अजमेर. जिले में ईद उल फितर के मौके पर कैसरगंज स्थित ईदगाह में विशेष नमाज अदा हुई. हजारों नमाज़ियों ने नमाज अदा कर मुल्क में अमन चैन, भाईचारा और खुशहाली की कामना की. नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले लग कर ईद की मुबारकबाद दी. ईद को लेकर बच्चों और युवाओं में भी काफी उत्साह नजर आया.
ईद के मुबारक मौके पर अजमेर में मुख्य नमाज केसरगंज स्थित ईदगाह में अदा की गई, खाना किस से पहले ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह परिसर में स्थित शाहजानी मस्जिद में नमाज अदा की गई. कैसरगंज स्थित ईदगाह में सुबह 9 बजे नमाज अदा हुई. सुबह 7 बजे से बड़ी संख्या में नमाज ईदगाह पहुंचने लगे. नमाजियों के लिए ईदगाह में छाया की व्यवस्था की गई. नमाज के लिए लोग ईदगाह में आते रहे और अपनी जगह बनाते रहे. 8 बजे तक ईदगाह परिसर नमाजियों से पूरी तरह से खचाखच भर गया. नमाजियों की कतारे ईदगाह से बाहर केसरगंज गोल चक्कर तक पहुंच गई. ठीक 9 बजे तोप दागी गई. इसके बाद ईदगाह में शहर काजी तौफीक अहमद ने हजारों नमाजियों को नमाज अदा करवाई.
प्रशासन और पुलिस रही अलर्ट : अजमेर में मुख्य नमाज कैसरगंज स्थित ईदगाह में होती है. लिहाजा यहां पर पुलिस ने चाक-चौबंद व्यवस्था की. यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात नजर आए. वहीं प्रशासन ने मूलभूत सुविधा व्यवस्था को अंजाम दिया. संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा, अजमेर रेंज आईजी रूपिंदर सिंघ, कलेक्टर अंशदीप, एसपी चुनाराम जाट समेत प्रशासनिक अधिकारी भी यहां मौजूद रहे. संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा ने बताया कि जन सुविधा के अनुसार संबंधित विभागों ने व्यवस्थाएं संभाली है.
मेहरा ने कहा कि अजमेर गंगा जमुनी तहजीब का शहर है. यहां सभी धर्मों के लोग अपने अपने त्योहार सद्भावना और शांति के साथ मनाते हैं. ईद का त्यौहार भी अमन चैन और भाई चारे के साथ मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि ईश्वर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान. कहने का तात्पर्य यह है कि हमारे देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई जैन, पारसी, बौद्ध सभी धर्म और जातियों के बीच आपसी प्रेम से रहने की जो हमारी संस्कृति और परंपरा है वह जारी है.
गंगा जमुनी तहजीब हुई साकार : अजमेर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. यहां सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर रहते हैं. गंगा जमुनी तहजीब की झलक नमाज के बाद देखी गई. विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की ओर से मुस्लिम समुदाय के लोगों को ईद की मुबारकबाद दी गई. राजनीतिक संगठनों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाए. वही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी लोगों को ईद की मुबारकबाद दी. सर्व धर्म मैत्री संघ की ओर से भी मुस्लिम समुदाय के लोगों को गले लग कर बधाई दी.
पढ़ें : Eid Significance : आपसी भाईचारे का त्योहार है ईद, जानिए इसका महत्व और इतिहास
सर्व धर्म मैत्री संघ के सदस्य कैलाश शर्मा ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के विशेष त्योहार ईद पर मुख्य नमाज हुई है. यहां आकर काफी अच्छा लगा है. अजमेर में सभी लोग एक दूसरे के त्योहार पर आते जाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी धर्म के लोग समान रूप से एक-दूसरे का आदर करते हैं. यही हमारी परंपरा भी रही है. अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दीवान के साहबजादे सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि ईद के मुबारक मौके पर सभी धर्म और समाज के लोगों ने यहां आकर ईद की मुबारकबाद मुस्लिम समुदाय के लोगों को दी है यह गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद आतंकी बौखलाए हुए हैं. जबकि जम्मू-कश्मीर की आवाम रोजगार और अमन चाहती है. वहां की आवाम शांति और सुकून से रहना पसंद करती है. उन्होंने कहा कि यह आतंकी हमला आतंकवादियों की कायराना हरकत है.
दरगाह में खुला जन्नति दरवाजा : सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में वर्ष में चार बार खुलने वाला जन्नती दरवाजा काम जायरीन के लिए सुबह खोल दिया गया. स्थानीय और दरगाह ने जायरीन ने जन्नती दरवाजे से होकर ख्वाजा गरीब नवाज की जियारत की. बताया जाता है कि जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने शरीफ में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत करने से जन्नत नसीब होती है.