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Ajmer hate speech case: अजमेर भड़काऊ भाषण मामले में 7 आरोपियों को कोर्ट में सुनाए आरोप

अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ बयान और नारेबाजी के मामले में आज 7 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. आरोपियों को कोर्ट ने आरोप सुनाए.

Ajmer hate speech case
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Published : Jan 21, 2023, 11:13 AM IST

Updated : Jan 21, 2023, 4:36 PM IST

अजमेर. अजमेर में 17 जून को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मुख्य द्वार के बाहर भड़काऊ बयान और सर तन से जुदा जैसे नारे लगाने के आरोप में मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती समेत सात आरोपियों को एडीजे कोर्ट संख्या-4 में शनिवार को पेश किया गया. कोर्ट ने मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती समेत सात आरोपियों को मुकदमे के तहत तय आरोप सुनाए गए.

एडीजे कोर्ट संख्या-4 के लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि 17 जून को मुख्य आरोपी गोहर चिश्ती समेत सात आरोपियों ने दरगाह के निजाम गेट पर खड़े होकर सर तन से जुदा भड़काऊ नारा लगाया था. दरगाह थाने में इन 7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने इन सातों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी जिस पर बहस होने के बाद आरोप तय किए गए.

इसके तहत मुख्य आरोपी गोहर चिश्ती समेत सात आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश कर उन्हें आरोप सुनाए गए. कोर्ट ने धारा 302/115 के आरोप तय किए हैं. बचाव पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ धारा 115 नहीं लगाने को लेकर पैरवी की गई थी. लोक अभियोजक की ओर से दलील दी गई कि आरोपियों की ओर से हेट स्पीच दी गई है जिस कारण उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड हुआ है.

यह हैं भड़काऊ बयानबाजी और नारे लगाने वाले आरोपी: मामले में मुख्य आरोपी गोहर चिश्ती ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में खादिम है. उसके अलावा तंजीम सिद्धकी, रियाज़ हसन, फखर जमाली, मोइन खान, एहसानुल्लाह, नासिर खान को भी कोर्ट ने आरोप सुनाए हैं.

इन धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा: लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि आईपीसी की धारा 302/ 115, 506, 504, 188, 149, 143 और 117 के तहत आरोपियों के खिलाफ दरगाह थाने में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.

इसे भी पढ़ें - Ajmer Hate Speech Accuse Gauhar: आज खत्म हो रही है गौहर चिश्ती की रिमांड अवधि, न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पुलिस करेगी पेश

सरवर चिश्ती से एनआईए ने की पूछताछ: अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पूछताछ की. नोटिस जारी करके एनआईए ने उन्हें शुक्रवार को जयपुर बुलाया था. एनआईए ने सरवर चिश्ती से पीएफआई से उनके संपर्क और फंडिंग को लेकर पूछताछ की है. चिश्ती कोटा में पीएफआई के कार्यक्रम में भी शरीक हुए थे और कार्यक्रम में उन्होंने मंच भी साझा किया था. इसके अलावा बेंगलुरु और दिल्ली में भी पीएफआई के कार्यक्रमों में वह शामिल हो चुके हैं. पूर्व में सरवर चिश्ती ने पीएफआई को मुसलमानों की बेहतरी के लिए काम करने का बयान भी दिया था.

सरवर चिश्ती का विवादों से नाता: सरवर चिश्ती कई बार विवादास्पद बयान दे चुके हैं. वहीं, अजमेर में 26 जून को सकल हिंदू समाज की ओर से शांति मार्च निकाला गया था. इस दिन सरवर चिश्ती का एक वीडियो सामने आया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकाला तो फिर सकल हिंदू समाज ने जुलूस क्यों निकाला. उनका ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था.इसके बाद 15 जून को अंजुमन कमेटी के चुनाव के बाद एक मीटिंग का वीडियो भी सामने आया था. जिसमें सरवर चिश्ती लोगों को संबोधित करते नजर आए थे. इसके बाद सरवर चिश्ती के बेटे आदिल चिश्ती का भी एक विवादित वीडियो सामने आया था.

अजमेर. अजमेर में 17 जून को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मुख्य द्वार के बाहर भड़काऊ बयान और सर तन से जुदा जैसे नारे लगाने के आरोप में मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती समेत सात आरोपियों को एडीजे कोर्ट संख्या-4 में शनिवार को पेश किया गया. कोर्ट ने मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती समेत सात आरोपियों को मुकदमे के तहत तय आरोप सुनाए गए.

एडीजे कोर्ट संख्या-4 के लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि 17 जून को मुख्य आरोपी गोहर चिश्ती समेत सात आरोपियों ने दरगाह के निजाम गेट पर खड़े होकर सर तन से जुदा भड़काऊ नारा लगाया था. दरगाह थाने में इन 7 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने इन सातों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी जिस पर बहस होने के बाद आरोप तय किए गए.

इसके तहत मुख्य आरोपी गोहर चिश्ती समेत सात आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश कर उन्हें आरोप सुनाए गए. कोर्ट ने धारा 302/115 के आरोप तय किए हैं. बचाव पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ धारा 115 नहीं लगाने को लेकर पैरवी की गई थी. लोक अभियोजक की ओर से दलील दी गई कि आरोपियों की ओर से हेट स्पीच दी गई है जिस कारण उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड हुआ है.

यह हैं भड़काऊ बयानबाजी और नारे लगाने वाले आरोपी: मामले में मुख्य आरोपी गोहर चिश्ती ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में खादिम है. उसके अलावा तंजीम सिद्धकी, रियाज़ हसन, फखर जमाली, मोइन खान, एहसानुल्लाह, नासिर खान को भी कोर्ट ने आरोप सुनाए हैं.

इन धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा: लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि आईपीसी की धारा 302/ 115, 506, 504, 188, 149, 143 और 117 के तहत आरोपियों के खिलाफ दरगाह थाने में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.

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सरवर चिश्ती से एनआईए ने की पूछताछ: अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पूछताछ की. नोटिस जारी करके एनआईए ने उन्हें शुक्रवार को जयपुर बुलाया था. एनआईए ने सरवर चिश्ती से पीएफआई से उनके संपर्क और फंडिंग को लेकर पूछताछ की है. चिश्ती कोटा में पीएफआई के कार्यक्रम में भी शरीक हुए थे और कार्यक्रम में उन्होंने मंच भी साझा किया था. इसके अलावा बेंगलुरु और दिल्ली में भी पीएफआई के कार्यक्रमों में वह शामिल हो चुके हैं. पूर्व में सरवर चिश्ती ने पीएफआई को मुसलमानों की बेहतरी के लिए काम करने का बयान भी दिया था.

सरवर चिश्ती का विवादों से नाता: सरवर चिश्ती कई बार विवादास्पद बयान दे चुके हैं. वहीं, अजमेर में 26 जून को सकल हिंदू समाज की ओर से शांति मार्च निकाला गया था. इस दिन सरवर चिश्ती का एक वीडियो सामने आया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकाला तो फिर सकल हिंदू समाज ने जुलूस क्यों निकाला. उनका ये वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था.इसके बाद 15 जून को अंजुमन कमेटी के चुनाव के बाद एक मीटिंग का वीडियो भी सामने आया था. जिसमें सरवर चिश्ती लोगों को संबोधित करते नजर आए थे. इसके बाद सरवर चिश्ती के बेटे आदिल चिश्ती का भी एक विवादित वीडियो सामने आया था.

Last Updated : Jan 21, 2023, 4:36 PM IST
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