ETV Bharat / state

Health Tips : अगर आपके शरीर में कहीं है गुच्छे नुमा पानी के छाले तो तुरंत करें इलाज, जानिए चर्म रोग विशेषज्ञ से हेल्थ टिप्स

हरपीज जोस्टर संक्रमित बीमारी है. इस रोग को लेकर आमजन में कई तरह की धारणा रही है. लोग इस रोग को हल्के में लेते हैं. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय पुरोहित ने इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी दी है.

dermatologist Doctor Sanjay Purohit
dermatologist Doctor Sanjay Purohit
author img

By

Published : Apr 7, 2023, 1:21 PM IST

Updated : Apr 7, 2023, 2:27 PM IST

जानिए चर्म रोग विशेषज्ञ से हेल्थ टिप्स

अजमेर. अगर आपके शरीर के आधे हिस्से में गुच्छेनुमा उभरे हुए छाले हैं तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. इसको आप हल्के में लेने की भूल न करें, क्योंकि ये आगे चलकर कष्टदायक बन सकता है. मेडिकल भाषा में इन गुच्छेनुमा छालों को हरपीज जोस्टर कहते हैं. हरपीज जोस्टर के कारण और बचाव को लेकर चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय पुरोहित ने हेल्थ टिप्स दिए हैं.

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय पुरोहित ने कहा कि हरपीज जोस्टर संक्रमित बीमारी है. इस रोग को लेकर आमजन में कई तरह की धारणा रही है. लोग इस रोग को हल्के में लेते हैं. शरीर पर फफोले होने का कारण मकड़ी मसलने को मानते हैं तो कुछ बाम से रिएक्शन, कुछ लोग तो इस रोग को एलर्जी मान लेते हैं और अपने तरीके से इलाज भी करना शुरू कर देते हैं. इस कारण हरपीज जोस्टर बढ़ने लगता है. इसमें कुछ दिनों में घुटनों में उभरे हुए पानी के छाले ठीक हो जाते हैं, लेकिन रोगी की नस में छाले सालों तक रहते हैं, जो आगे चलकर काफी पीड़ादायक बन जाते हैं. ऐसे में रोगी को तुरंत चर्म रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसका इलाज लेना चाहिए.

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय पुरोहित बताते हैं कि हरपीज जोस्टर का रोगी अगर 48 घंटे में चिकित्सक की सलाह से उपचार लेना शुरू कर देता है तो 5 दिन में यह रोग ठीक हो जाता है. डॉ. पुरोहित बताते हैं कि हरपीज जोस्टर बीमारी जीवन में केवल एक बार ही सामान्य व्यक्ति को होती है, लेकिन गंभीर बीमारियों से ग्रस्त ऐसे रोगी जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही कम होती है. उन रोगियों में हरपीज जोस्टर 1 बार से अधिक भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि हरपीज जोस्टर और हरपीज सिंपलेक्स को भी कई लोग एक ही रोग मान लेते हैं जबकि यह दोनों अलग-अलग रोग हैं. हरपीज सिंपलेक्स में होठों के ऊपरी हिस्सों पर महीन उभरे हुए पानी के छाले होते हैं.

यह है हरपीज जोस्टर रोग : चर्म रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि हरपीज जोस्टर रोग वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण होता है. यह वायरस चिकन पॉक्स का कारक माना जाता है. डॉ. पुरोहित बताते हैं कि वेरिसेला जोस्टर वायरस सुषुप्त अवस्था में रीढ़ की हड्डी में स्थित मेरुरजा में रहता है. यह कब एक्टिव होता है इसका अभी तक कोई कारण सामने नहीं आया है, लेकिन यह किसी भी व्यक्ति के जीवन में केवल एक बार ही एक्टिव हो पाता है. उन्होंने बताया कि वायरस के एक्टिव होने पर वह रीढ़ की हड्डी से होकर गुजरने वाली नस को प्रभावित करता है. इस वायरस का प्रभाव क्षेत्र भी उस नस का आपूर्ति क्षेत्र ही होता है. यानी जहां-जहां प्रभावित नस पहुंचती है वहां पर गुच्छेनुमा उभरे हुए पानी के छाले हो जाते हैं.

पढ़ें : ये लक्षण दिखें, तो ना करें नजरअंदाज, हो सकता है सोरायसिस, जानिए क्या कहते हैं चर्म रोग विशेषज्ञ

हरपीज जोस्टर रोग के लक्षण : वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण हरपीज जोस्टर रोग उत्पन्न होता है. रोगी के आधे शरीर पर गुच्छेनुमा उभरे हुए पानी के छाले हो जाते हैं. यह वायरस केवल उस प्रभावित नस के क्षेत्र को ही प्रभावित करेगा, जहां तक वह नस जाती है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि हरपीज जोस्टर के कारण होने वाले छल्लों में रोगी को तेज दर्द, जलन, खुजली, खिंचाव और चटके चलते हैं जो रोगी के लिए असहनीय होते हैं. कई लोग इसको एलर्जी समझ कर अपने हिसाब से ही उपचार लेना शुरू कर देते हैं. इस कारण रोग बढ़ने लगता है. वहीं, यह दर्द वर्षों तक रोगी को रहने की संभावना रहती है. दर्द के कारण रोगी का जीवन कष्टदायक बन जाता है.

पढ़ें : Health Tips : बवासीर और भगंदर की पीड़ा से बचाव के लिए करें ये उपाय, मिलेगी जल्द राहत

डॉ. पुरोहित बताते हैं कि इस कारण रोगी को खांसते, छीकते और उबासी लेते हुए भी दर्द होता है. कई बार रोगी दर्द की वजह से ठीक से सो भी नहीं पाता है. उन्होंने बताया कि वेरिसेला जोस्टर वायरस के एक्टिव होने के 48 घंटे तक रोगी चिकित्सक से सलाह लेकर यदि उपचार लेता है तो 5 दिन में हरपीज जोस्टर से रोगी को मुक्ति मिल जाती है. इसमें ज्यादा देर होना रोगी के लिए कष्टदायक बन जाता है. रोगी को सालों साल यह दर्द बना रहता है.

हरपीज जोस्टर होने पर रखे यह ख्याल : चर्म रोग विशेषज्ञ के अनुसार, हरपीज जोस्टर होने पर रोगी अपने कपड़े और टॉवल अन्य लोगों के कपड़ों से अलग रखें और धोएं. उन कपड़ों को तेज धूप में सुखाएं. साथ ही किसी भी व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में ना आएं. ऐसे रोगी के शरीर से वायरस संपर्क में आए व्यक्ति के शरीर में भी जा सकता है. ऐसा होने पर 20 दिन के अंदर संपर्क में आए व्यक्ति को चिकन पॉक्स होने की संभावना रहती है.

जानिए चर्म रोग विशेषज्ञ से हेल्थ टिप्स

अजमेर. अगर आपके शरीर के आधे हिस्से में गुच्छेनुमा उभरे हुए छाले हैं तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. इसको आप हल्के में लेने की भूल न करें, क्योंकि ये आगे चलकर कष्टदायक बन सकता है. मेडिकल भाषा में इन गुच्छेनुमा छालों को हरपीज जोस्टर कहते हैं. हरपीज जोस्टर के कारण और बचाव को लेकर चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय पुरोहित ने हेल्थ टिप्स दिए हैं.

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय पुरोहित ने कहा कि हरपीज जोस्टर संक्रमित बीमारी है. इस रोग को लेकर आमजन में कई तरह की धारणा रही है. लोग इस रोग को हल्के में लेते हैं. शरीर पर फफोले होने का कारण मकड़ी मसलने को मानते हैं तो कुछ बाम से रिएक्शन, कुछ लोग तो इस रोग को एलर्जी मान लेते हैं और अपने तरीके से इलाज भी करना शुरू कर देते हैं. इस कारण हरपीज जोस्टर बढ़ने लगता है. इसमें कुछ दिनों में घुटनों में उभरे हुए पानी के छाले ठीक हो जाते हैं, लेकिन रोगी की नस में छाले सालों तक रहते हैं, जो आगे चलकर काफी पीड़ादायक बन जाते हैं. ऐसे में रोगी को तुरंत चर्म रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसका इलाज लेना चाहिए.

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय पुरोहित बताते हैं कि हरपीज जोस्टर का रोगी अगर 48 घंटे में चिकित्सक की सलाह से उपचार लेना शुरू कर देता है तो 5 दिन में यह रोग ठीक हो जाता है. डॉ. पुरोहित बताते हैं कि हरपीज जोस्टर बीमारी जीवन में केवल एक बार ही सामान्य व्यक्ति को होती है, लेकिन गंभीर बीमारियों से ग्रस्त ऐसे रोगी जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही कम होती है. उन रोगियों में हरपीज जोस्टर 1 बार से अधिक भी हो सकता है. उन्होंने बताया कि हरपीज जोस्टर और हरपीज सिंपलेक्स को भी कई लोग एक ही रोग मान लेते हैं जबकि यह दोनों अलग-अलग रोग हैं. हरपीज सिंपलेक्स में होठों के ऊपरी हिस्सों पर महीन उभरे हुए पानी के छाले होते हैं.

यह है हरपीज जोस्टर रोग : चर्म रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि हरपीज जोस्टर रोग वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण होता है. यह वायरस चिकन पॉक्स का कारक माना जाता है. डॉ. पुरोहित बताते हैं कि वेरिसेला जोस्टर वायरस सुषुप्त अवस्था में रीढ़ की हड्डी में स्थित मेरुरजा में रहता है. यह कब एक्टिव होता है इसका अभी तक कोई कारण सामने नहीं आया है, लेकिन यह किसी भी व्यक्ति के जीवन में केवल एक बार ही एक्टिव हो पाता है. उन्होंने बताया कि वायरस के एक्टिव होने पर वह रीढ़ की हड्डी से होकर गुजरने वाली नस को प्रभावित करता है. इस वायरस का प्रभाव क्षेत्र भी उस नस का आपूर्ति क्षेत्र ही होता है. यानी जहां-जहां प्रभावित नस पहुंचती है वहां पर गुच्छेनुमा उभरे हुए पानी के छाले हो जाते हैं.

पढ़ें : ये लक्षण दिखें, तो ना करें नजरअंदाज, हो सकता है सोरायसिस, जानिए क्या कहते हैं चर्म रोग विशेषज्ञ

हरपीज जोस्टर रोग के लक्षण : वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण हरपीज जोस्टर रोग उत्पन्न होता है. रोगी के आधे शरीर पर गुच्छेनुमा उभरे हुए पानी के छाले हो जाते हैं. यह वायरस केवल उस प्रभावित नस के क्षेत्र को ही प्रभावित करेगा, जहां तक वह नस जाती है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि हरपीज जोस्टर के कारण होने वाले छल्लों में रोगी को तेज दर्द, जलन, खुजली, खिंचाव और चटके चलते हैं जो रोगी के लिए असहनीय होते हैं. कई लोग इसको एलर्जी समझ कर अपने हिसाब से ही उपचार लेना शुरू कर देते हैं. इस कारण रोग बढ़ने लगता है. वहीं, यह दर्द वर्षों तक रोगी को रहने की संभावना रहती है. दर्द के कारण रोगी का जीवन कष्टदायक बन जाता है.

पढ़ें : Health Tips : बवासीर और भगंदर की पीड़ा से बचाव के लिए करें ये उपाय, मिलेगी जल्द राहत

डॉ. पुरोहित बताते हैं कि इस कारण रोगी को खांसते, छीकते और उबासी लेते हुए भी दर्द होता है. कई बार रोगी दर्द की वजह से ठीक से सो भी नहीं पाता है. उन्होंने बताया कि वेरिसेला जोस्टर वायरस के एक्टिव होने के 48 घंटे तक रोगी चिकित्सक से सलाह लेकर यदि उपचार लेता है तो 5 दिन में हरपीज जोस्टर से रोगी को मुक्ति मिल जाती है. इसमें ज्यादा देर होना रोगी के लिए कष्टदायक बन जाता है. रोगी को सालों साल यह दर्द बना रहता है.

हरपीज जोस्टर होने पर रखे यह ख्याल : चर्म रोग विशेषज्ञ के अनुसार, हरपीज जोस्टर होने पर रोगी अपने कपड़े और टॉवल अन्य लोगों के कपड़ों से अलग रखें और धोएं. उन कपड़ों को तेज धूप में सुखाएं. साथ ही किसी भी व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में ना आएं. ऐसे रोगी के शरीर से वायरस संपर्क में आए व्यक्ति के शरीर में भी जा सकता है. ऐसा होने पर 20 दिन के अंदर संपर्क में आए व्यक्ति को चिकन पॉक्स होने की संभावना रहती है.

Last Updated : Apr 7, 2023, 2:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.