अजमेर. अजमेर केंद्रीय कारागार में बंदी की मौत के मामले में मृतक के पिता की ओर से दिए गए परिवाद पर अपर न्यायालय कोर्ट संख्या 3 ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. मृतक के पिता ने परिवाद में जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल समेत जेल के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर हत्या का आरोप लगाया है. 15 जनवरी को जेल में कैदी की मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कैदी के शरीर पर 17 चोटें पाई गईं. मृतक के पिता ने जेल में कैद पुत्र पर हमला कर उसकी हत्या करने की आशंका जताई है.
परिवादी की ओर से वकील भगवान सिंह चौहान ने बताया कि 15 जनवरी 2023 को बूंदी निवासी राजीव जैन उर्फ बबलू की केंद्रीय कारागार में मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर अलग-अलग जगहों पर 17 चोटें आने की बात सामने आई. इससे मृतक के पिता निर्मल कुमार जैन का शक गहरा गया और पुत्र राजीव जैन की हत्या की आशंका जताते हुए कोर्ट में परिवाद पेश किया.
परिवादी निर्मल कुमार के परिवार पर कोर्ट ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही केंद्रीय कारागार जेल की अधीक्षक सुमन मालीवाल, उप अधीक्षक लालचंद, वार्ड प्रहरी श्याम सिंह, रेशम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए है. वकील चौहान ने बताया कि परिवादी निर्मल जैन ने आरोप लगाया कि उसके पुत्र राजीव जैन उर्फ बबलू की ओर से जेल में अव्यवस्था को लेकर जेल प्रशासन को शिकायत की गई थी.
इस कारण आरोपी जेल अधीक्षक और अन्य अधिकारी और कर्मचारी उससे नाराज थे. जैन का आरोप है कि नाराज अधिकारी उसके पुत्र के खिलाफ अन्य कैदियों को भी भड़काया करते थे. इस कारण जेल में उसके पुत्र राजीव जैन उर्फ बबलू के साथ सामूहिक रुप से मारपीट की गई. मारपीट की वजह से जेल में ही उसकी मौत हो गई. बेटे की मौत से सदमे में आए पिता ने अब न्याय के लिए कोर्ट की शरण ली है.