पुष्कर (अजमेर). कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार ने पुष्कर पशु मेला और धार्मिक कार्यक्रम भले रद्द कर दिए हों लेकिन पुष्कर के बाजारों, घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचना लगातार जारी है. ऐसा इसलिए क्योंकि पवित्र सरोवर में कार्तिक पंचतीर्थ स्नान 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है, जो 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के महास्नान के साथ संपन्न होगा. इसी पवित्र स्नान के लिए देशभर से श्रद्धालुओं का पुष्कर आने का सिलसिला जारी है.
कार्तिक पंचतीर्थ महास्नान को लेकर देशभर से श्रद्धालुओं का पुष्कर आने का सिलसिला शुरू हो गया है. जिसके चलते सरोवर के किनारे घाटों पर श्रद्धलुओं की संख्या बढ़ने लगी है. कार्तिक माह के दौरान पुष्कर सरोवर पर तर्पण, श्राद्ध और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है. देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को स्थानीय प्रशासन और तीर्थ पुरोहित कोरोना गाइडलाइन की पालना करने की अपील कर रहे हैं.
ऐसे में सोमवार को जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और जिला पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप सिंह ने नगर के बाजारों, घाटों, मेला मैदान का निरीक्षण कर कोरोना गाइडलाइन की पालना को लेकर व्यवस्थाओं को परखा और एसडीएम दिलीप सिंह राठौड़ के साथ दिशा-निर्देशों पर चर्चा की.
कार्तिक मास की एकादशी से पूर्णिमा तक होने वाले धार्मिक पंचतीर्थ स्नान पर फिलहाल किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन भीड़ को रोकने के लिए तमाम तरह के प्रयास शुरू कर दिया गए हैं. एक और जहां मेला नहीं भरने की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा रही है, वहीं भीड़ को रोकने के लिए कस्बे के अंदर जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है.
पढे़ंः जानिए कैसे और किन तरीकों से साइबर ठगी का शिकार होते हैं लोग, बचने के ये हैं आसान उपाय
उधर पंचतीर्थ स्नान से पहले ही नगर में बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ से प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही हैं. प्रशासन ने पंचतीर्थ स्नान के लिए श्रद्धालुओं से पुष्कर नहीं आने की अपील की है. गौरतलब है कि कार्तिक एकादशी 25 नवंबर से कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर तक तीर्थ नगरी पुष्कर में धार्मिक मेला होता है. जिसको लेकर प्रशासन किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने के मिजाज में नहीं है. इसी के चलते पुष्कर क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है.