उदयपुर. प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर अब नेताओं ने भागदौड़ शुरू कर दी है. शुक्रवार को राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी झीलों की नगरी उदयपुर पहुंचे. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि अगर सीएम अशोक गहलोत पद छोड़ना चाहते हैं, तो एक मिनट में राज भवन जाकर इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन वे पद से चिपके रहना चाहते हैं.
दरअसल पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी माता त्रिपुर सुंदरी के दर्शन करने आए थे. इस दौरान एक होटल में मीडिया से बातचीत करते हुए देवनानी ने सीएम गहलोत के बयान पर पटवार किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को दिल्ली में एक बार फिर अपने इस बयान को दोहराया कि मैं मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह कुर्सी मुझे नहीं छोड़ रही. इस बयान पर देवनानी ने कहा कि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री कुर्सी से फेविकोल से चिपके हों, तो अलग बात है.
देवनानी ने मुख्यमंत्री गहलोत के बयान को पति-पत्नी की कहानी से जोड़ते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहाना कर रहे हैं. अगर उन्हें पद छोड़ना हो, तो एक मिनट में राजभवन जाकर इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पद से चिपके रहना चाहते हैं. इसलिए उन्हें 52 दिन होटल में बिताने पड़े. जब पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए कहा, तो वह मुख्यमंत्री बने रहना चाहते थे. देवनानी ने कहा कि सीएम गहलोत को पता है कि अगली बार उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा. इसलिए इस तरह की बातें कर रहे हैं. राजस्थान की जनता अशोक गहलोत और कांग्रेस को निपटाने के लिए तैयार बैठी हुई है.
देवनानी ने कहा कि पहली सूची जारी हुई उसमें कोई विरोध नहीं हुआ. परिवार में थोड़ी बहुत नाराजगी होती है. जेपी नड्डा के दौरे पर कहा कि डैमेज कंट्रोल के लिए नहीं आए, वे तो हर संभाग में दौरा कर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे रहे हैं. देवनानी ने कांग्रेस के अनुशासन को लेकर कहा कि कांग्रेस की बैठक में कांग्रेस के बड़े नेता भी शामिल नहीं होते हैं और बाद में अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक-दूसरे पर टिप्पणी करते हैं. मैंने यह नहीं कहा, मैंने यह नहीं कहा. देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री लेवल का व्यक्ति भी इस तरह की अनुशासनहीनता करता है, तो पूरी पार्टी ही अनुशासनहीन है.