अजमेर. जिले के पिपरौली गांव में दलित दूल्हे को घोड़ी नहीं चढ़ने देने का मामला चर्चा में आने के बाद प्रशासन और पुलिस सतर्क हो गए थे. गांव के लोगों से चर्चा करने के बाद पुलिस ने सुरक्षा के तौर पर कड़े इंतजाम किए थे. इनमें पांच स्थानों के थाना प्रभारी और पुलिस जाब्ते को गांव में तैनात किया गया था ताकि किसी तरह की हिंसा या विरोध ना हो सके. इस दौरान गांव में दलित दूल्हे की बिंदोरी धूमधाम से निकली गई.
खास बात यह है कि गांव के जागरूक लोगों की वजह से पहली बार पिपरौली में दलित दूल्हे की बिंदोरी घोड़ी पर निकली है और उसका स्वागत गांव में रहने वाले सभी धर्म के लोगों ने किया. पिपरौली गांव में इस सामाजिक बदलाव में गांव के जागरूक लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. जागरूक लोगों में शामिल क्षेत्र के पंचायत समिति के सदस्य शक्ति प्रताप सिंह ने बताया कि गांव में सभी धर्मों के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं.
पंचायत समिति के सदस्य शक्ति प्रताप सिंह बताया कि सामाजिक संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने सुखदेव बैरवा और उनके परिवार को बरगलाया था. इससे सुखदेव बैरवा ने कलेक्टर और एसपी को गांव में बिंदोरी नहीं निकलने देने की शिकायत की थी. जबकि ऐसा मामला गांव में नहीं था. उन्होंने बताया कि गांव में दूल्हे नंदलाल बैरवा की शादी की खुशी में सभी लोग शरीक हुए हैं और गांव में रहने वाले सभी धर्म के लोगों ने बिंदोरी का स्वागत भी किया है.
बता दें, दूल्हे नंदलाल बैरवा के भाई ओम प्रकाश बैरवा ने बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जिला कलेक्टर और एसपी को शिकायत की थी. साथ ही बिंदोरी निकाले जाने के दौरान सुरक्षा की मांग की थी. जिसके बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दलित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराया. जिसके बाद से पिपरौली में दलित दूल्हे की बिंदोरी शांतिपूर्वक निकलने के बाद प्रशासन और पुलिस ने चैन की सांस ली है.