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अजमेर: नसीराबाद के 201वें स्थापना दिवस पर छावनी परिषद ने 'यादों के पदचिन्ह' स्मारिका का किया विमोचन - नसीराबाद खबर

अजमेर स्थित नसीराबाद के 201 वें स्थापना दिवस पर छावनी परिषद में 'यादों के पदचिन्ह' स्मारिका का विमोचन किया गया. इस दौरान छावनी बोर्ड अध्यक्ष राजीव चौहान ने नसीराबाद कैंट को देश का सबसे अच्छा कैंट बनने की बात कही.

नसीराबाद का 201 वां स्थापना दिवस, 201st Foundation Day of Nasirabad
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Published : Nov 20, 2019, 11:03 PM IST

अजमेर. जिले में स्थित नसीराबाद के 201 वें स्थापना दिवस पर बुधवार को स्थानीय छावनी परिषद में 'यादों के पदचिन्ह' स्मारिका का विमोचन छावनी बोर्ड अध्यक्ष और सेना स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर राजीव चौहान ने किया. इस दौरान समारोह में सेना के मनोनीत सदस्य गेरीसन इंजीनियर मेजर अलीफ मंसूर , कर्नल अमर जुल्का , परिषद सिविल एरिया कमेटी चेयरमेन योगेश सोनी , पार्षद रोहिताश शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

नसीराबाद के 201 वें स्थापना दिवस पर स्मारिका का हुआ विमोचन

इस मौके पर राजीव चौहान ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह किताब नसीराबाद के लोगों को समर्पित है, जो 200 सालों से यहां रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि नसीराबाद छावनी का एक ऐतिहासिक और सामरिक महत्व रहा है. क्यों की वर्ष 1857 में राजस्थान में स्वंतन्त्रता की लड़ाई यही से शुरू हुई थी. उन्होंने सभी को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई की हमारा नसीराबाद कैंट देश में सबसे अच्छा कैंट बनेगा.

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उल्लेखनीय है कि नसीराबाद छावनी की स्थापना अंग्रेज जनरल सर डेविड आक्टर लोनी ने 20 नवम्बर 1818 को की थी. और 28 मई 1857 में स्वंतन्त्रता संग्राम की पहली चिंगारी नसीराबाद से ही उठी थी .वहीं, दूसरी ओर स्मारिका में नसीराबाद के कई ऐतिहासिक स्थल शामिल नहीं किए जाने से सवालों में घिर गई.

इस दौरान पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर ने कहा कि कस्बे में 1956 में स्थापित बापू की प्रतिमा, 125 वर्ष पुरानी सेठ ताराचंद सेठी की नसिया, फुलागंज स्थित मुस्लिम समाज की जामा मस्जिद जो 100 वर्ष पुरानी है. इन्हें ऐतिहासिक स्थलों में क्यों शामिल नहीं किया गया. आगे उन्होंने कहा कि जवाहर उद्यान जहां देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु आम जन से रूबरू हुए, लक्ष्मी छवि गृह, आर्य समाज भवन सहित कई अन्य जगहों को नजर अंदाज किया गया. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है.

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इस मौके पर नसीराबाद किराना व्यापार संघ और स्टेशन रोड व्यापार संघ अध्यक्ष गिरीश गोविन्दानी ने भी कहा की स्मारिका विमोचन सराहनीय कदम है. अगर कुछ और नसीराबाद की एतिहासिक धरोहरों को शामिल किया जाता तो यह नसीराबाद के लिए अच्छा होता. वहीं, छावनी परिषद सिविल एरिया कमेटी के चेयरमेन योगेश सोनी ने कहा की जो भी ऐतिहासिक स्थल छूट गए हैं उनको आने वाले समय में सुधार कर शामिल किया जाएगा.

अजमेर. जिले में स्थित नसीराबाद के 201 वें स्थापना दिवस पर बुधवार को स्थानीय छावनी परिषद में 'यादों के पदचिन्ह' स्मारिका का विमोचन छावनी बोर्ड अध्यक्ष और सेना स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर राजीव चौहान ने किया. इस दौरान समारोह में सेना के मनोनीत सदस्य गेरीसन इंजीनियर मेजर अलीफ मंसूर , कर्नल अमर जुल्का , परिषद सिविल एरिया कमेटी चेयरमेन योगेश सोनी , पार्षद रोहिताश शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

नसीराबाद के 201 वें स्थापना दिवस पर स्मारिका का हुआ विमोचन

इस मौके पर राजीव चौहान ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह किताब नसीराबाद के लोगों को समर्पित है, जो 200 सालों से यहां रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि नसीराबाद छावनी का एक ऐतिहासिक और सामरिक महत्व रहा है. क्यों की वर्ष 1857 में राजस्थान में स्वंतन्त्रता की लड़ाई यही से शुरू हुई थी. उन्होंने सभी को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई की हमारा नसीराबाद कैंट देश में सबसे अच्छा कैंट बनेगा.

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उल्लेखनीय है कि नसीराबाद छावनी की स्थापना अंग्रेज जनरल सर डेविड आक्टर लोनी ने 20 नवम्बर 1818 को की थी. और 28 मई 1857 में स्वंतन्त्रता संग्राम की पहली चिंगारी नसीराबाद से ही उठी थी .वहीं, दूसरी ओर स्मारिका में नसीराबाद के कई ऐतिहासिक स्थल शामिल नहीं किए जाने से सवालों में घिर गई.

इस दौरान पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर ने कहा कि कस्बे में 1956 में स्थापित बापू की प्रतिमा, 125 वर्ष पुरानी सेठ ताराचंद सेठी की नसिया, फुलागंज स्थित मुस्लिम समाज की जामा मस्जिद जो 100 वर्ष पुरानी है. इन्हें ऐतिहासिक स्थलों में क्यों शामिल नहीं किया गया. आगे उन्होंने कहा कि जवाहर उद्यान जहां देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु आम जन से रूबरू हुए, लक्ष्मी छवि गृह, आर्य समाज भवन सहित कई अन्य जगहों को नजर अंदाज किया गया. उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है.

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इस मौके पर नसीराबाद किराना व्यापार संघ और स्टेशन रोड व्यापार संघ अध्यक्ष गिरीश गोविन्दानी ने भी कहा की स्मारिका विमोचन सराहनीय कदम है. अगर कुछ और नसीराबाद की एतिहासिक धरोहरों को शामिल किया जाता तो यह नसीराबाद के लिए अच्छा होता. वहीं, छावनी परिषद सिविल एरिया कमेटी के चेयरमेन योगेश सोनी ने कहा की जो भी ऐतिहासिक स्थल छूट गए हैं उनको आने वाले समय में सुधार कर शामिल किया जाएगा.

Intro:
नसीराबाद / अजमेर केन्द्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन स्थानीय निकाय छावनी परिषद में बुधवार को समारोह पूर्वक नसीराबाद छावनी के वर्ष 1818 – से वर्ष 2018 को छावनी के स्थापना को 200 वर्ष पूर्ण होकर 201 वी वर्षगाठ के अवसर पर “ यादो के पदचिन्ह “ स्मारिका का छावनी परिषद परिसर में छावनी बोर्ड अध्यक्ष व सेना स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर राजीव चोहान ने विमोचन किया .

इस मोके पर राजीव चोहान ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा की यह किताब समर्पित हे नसीराबाद के लोगो को जो की दो सो साल से यहाँ रह रहे जिनमे पुरानी पीढ़ी , आज की पीढ़ी व आगे आने वाली पीढ़ी को क्यों की आज हम 201 वा स्थापना दिवस मना रहे हे .

चोहान ने कहा की नसीराबाद छावनी का एक एतिहासिक व सामरिक महत्व रहा हे क्यों की वर्ष 1857 में राजस्थान में स्वंतन्त्रता की लड़ाई यहा से शुरू हुई थी और उन्होंने सभी को शुभकामनाये देते हुए उम्मीद जताई की हमारा नसीराबाद केंट देश में सबसे अच्छा केंट बनेगा .

समारोह में सेना के मनोनीत सदस्य गेरीसन इंजीनियर मेजर अलीफ मंसूर , कर्नल अमर जुल्का , परिषद सिविल एरिया कमेटी चेयरमेन योगेश सोनी , पार्षद रोहिताश शर्मा , पार्षद अनिरुद्ध खंडेलवाल , पार्षद अजय बोहरा , पार्षद तरन्नुम अख्तर , पार्षद अनीता मेहरा , पार्षद श्रवण लाल सुकरिया सहित पूर्व उपाध्यक्ष माणक चंद खींची , पूर्व पार्षद मुरली यादव व ओमप्रकाश खनकवाल एवं गणमान्य नागरिक व परिषद कर्मी भी मोजूद रहे .

उल्लेखनीय हे की नसीराबाद छावनी की स्थापना अंग्रेज जनरल सर डेविड आक्टर लोनी ने 20 नवम्बर 1818 को की थी तथा वर्ष 28 मई 1857 में स्वंतन्त्रता संग्राम की पहली चिंगारी नसीराबाद से उठी थी .

वही दूसरी और स्मारिका में नसीराबाद के कई एतिहासिक स्थल शामिल नही किये जाने से सवालों में घिर गई .

पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर ने स्मारिका पर सवालिया निशान लगाते हुए तथा कई एतिहासिक स्थल शामिल नही किये जाने को लेकर जानबूझ तथा राजनीती से प्रेरित होना बताते हुए कहा की स्मारिका में कस्बे में 1956 में स्थापित बापू की प्रतिमा , फ्रामजी चोक स्थित 125 वर्ष पुरानी सेठ ताराचंद सेठी की नसिया , फुलागंज स्थित मुस्लिम समाज की जामा मस्जिद जो 100 वर्ष पुरानी , गाँधी चोक के निकट जवाहर उधान जहा पर देश के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरु आम जन से रूबरू हुए , फ्रामजी गार्डन , लक्ष्मी छवि गृह , आर्य समाज भवन , लारी रोड स्थित गुरुद्वारा सहित अन्य कई एतिहासिक स्थलों को शामिल नही कर नजर अंदाज किया गया हे जो की उचित नही हे और इनको शामिल किया जाना चाहिये था .

नसीराबाद किराना व्यापार संघ व स्टेशन रोड व्यापार संघ अध्यक्ष गिरीश गोविन्दानी ने भी कहा की स्मारिका विमोचन सराहनीय कदम हे अगर कुछ और नसीराबाद की एतिहासिक धरोहरों को शामिल किया जाता तो चार चाँद लग जाते .

इस मामले में छावनी परिषद सिविल एरिया कमेटी चेयरमेन योगेश सोनी ने कहा की जो भी एतिहासिक स्थल छुट गये हे उनको आने वाले समय में सुधार कर शामिल किया जायेगा .

अब देखने वाली बात यह होती हे की छावनी परिषद इस और क्या कदम उठाती हे .

-------------------------------------------------------------------------------------1 .ब्रिगेडियर राजीव चोहान_छावनी बोर्ड अध्यक्ष व सेना स्टेशन कमांडर

बाईट_रामनारायण गुर्जर_पूर्व विधायक

बाईट_योगेश सोनी_चेयरमेन_सिविल एरिया कमेटी




Body:अतुल सेठी संवाददाता नसीराबाद RJC10078Conclusion:9414379851
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