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Corona Effect: लॉकडाउन की वजह से केकड़ी मंडी में करोड़ों का नुकसान

लॉकडाउन के कारण अजमेर के सबसे बड़ी मंडियों में शामिल केकड़ी मंडी में करोड़ों का कारोबार प्रभावित हुआ है. हालांकि, किसानों को अब थोड़ी राहत प्रदान की गई है. जिससे अब मंडियों में किसान अपनी फसलों को बेच सकते हैं. शनिवार को शुरू हुए मंडी में कुछ किसान आ रहे हैं और अपनी फसलों को नीलाम कर रहे हैं.

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लॉकडाउन की वजह से केकड़ी मंडी में करोड़ों का नुकसान
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Published : Apr 14, 2020, 2:42 PM IST

केकड़ी (अजमेर). कोरोना वायरस की रोकथाम के चलते लगाए गए लाॅकडाउन में किसानों को थोड़ी राहत दी जा रही है. जिसके चलते शनिवार से शुरू हुआ केकड़ी कृषि उपज मंडी कारोबार अब धीरे-धीरे वापस पटरी पर आने लगा है. केकड़ी मंडी में कारोबार बंद रहने से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ हैं.

वहीं अब नीलामी के दौरान मंडी प्रशासन और व्यापारी कोरोना से बचने के सारे एहतियात भी बरत रहे हैं. लेकिन फिर भी मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो पा रही है. सोमवार को प्लेटफाॅर्म पर नीलामी के दौरान व्यापारियों का जमघट देखा गया.

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मंडी में पहुंचे किसान

सोमवार को सुबह मंडी प्रशासन उमेश शर्मा चेक पोस्ट पर खड़े रहे और केवल ई-पास वाले किसानों को ही अंदर आने दिया गया. इतना ही नहीं किसानों को मास्क देकर सैनिटाइज किया और इसके बाद प्रवेश की अनुमति दी. बता दें कि सोमवार को मंडी में करीब सात हजार क्विंटल माल की खरीद-फरोख्त हुई.

यह भी पढ़ें- SPECIAL: अजमेर की पहली ऐसी ग्राम पंचायत जहां CCTV से हो रही है निगरानी

व्यापारियों ने बताया कि धीरे-धीरे मंडी में सरकार की एडवाइजरी का पालन करते हुए कारोबार को करीब दस हजार क्विंटल तक किया जायेगा. आपको बता दें कि केकड़ी में लाॅकडाउन के दौरान करीब करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है. केकड़ी मंडी प्रदेश की प्रमुख मंडियों में शुमार है. जहां पर कई जिलों से किसान अपना माल लेकर आते हैं. अजमेर संभाग में 17 मंडियों में केकड़ी मंडी प्रथम पायदान पर है. केकड़ी कृषि उपज मंड़ी को सालाना 6 करोड़ का शुल्क प्राप्त होता है. केकड़ी मंडी राजस्थान में सुपर क्लास श्रेणी में आती है.

लॉकडाउन की वजह से केकड़ी मंडी में करोड़ों का नुकसान

मंडी में सरसों, चना की आवक ज्यादा-केकड़ी कृषि उपज मण्ड़ी के सचिव उमेश शर्मा ने बताया कि सोमवार को मण्ड़ी में सरसों और चना की आवक ज्यादा हुई है. मंडी में अनुमानित सात हजार क्विंटल माल आया है. शनिवार को प्रथम दिन किसानों को मैसेज समय पर नहीं मिल पाने के कारण किसान नही आ पाए उन किसानों को भी सोमवार को बुलाया गया.

यह भी पढे़ं- अजमेर में कोरोना वायरस का पिंडदान कर युवाओं ने मुंडवाया सिर

मंडी में सोमवार को सरसों के भाव 3800-4000, जौ 1400-1550, तारामीरा 3000-3200, जीरा 9000-12500, चना 3875-4000 तक के भाव रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन किसानों को ई-पास चाहिए. वो किसान अवकाश के दिन को छोड़कर प्रत्येक दिन सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक मंडी की और से जारी वाट्सएप के माध्यम से अपना पंजीयन करा सकते हैं.

केकड़ी (अजमेर). कोरोना वायरस की रोकथाम के चलते लगाए गए लाॅकडाउन में किसानों को थोड़ी राहत दी जा रही है. जिसके चलते शनिवार से शुरू हुआ केकड़ी कृषि उपज मंडी कारोबार अब धीरे-धीरे वापस पटरी पर आने लगा है. केकड़ी मंडी में कारोबार बंद रहने से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ हैं.

वहीं अब नीलामी के दौरान मंडी प्रशासन और व्यापारी कोरोना से बचने के सारे एहतियात भी बरत रहे हैं. लेकिन फिर भी मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हो पा रही है. सोमवार को प्लेटफाॅर्म पर नीलामी के दौरान व्यापारियों का जमघट देखा गया.

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मंडी में पहुंचे किसान

सोमवार को सुबह मंडी प्रशासन उमेश शर्मा चेक पोस्ट पर खड़े रहे और केवल ई-पास वाले किसानों को ही अंदर आने दिया गया. इतना ही नहीं किसानों को मास्क देकर सैनिटाइज किया और इसके बाद प्रवेश की अनुमति दी. बता दें कि सोमवार को मंडी में करीब सात हजार क्विंटल माल की खरीद-फरोख्त हुई.

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व्यापारियों ने बताया कि धीरे-धीरे मंडी में सरकार की एडवाइजरी का पालन करते हुए कारोबार को करीब दस हजार क्विंटल तक किया जायेगा. आपको बता दें कि केकड़ी में लाॅकडाउन के दौरान करीब करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है. केकड़ी मंडी प्रदेश की प्रमुख मंडियों में शुमार है. जहां पर कई जिलों से किसान अपना माल लेकर आते हैं. अजमेर संभाग में 17 मंडियों में केकड़ी मंडी प्रथम पायदान पर है. केकड़ी कृषि उपज मंड़ी को सालाना 6 करोड़ का शुल्क प्राप्त होता है. केकड़ी मंडी राजस्थान में सुपर क्लास श्रेणी में आती है.

लॉकडाउन की वजह से केकड़ी मंडी में करोड़ों का नुकसान

मंडी में सरसों, चना की आवक ज्यादा-केकड़ी कृषि उपज मण्ड़ी के सचिव उमेश शर्मा ने बताया कि सोमवार को मण्ड़ी में सरसों और चना की आवक ज्यादा हुई है. मंडी में अनुमानित सात हजार क्विंटल माल आया है. शनिवार को प्रथम दिन किसानों को मैसेज समय पर नहीं मिल पाने के कारण किसान नही आ पाए उन किसानों को भी सोमवार को बुलाया गया.

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मंडी में सोमवार को सरसों के भाव 3800-4000, जौ 1400-1550, तारामीरा 3000-3200, जीरा 9000-12500, चना 3875-4000 तक के भाव रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन किसानों को ई-पास चाहिए. वो किसान अवकाश के दिन को छोड़कर प्रत्येक दिन सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक मंडी की और से जारी वाट्सएप के माध्यम से अपना पंजीयन करा सकते हैं.

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