पैटर्न बाल्डनेस को पहचान कर गंजेपन को रोका जा सकता है.