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Dharmendra alias Bulbul murder case: धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल हत्याकांड के चारों आरोपियों को उम्र कैद

अजमेर के श्रीनगर रोड स्थित शिव मंदिर के समीप एक युवक की हत्या और उसकी पत्नी से मारपीट के चार आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई हैं.

Dharmendra alias Bulbul murder case, murder accused gets life imprisonment
आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
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Published : Jul 20, 2023, 8:11 PM IST

Updated : Jul 21, 2023, 12:01 AM IST

धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल हत्याकांड के चारों आरोपियों को उम्र कैद

अजमेर. श्रीनगर रोड स्थित शिव मंदिर के समीप एक युवक कैंची घोंप कर हत्या करने और मृतक की पत्नी से मारपीट करने के मामले में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. यह मामला 1 फरवरी, 2016 का है. महिला उत्पीड़न मामले की विशेष अदालत ने गुरुवार को आरोपियों को सजा सुनाई है.

विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि अलवर गेट थाना क्षेत्र में श्रीनगर रोड स्थित शिव मंदिर के पास 1 फरवरी, 2016 की रात 10 बजे सरेआम रेलवे कर्मचारी धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस दौरान बीच-बचाव करने आई मृतक की पत्नी से भी आरोपियों ने मारपीट की थी. धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल का मर्डर होते हुए सरेआम कई लोगों ने देखा था. उन्होंने बताया कि मृतक के भाई हिम्मत ने अलवर गेट थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था.

पढ़ें: राजस्थान में चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, मां-बाप और भाई के सामने दो सगी बहनों से किया था रेप

पुलिस ने मामले में अनुसंधान घर के चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें से जितेंद्र उर्फ डीडीएल न्यायिक अभिरक्षा में है जबकि तीन आरोपी जमानत पर रिहा है. विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि मामले में 20 गवाह और 47 दस्तावेज के साथ ही हत्या के लिए प्रयुक्त हथियार कैंची पर पाया गया. खून आरोपियों को सजा दिलाने का आधार बना. हत्या की वारदात के वक्त चश्मदीद रहे लोगों ने पुलिस को जो बयान दिए थे. वहीं बयान की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में भी हुई है.

पढ़ें: महिला की फावड़ी से हत्या करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

पुरानी रंजिश में धर्मेंद्र बुलबुल की हत्याः अशरफ बुलंदी ने बताया कि रेल कर्मचारी धर्मेंद्र और बुलबुल एवं उसकी हत्या के आरोपी जितेंद्र उर्फ डीडीएल, दीपक कुमार उर्फ कातिया, प्रवीण और कान्हा उर्फ टोनी के बीच पुरानी रंजिश थी. 1 फरवरी, 2016 को रात 10 बजे धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल शिव मंदिर के पास खड़ा हुआ था. इस दौरान आरोपियों से उसकी कहासुनी हो गई. कहासुनी के बाद आरोपी वहां से चले गए, लेकिन कुछ देर बाद ही वह वापस लौटे आए.

पढ़ें: पति और बच्चों की हत्यारिन संतोष को प्रेमी संग मिली आजीवन कारावास की सजा

आरोपियों में से कान्हा उर्फ टोनी और प्रवीण ने धर्मेंद्र उस बुलबुल के हाथ पकड़े. वहीं जितेंद्र उर्फ डीडीएल के हाथ में कैंची थी. कैंची से उसने धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल पर कई कातिलाना वार किए. इस वारदात के पीछे बीच बचाव के लिए आई धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल की पत्नी तरुणा से भी आरोपियों ने मारपीट की थी. दोनों पति-पत्नी को घायल अवस्था में जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उपचार के दौरान धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल ने दम तोड़ दिया. वहीं उसकी पत्नी तरुणा के पीठ, जांघ, सिर और पैर में चोटें आई थीं. धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल की हत्या के चारों आरोपियों में कोई पछतावा नजर नहीं आया. उम्रकैद की सजा सुनकर कोर्ट के बाहर आए आरोपी मुस्काते हुए नजर आए.

धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल हत्याकांड के चारों आरोपियों को उम्र कैद

अजमेर. श्रीनगर रोड स्थित शिव मंदिर के समीप एक युवक कैंची घोंप कर हत्या करने और मृतक की पत्नी से मारपीट करने के मामले में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. यह मामला 1 फरवरी, 2016 का है. महिला उत्पीड़न मामले की विशेष अदालत ने गुरुवार को आरोपियों को सजा सुनाई है.

विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि अलवर गेट थाना क्षेत्र में श्रीनगर रोड स्थित शिव मंदिर के पास 1 फरवरी, 2016 की रात 10 बजे सरेआम रेलवे कर्मचारी धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस दौरान बीच-बचाव करने आई मृतक की पत्नी से भी आरोपियों ने मारपीट की थी. धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल का मर्डर होते हुए सरेआम कई लोगों ने देखा था. उन्होंने बताया कि मृतक के भाई हिम्मत ने अलवर गेट थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था.

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पुलिस ने मामले में अनुसंधान घर के चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें से जितेंद्र उर्फ डीडीएल न्यायिक अभिरक्षा में है जबकि तीन आरोपी जमानत पर रिहा है. विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि मामले में 20 गवाह और 47 दस्तावेज के साथ ही हत्या के लिए प्रयुक्त हथियार कैंची पर पाया गया. खून आरोपियों को सजा दिलाने का आधार बना. हत्या की वारदात के वक्त चश्मदीद रहे लोगों ने पुलिस को जो बयान दिए थे. वहीं बयान की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में भी हुई है.

पढ़ें: महिला की फावड़ी से हत्या करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

पुरानी रंजिश में धर्मेंद्र बुलबुल की हत्याः अशरफ बुलंदी ने बताया कि रेल कर्मचारी धर्मेंद्र और बुलबुल एवं उसकी हत्या के आरोपी जितेंद्र उर्फ डीडीएल, दीपक कुमार उर्फ कातिया, प्रवीण और कान्हा उर्फ टोनी के बीच पुरानी रंजिश थी. 1 फरवरी, 2016 को रात 10 बजे धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल शिव मंदिर के पास खड़ा हुआ था. इस दौरान आरोपियों से उसकी कहासुनी हो गई. कहासुनी के बाद आरोपी वहां से चले गए, लेकिन कुछ देर बाद ही वह वापस लौटे आए.

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आरोपियों में से कान्हा उर्फ टोनी और प्रवीण ने धर्मेंद्र उस बुलबुल के हाथ पकड़े. वहीं जितेंद्र उर्फ डीडीएल के हाथ में कैंची थी. कैंची से उसने धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल पर कई कातिलाना वार किए. इस वारदात के पीछे बीच बचाव के लिए आई धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल की पत्नी तरुणा से भी आरोपियों ने मारपीट की थी. दोनों पति-पत्नी को घायल अवस्था में जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां उपचार के दौरान धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल ने दम तोड़ दिया. वहीं उसकी पत्नी तरुणा के पीठ, जांघ, सिर और पैर में चोटें आई थीं. धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल की हत्या के चारों आरोपियों में कोई पछतावा नजर नहीं आया. उम्रकैद की सजा सुनकर कोर्ट के बाहर आए आरोपी मुस्काते हुए नजर आए.

Last Updated : Jul 21, 2023, 12:01 AM IST
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