अजमेर: कोरोना का असर तीज-त्योहारों पर साफ नजर आने लगा है. विजयदशमी पर्व भी इस साल अजमेर में शांतिपूर्वक मनाया गया. लेकिन सालों से चली आ रही परम्पराओं का निर्वहन करने के लिए प्रतीकात्मक रामजी की शोभायात्रा निकाली गई और बुराई के प्रतीक रावण का दहन भी किया गया.
अग्रवाल पंचायत के उपमंत्री सुरेश चंद गोयल ने कहा कि 200 साल से पुरानी मंडी स्थित रघुनाथ मंदिर से रामजी की शोभायात्रा निकाली जाती रही है. यह शोभायात्रा जहां पहले रावण की बगीची पहुंचकर रावण का दहन करती थी तो वहीं बाद में इसे पटेल मैदान ले जाया जाने लगा. इस बार कोरोना के चलते जहां पटेल मैदान में भव्य आयोजन नहीं हुआ तो उन्होंने परम्परा का निर्वहन करने के लिए प्रतीकात्मक जुलूस निकाला और रावण की बगीची में रावण का दहन किया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया.
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अग्रवाल पंचायत समिति के उप मंत्री ने कहा कि काफी सालों से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. लेकिन कोरोना संक्रमण महामारी के बाद राजस्थान सरकार द्वारा धारा 144 को लागू कर दिया गया था, इसलिए ना ही प्रशासन ने जुलूस की अनुमति दी और ना ही रावण दहन की अनुमति दी गई. लेकिन फिर भी समाज ने परंपरा निभाते हुए शोभायात्रा निकाली.