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पुष्कर में इजरायलियों का 'रोश हसाना' शुरू : त्योहार की पूर्व संध्या पर प्रार्थना, जश्न और सामूहिक भोज, आज होगा समापन - Celebrations and Banquets

Jewish New Year 2023, पुष्कर में इजरायलियों का त्योहार रोश हसाना की हुई शुरुआत हो गई है. त्योहार की पूर्व संध्या प्रार्थना, जश्न और सामूहिक भोज के साथ मनाया गया. आज इसका समापन होगा.

Jewish New Year 2023
जश्न और सामूहिक भोज
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 16, 2023, 7:49 AM IST

अजमेर. तीर्थ नगरी पुष्कर में धार्मिक स्थल बेद खबाद इजरायली पर्यटकों से आबाद हो गया है. इसकी खास वजह इजरायलियों का प्रमुख त्योहार रोश हसाना है. इजराइल से ही नहीं, बल्कि भारत में घूमने आए इजरायली पर्यटक भी बड़ी संख्या में त्योहार मनाने के लिए पुष्कर आए हुए हैं. इजरायलियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस ही नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसी भी चौंकनी है.

तीर्थराज गुरु पुष्कर से इजरायलियों का गहरा नाता है. यहां पर इजरायलियों का प्रमुख धार्मिक स्थल बेद खबाद मौजूद है. वर्षों से इजरायली पर्यटकों का पुष्कर में आना-जाना रहा है. इजरायली पर्यटकों को अब पुष्कर अपना दूसरा घर लगने लगा है. पुष्कर के खुशनुमा और भौगोलिक वातावरण की अनुकूलता इजरायली पर्यटकों को काफी रास आती है. खास बात यह है कि इजरायली पर्यटक स्थानीय लोगों में अच्छी तरह से घुल मिल जाते हैं. यही वजह है कि कई इजरायली पर्यटकों ने पुष्कर में वैवाहिक संबंध बना लिए हैं तो कई पर्यटकों ने व्यावसायिक रिश्ते भी बना रखे हैं. सितंबर की शुरुआत से ही धार्मिक पर्यटन नगरी पुष्कर में पर्यटकों की आवक शुरू हो जाती है.

पढ़ें : Jewish New Year 2023: बेद खबाद की सुरक्षा बढ़ाई, 12 से बढ़ेगी पर्यटकों की चहल-पहल

इन पर्यटकों में बड़ी संख्या इजरायली पर्यटकों की होती है. पुष्कर का पंच कुंड क्षेत्र मिनी इजरायल के नाम से चर्चित है. दरअसल, इस क्षेत्र के होटल गेस्ट हाउस में बड़ी संख्या में इजरायली पर्यटक ठहरते हैं. पुष्कर के गुरुद्वारा के समीप इजरायली पर्यटकों का धार्मिक स्थल बेद खबाद है. यह धार्मिक स्थल वर्ष में 8 महीने खुला रहता है. इजरायल से धर्म गुरु और उनका परिवार आठ माह यहीं रहता है. विगत 12 सितंबर को ही धर्मगुरु और उनके परिवार पुष्कर आया और बेद खबाद खुल गया है.

रोश हसाना त्योहार की पूर्व संध्या पर हुए धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम : इजराइल का रोश हसाना प्रमुख त्योहार है. इसरायल से भारत घूमने आए पर्यटक त्योहार मनाने के लिए पुष्कर में जुटते हैं. शुक्रवार को त्योहार की पूर्व संध्या पर बेद खबाद में उत्सव की शुरुआत इजरायली धार्मिक पद्धति के अनुसार पूजा-अर्चना के साथ की गई. उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. सभी इजरायली पर्यटक इस खास मौके पर बेद खबाद में मौजूद रहे. देर रात सामूहिक भोज का आयोजन हुआ. अगले दिन पूजा-अर्चना, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक भोज के बाद त्योहार का समापन होगा.

होटल व्यवसाय रवि जैन बताते हैं कि रोश हसाना इसरायलियों का प्रमुख त्योहार है. इस त्योहार के साथ ही इजरायली नव वर्ष शुरू होता है. जैन बताते हैं कि त्योहार की शुरुआत इजरायली पर्यटक सेब, अनार और शहद को खाकर करते हैं. इन तीनों ही खाद्य पदार्थ को शुभ माना जाता है. बेद खबाद में प्रार्थना सभा होती है. उसके बाद सामूहिक भोज होता है. इसमें इजरायली व्यंजन बनाए जाते हैं. इसमें कई तरह के सलाद और सूप होते हैं. यह दो दिन का त्योहार होता है. नव वर्ष पर प्रार्थना पूजा-अर्चना के साथ-साथ नाच गाकर जश्न मनाते हैं.

बेद खबाद की सुरक्षा में पुलिस ही नहीं, सुरक्षा एजेंसियां भी हैं चौंकानी : बेद खबाद के बाहर 24 घंटे पुलिस के हथियार बंद जवान का पहरा रहता है. इसके अलावा त्योहार के खस्मों के पर इसराइल से दो कमांडो भी बेद खबाद की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं. पुष्कर में इजरायली पर्यटकों का धार्मिक स्थल बेद खबाद को काफी संवेदनशील स्थल माना जाता है. दरअसल, पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का आतंकी कॉल मां हेडली ने मुंबई हमले से पहले जहां मुंबई में रेकी की थी ठीक उससे पहले पुष्कर में रहकर आतंकी कोलमेन हेडली ने पुष्कर में रहकर बेद खबाद की रेकी की थी. तत्कालीन समय में खुफिया एजेंसियों को इस बारे में भनक नहीं लगी थी. मुंबई हमले के बाद बेद खबाद की सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई.

अजमेर. तीर्थ नगरी पुष्कर में धार्मिक स्थल बेद खबाद इजरायली पर्यटकों से आबाद हो गया है. इसकी खास वजह इजरायलियों का प्रमुख त्योहार रोश हसाना है. इजराइल से ही नहीं, बल्कि भारत में घूमने आए इजरायली पर्यटक भी बड़ी संख्या में त्योहार मनाने के लिए पुष्कर आए हुए हैं. इजरायलियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस ही नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसी भी चौंकनी है.

तीर्थराज गुरु पुष्कर से इजरायलियों का गहरा नाता है. यहां पर इजरायलियों का प्रमुख धार्मिक स्थल बेद खबाद मौजूद है. वर्षों से इजरायली पर्यटकों का पुष्कर में आना-जाना रहा है. इजरायली पर्यटकों को अब पुष्कर अपना दूसरा घर लगने लगा है. पुष्कर के खुशनुमा और भौगोलिक वातावरण की अनुकूलता इजरायली पर्यटकों को काफी रास आती है. खास बात यह है कि इजरायली पर्यटक स्थानीय लोगों में अच्छी तरह से घुल मिल जाते हैं. यही वजह है कि कई इजरायली पर्यटकों ने पुष्कर में वैवाहिक संबंध बना लिए हैं तो कई पर्यटकों ने व्यावसायिक रिश्ते भी बना रखे हैं. सितंबर की शुरुआत से ही धार्मिक पर्यटन नगरी पुष्कर में पर्यटकों की आवक शुरू हो जाती है.

पढ़ें : Jewish New Year 2023: बेद खबाद की सुरक्षा बढ़ाई, 12 से बढ़ेगी पर्यटकों की चहल-पहल

इन पर्यटकों में बड़ी संख्या इजरायली पर्यटकों की होती है. पुष्कर का पंच कुंड क्षेत्र मिनी इजरायल के नाम से चर्चित है. दरअसल, इस क्षेत्र के होटल गेस्ट हाउस में बड़ी संख्या में इजरायली पर्यटक ठहरते हैं. पुष्कर के गुरुद्वारा के समीप इजरायली पर्यटकों का धार्मिक स्थल बेद खबाद है. यह धार्मिक स्थल वर्ष में 8 महीने खुला रहता है. इजरायल से धर्म गुरु और उनका परिवार आठ माह यहीं रहता है. विगत 12 सितंबर को ही धर्मगुरु और उनके परिवार पुष्कर आया और बेद खबाद खुल गया है.

रोश हसाना त्योहार की पूर्व संध्या पर हुए धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम : इजराइल का रोश हसाना प्रमुख त्योहार है. इसरायल से भारत घूमने आए पर्यटक त्योहार मनाने के लिए पुष्कर में जुटते हैं. शुक्रवार को त्योहार की पूर्व संध्या पर बेद खबाद में उत्सव की शुरुआत इजरायली धार्मिक पद्धति के अनुसार पूजा-अर्चना के साथ की गई. उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ. सभी इजरायली पर्यटक इस खास मौके पर बेद खबाद में मौजूद रहे. देर रात सामूहिक भोज का आयोजन हुआ. अगले दिन पूजा-अर्चना, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक भोज के बाद त्योहार का समापन होगा.

होटल व्यवसाय रवि जैन बताते हैं कि रोश हसाना इसरायलियों का प्रमुख त्योहार है. इस त्योहार के साथ ही इजरायली नव वर्ष शुरू होता है. जैन बताते हैं कि त्योहार की शुरुआत इजरायली पर्यटक सेब, अनार और शहद को खाकर करते हैं. इन तीनों ही खाद्य पदार्थ को शुभ माना जाता है. बेद खबाद में प्रार्थना सभा होती है. उसके बाद सामूहिक भोज होता है. इसमें इजरायली व्यंजन बनाए जाते हैं. इसमें कई तरह के सलाद और सूप होते हैं. यह दो दिन का त्योहार होता है. नव वर्ष पर प्रार्थना पूजा-अर्चना के साथ-साथ नाच गाकर जश्न मनाते हैं.

बेद खबाद की सुरक्षा में पुलिस ही नहीं, सुरक्षा एजेंसियां भी हैं चौंकानी : बेद खबाद के बाहर 24 घंटे पुलिस के हथियार बंद जवान का पहरा रहता है. इसके अलावा त्योहार के खस्मों के पर इसराइल से दो कमांडो भी बेद खबाद की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं. पुष्कर में इजरायली पर्यटकों का धार्मिक स्थल बेद खबाद को काफी संवेदनशील स्थल माना जाता है. दरअसल, पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का आतंकी कॉल मां हेडली ने मुंबई हमले से पहले जहां मुंबई में रेकी की थी ठीक उससे पहले पुष्कर में रहकर आतंकी कोलमेन हेडली ने पुष्कर में रहकर बेद खबाद की रेकी की थी. तत्कालीन समय में खुफिया एजेंसियों को इस बारे में भनक नहीं लगी थी. मुंबई हमले के बाद बेद खबाद की सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई.

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