अजमेर. रोडवेज में बस परिचालकों की कमी को पूरा करने के लिए शुरू की गई बस सारथी योजना में बेरोजगारों ने रूचि दिखाना शुरू किया है. इस माह नौ बस सारथी ने आवेदन किया है. जिनको बसें आंवटित भी कर दी गई है. पिछले माह इनकी सखंख्या आठ थी. बस सारथी की संख्या बढ़ने से रोडवेज को परिचालकों की कमी से कुछ राहत मिलेगी.
रोडवेज में परिचालकों की कमी को पूरा करने के लिए संशोधन कर जुलाई 2019 में बस सारथी योजना शुरू की गई थी. इसके तहत बस सारथी को न केवल ज्यादा मेहनताना तय किया बल्कि ज्यादा यात्री भार वाली बसें भी उपलब्ध कराने का प्रावधान किया. मासिक आय भी 8 हजार 100 रुपए से बढ़ाकर 11 हजार रुपए कर दिए गए थे. यह राशि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप आय लाने पर दिए जाने का प्रावधान है. योजना में डीलक्स, वातानुकूलित और वोल्वो बसों को छोड़कर आगार में संचालित अन्य बसें बस सारथी को आवंटित करने के निर्देश दिए. शुरूआती दौर में तो एक से लेकर पांच ही बस सारथी सेवाएं दे रहे थे.
गत माह आठ बस सारथी थे लेकिन इस बार जनवरी माह में अब तक नौ बस सारथी पंजीकृत हो चुके है. मुख्य प्रबंधक रघुराज सिंह राजावत ने बताया कि इस माह अभी तक नौ बस सारथी ने आवेदन किया और बसों का आवंटन कर दिया है. उन्होनें बताया कि पिछले माह इनकी संखया आठ थी. लेकिन, 9 और के आवेदन करने से परिचालकों की कमी से कुछ राहत मिलती है. परिचालक की कमी के कारण कई बार से रूट पर संचालित नहीं हो पाती है.
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राजावत ने बताया कि चालक परिचालकों की कमी के बावजूद ब्यावर आगार यात्री भार के मामले में प्रदेश स्तर पर दिसम्बर माह में दूसरे स्थान पर रहा है. प्रथम स्थान पर राजसमंद और दूसरे स्थान पर ब्यावर के साथ शाहपुरा, सवाई माधोपुर आगरा भी है. राजावत ने बताया कि यात्री भार के लक्ष्य पर चार प्रतिशत ज्यादा यात्री भार अर्जित कर ब्यावर ने दूसरा स्थान पाप्त किया है.