अजमेर. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की अजमेर में सक्रियता बढ़ने से उनके विरोधियों में खलबली मची हुई है. पायलट मंगलवार को अजमेर में थे. सर्किट हाउस में सचिन पायलट ने स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान पायलट समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. दरअसल, पायलट ने विगत विधानसभा चुनाव में अजमेर में केकड़ी को छोड़कर सभी जगह अपने लोगों को टिकट दिए थे. ऐसे में पायलट समर्थक टिकट के दावेदारों को लग रहा है कि टिकट देने की प्रक्रिया में पायलट की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी.
अजमेर से सचिन पायलट का गहरा नाता रहा है. कई कार्यक्रमों में सचिन पायलट खुद बोल चुके हैं कि अजमेर की वजह से उन्हें बहुत कुछ मिला है. सचिन पायलट अजमेर से सांसद रह चुके हैं. वहीं, सांसद रहते वह यूपीए सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे. पायलट अजमेर से दो बार सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं. उनका स्थानीय लोगों से जुड़ाव रहा है. यह बात और है कि अजमेर कांग्रेस में गुटबाजी से पायलट भी नहीं बच पाए. जग जाहिर है कि सत्ता पाने के लिए सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अदावत है. ऐसे में कांग्रेस में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट को लेकर दावेदार भी अपने-अपने नेताओं से टिकट को लेकर उम्मीदें लगाए बैठे हैं. अजमेर में सचिन पायलट का वर्चस्व रहा है.
पायलट को सीडब्लूसी का सदस्य बनाए जाने के बाद उनके समर्थक टिकट के दावेदारों की बांछें खिली हुई हैं. समर्थकों को लग रहा है कि इस बार भी पायलट उन्हें टिकट दिला देंगे. यही वजह है कि पायलट समर्थक दावेदारों ने सचिन पायलट के अजमेर में सक्रिय होने पर उनके स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. पिछले दिनों मसूदा में पायलट समर्थक विधायक राकेश पारीक और संग्राम सिंह गुर्जर ने मिलकर किसान सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें सचिन पायलट ने शिरकत की थी. इस बार पायलट अजमेर शहर में कार्यकर्त्ताओं से मिल रहे हैं. यानी पायलट के अजमेर दौरे ने चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है. चर्चा यह है कि सचिन पायलट अजमेर की 8 विधानसभा सीटों में से किसी एक पर चुनाव लड़ सकते हैं. मसूदा और नसीराबाद सीट उनके लिए मुफीद मानी जा रही है और पायलट के यहीं से चुनाव लड़ने की चर्चा है.
विरोधियों में मची खलबली : सचिन पायलट के अजमेर में सक्रिय होने से विरोधी गुट में खलबली मची हुई है. विरोधी गुट कोई और नहीं सीएम अशोक गहलोत के समर्थक दावेदार हैं जो टिकट को लेकर आशान्वित तो हैं ही, अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय भी हैं. ऐसे में पायलट की सक्रियता विरोधी गुट के दावेदारों के भविष्य पर असर डालेगी.
गहलोत समर्थक भी मिलने पहुंचे : पायलट ने सर्किट हॉउस में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात की. पायलट से मुलाकात करने उनके समर्थक ही नहीं, गहलोत समर्थक भी आए. जाहिर है पायलट के अजमेर में सक्रियता से उनकी जमीन ही सरकने लगी है. उन्हें लग रहा है कि टिकट मिलने के बाद भी पायलट का समर्थन जीत तक पहुंचने के लिए जरूरी है. यही वजह है कि केकड़ी विधायक रघु शर्मा, पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, पूर्व विधायक महेंद्र सिंह गुर्जर समेत कई गहलोत गुट के नेता भी सर्किट हॉउस में मौजूद रहे.
केंद्र सरकार साधा निशाना : पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दोरान केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. पायलट ने कहा कि 9 वर्ष से केंद्र में बीजेपी की सरकार है, लेकिन हर मोर्चे पर विफल रही है. महंगाई, बेरोजगारी, किसान, नौजवान त्रस्त हैं, लेकिन मीडिया मैनेजमेंट, प्रचार प्रसार, ध्यान भटकने और लोगों को गुमराह करने में नंबर वन है. पायलट ने कहा कि राजस्थान में इसका उल्टा है. यहां भाजपा विपक्ष में है, लेकिन विपक्ष का काम भी ठीक से पूरा नहीं कर पा रही है. इसके बाद थक हार कर भाजपा ने प्रदेश में यात्राएं शुरू की. पहले जन संघर्ष यात्रा शुरू की थी, जिसमें बीजेपी का संघर्ष तो नजर आया, लेकिन जन गायब था. वहीं, अब परिवर्तन यात्रा बीजेपी निकाल रही है. इसमें सिर-फुटव्वल मचा हुआ है. भाजपा में खींचतान बहुत है. पायलट ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में बीजेपी का प्रदर्शन कमजोर रहेगा. यहां चारों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनेगी.
कांग्रेस में दलित समाज के व्यक्ति को मिला अध्यक्ष का पद : पूर्व पीसीसी सचिव सचिन पायलट ने कहा कि लंबे अरसे बाद कांग्रेस में दलित समाज से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बनाया है. सीडब्ल्यूसी कमेटी बन चुकी है, इसमें मुझे भी जगह मिली है. नई ऊर्जा के साथ पार्टी के नेता धरातल पर काम कर रहे. कांग्रेस की ओर से प्रचार-प्रसार शुरू हो चुका है. सत्ता में कांग्रेस कल्याणकारी योजनाएं के माध्यम से जनता को राहत दे रही है. वहीं, मेरा मानना है कि संगठन के दम पर ही सरकारें बनती हैं. सभी लोग मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.