अजमेर. प्रदेश के 10 लाख नव मतदाताओं को जुड़ने के लिए बीजेपी ने कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए बीजेपी 22 से 28 जनवरी तक नव मतदाता अभियान चलाने जा रही है. इस अभियान का मकसद नव मतदाताओं को जोड़ना और संपर्क और संवाद है. अजमेर शहर बीजेपी अध्यक्ष डॉक्टर प्रियशील हाडा के साथ पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रेस कांफ्रेंस की. इस अभियान की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में मतदाता सूची में 10 लाख नए मतदाता इस साल जुड़ेंगे.
नव मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन अभियान: बीजेपी नेता ने कहा कि लोकतंत्र में मतदाता महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं. मतदाताओं की भूमिका राष्ट्रीय निर्माण में महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में बीजेपी नव मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन करने का अभियान चला रही है. इसके तहत नव मतदाताओं से बीजेपी कार्यकर्ता बूथ स्तर पर संपर्क कर उनसे संवाद करेंगे. देवनानी ने बताया कि तीन चरणों में नव मतदाता अभियान चलेगा. स्कूल कॉलेज और कोचिंग इंस्टिट्यूट में युवाओं को जोड़ने का काम होगा. इनमें 17 साल के आयु वर्ग के लड़के लड़कियों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि वह 2024 में जब 18 साल के होंगे तब वह बीजेपी से जुड़कर राष्ट्रीय निर्माण में अपना सहयोग करेंगे.
मोदी ने दिया हर वर्ग के लिए कार्यक्रम: देवनानी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग के लिए योजनाएं और कार्यक्रम दिए हैं. नव मतदाताओं को जोड़ने का कार्यक्रम भी इनमें से एक है. बीजेपी ने बताया कि प्रत्येक बूथ पर 100 नव मतदाताओं को जोड़ने का लक्ष्य है. सरकारी स्तर पर ऐसे नव मतदाताओं के नाम जुड़वाने में भी बीजेपी कार्यकर्ता सहयोग करेंगे. देवनानी ने कहा, अजमेर उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कुल सवा चार लाख मतदाता हैं, जबकि जिले में 70 हजार 844 नव मतदाता हैं.
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सीबीआई जांच का मुद्दा पहले बीजेपी ने उठाया: पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा, 16 परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई की जांच की मांग सदन से सड़क तक बीजेपी ने पहले उठाई है. देवनानी ने बताया कि पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई की जांच की मांग को लेकर 5 दिन तक बीजेपी ने सदन को चलने नहीं दिया. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार पिछले प्रकरण में एसओजी जांच की बात करती है, लेकिन एसओजी के अधिकारी खुद रिश्वतखोरी के मामले में पकड़े जा रहे हैं. एसओजी जिन दो मुख्य आरोपियों को फरार बता रही है. वह जयपुर में खुलेआम घूम रहे हैं और कोचिंग इंस्टीट्यूट चला रहे हैं. ऐसे में एसओजी से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती.